World Sanskrit Day :संस्कृतेन सह भारतस्य संबन्धः विशिष्टः-PM मोदी

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संस्कृत दिवस पर विशेष

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

आज विश्व संस्कृत दिवस है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि भारत का संस्कृत के साथ बेहद खास रिश्ता है।पीएम मोदी ने ‘एक्स’ पर किए गए एक पोस्ट में कहा, “मैं उन सभी की सराहना करता हूं, जो इसके बारे में भावुक हैं। भारत का संस्कृत के साथ बेहद खास रिश्ता है।” प्रधानमंत्री ने लोगों से संस्कृत का एक वाक्य साझा करने का भी आग्रह किया।

दुनिया भर के लोग सीखेंगे भारत की संस्कृति’

संस्कृत में किए गए एक पोस्ट में प्रधानमंत्री ने आगामी दिनों में होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन को लेकर बात की। उन्होंने बताया कि भारत की मेजबानी में होने वाले इस सम्मेलन में दुनिया भर से लोग भारत आएंगे और यहां की महान संस्कृति के बारे में सीखेंगे।

पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ में किया था जिक्र

पीएम मोदी ने 27 अगस्त को रेडियो पर प्रसारित मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात‘ में भी विश्व संस्कृत दिवस का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था कि इस बार उन्हें संस्कृत में भी बहुत पत्र मिले हैं, क्योंकि सावन मास की पूर्णिमा को इस बार विश्व संस्कृत दिवस मनाया जाएगा।

‘संस्कृत में लोगों को लेकर बढ़ा गर्व का भाव’

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज लोगों में संस्कृत को लेकर जागरूकता और गर्व का भाव बढ़ा है। इसके पीछे बीते सालों में देश का विशेष योगदान भी हैं। उन्होंने कहा कि तीन संस्कृत डीम्स विश्वविद्यालयों को केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अलग-अलग शहरों में संस्कृत विश्वविद्यालयों के कई कॉलेज और संस्थान भी चल रहे हैं। आईआईटी और आईआईएम जैसे संस्थानों में भी संस्कृत केंद्र काफी पॉपुलर हो रहे हैं। यह दिन संस्कृत भाषा को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। संस्कृत को देववाणी यानी देवताओं की वाणी भी कहा जाता है।

संस्कृत दिवस क्यों मनाया जाता ?

संस्कृत में हमारे अधिकांश धार्मिक ग्रंथ वेद, पुराण, रामायण, उपनिषद, महाभारत, भागवद् गीता, शाकुंतलम, रघुवंश महाकाव्य, एवं समस्त कल्याणकारी मंत्र आदि लिखें गए हैं. इसके बावजूद संस्कृत भाषा का प्रयोग कम हो रहा है, इसलिए समाज में संस्कृत के महत्व बढ़ाने के लिए विश्व संस्कृत दिवस मनाया जाता है.

विश्व संस्कृत दिवस इतिहास

संस्कृत भाषा की उत्पत्ति भारत में करीब 3500 वर्ष पहले हुई थी. विश्व संस्कृत दिवस को पहली बार साल 1969 में मनाया गया था. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने राज्य और केंद्र सरकारों को इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी किया था.

विश्व संस्कृत दिवस के मौके पर देशभर में संगोष्ठियों, व्याख्यानों और बैठक का आयोजन किया जाता है. राजस्थान संस्कृत अकादमी और संस्कृत विश्वविद्यालय ने संयुक्त रूप से एक सप्ताह तक चलने वाले उत्सव का आयोजन किया है.

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