16 अप्रैल 1853: 171 साल पहले रेलवे ने चलाई थी पहली ट्रेन

16 अप्रैल 1853: 171 साल पहले रेलवे ने चलाई थी पहली ट्रेन

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow

 बोरी बंदर से ठाणे तक 34 किलोमीटर तक रेलवे चली

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

भारतीय रेलवे राष्ट्र की परिवहन रीढ़ के रूप में जाना जाता है और यह दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क है. शहरों के बाहरी इलाकों से लेकर व्यस्त शहरी इलाकों तक, भारतीय रेल नेटवर्क पूरे देश में फैला हुआ है. गौरतलब है कि भारतीय रेलवे ने 16 अप्रैल, 1853 को बोरी बंदर से ठाणे तक 34 किलोमीटर की दूरी तय करने वाली पहली यात्री रेलगाड़ी चलाई थी. इसे तीन इंजनों – साहिब, सुल्तान और सिंध – द्वारा चलाया जाता था, और इसमें तेरह डिब्बे थे. तब से, इस दिन को भारतीय रेल परिवहन दिवस के रूप में मनाया जाता है. आज वही दिन है और इसे 171 साल बीत चुके हैं.

भारतीय रेलवे के मुताबिक, 16 अप्रैल, 1853 को औपचारिक उद्घाटन समारोह हुआ था. उस दिन करीब 400 मेहमानों को ले जाने वाली 14 रेल की डिब्बियां बोरी बंदर से ढेर सारे लोगों की तालियों और 21 तोपों की सलामी के बीच दोपहर 3:30 बजे रवाना हुईं. सेंट्रल रेलवे ने इस अवसर को मनाने के लिए एक्स सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक पुरानी तस्वीर शेयर की और लिखा, “आज से ठीक 171 साल पहले, 1853 में, बोरी बंदर से ठाणे तक पहली ट्रेन की शुरुआती यात्रा के साथ भारत ने परिवहन के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर पार किया. इस महत्वपूर्ण क्षण ने संपर्क के एक नए युग की शुरुआत की जिसने देश के भविष्य को आकार दिया.”

किसने भारत में ट्रेन चलाने का किया फैसला
1848 में लार्ड डलहौजी जब भारत के गवर्नर जनरल बने तो उन्होंने भारत में ट्रेन चलाने का फैसला किया. इसके लिए ग्रेट इंडियन पेनिनसुला रेल कंपनी को आर्डर दिया गया और 1850 में मुंबई से ठाणे के लिए रेल लाइन बिछाने का काम शुरू किया गया. आखिरकार वो वक्त भी आया जब साल 1853 में पहली ट्रेन चलाई गई.

ट्रेन को 21 तोपों की दी गई सलामी
ये मौका न सिर्फ ब्रिटिश हुकूमत बल्कि भारतीयों के लिए भी बेहद खास था. इसलिए सरकारी सतह पर इस मौके को यादगार और शानदार बनाने की पूरी तैयारी की गई. नई ट्रेन को तोपों की सलामी के साथ रवाना किए जाने का फैसला हुआ और इसी फैसले की कड़ी में ट्रेन को 21 तोपों की सलामी देकर रवाना किया गया था.

पहली ट्रेन का निर्माण ब्रिटिश इंजीनियर रिचर्ड ट्रेविथिक ने किया था, जिन्होंने ट्रेन के इंजन को चलाने के लिए भाप का इस्तेमााल किया था.

1969 में चली पहली सुपरफास्ट ट्रेन
देश में पहली ट्रेन चलने के बाद धीरे-धीरे भारतीय रेल का नेटवर्क बढ़ता गया. तीन लाइन नैरोगेज, मीटरगेज, ब्रॉडगेज पर ट्रेनें चलने लगी. 1 मार्च 1969 को भारत की पहली सुपरफास्ट ट्रेन ब्रॉडगेज लाइन पर चलाई गई. यह ट्रेन दिल्ली से हावड़ा के बीच चलाई गई थी.

1947 में जब भारत दो भागों में बंट गया तब रेलवे पर भी इसका असर पड़ा. इस दौरान नव निर्मित 40 फीसदी से ज्यादा नेटवर्क पाकिस्तान के पास चले गए. लेकिन भारतीय रेल के विकास का काम लगातार जारी रहा और इसी का नतीजा है कि आज भारतीय रेलवे दुनिया का सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क है.

इसी का नतीजा है कि आज भारतीय रेलवे की कुल लंबाई 167,018 किलोमीटर (103,783 मील) के करीब है. पटरियों की लंबाई की बात करें तो ये 121,369 किलोमीटर (75,435 मील) है, जबकि स्टेशनों की संख्या: 7,342 है. रोजाना लगभग 2.3 करोड़ यात्री ट्रेन में सफर करते हैं और करीब 3.2 मिलियन टन माल ढुलाई होती है. भारतीय रेलवे भारत के सभी 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों को जोड़ता है. देश के करीब 72% से अधिक लोग रेल सेवाओं से लाभांवित होते हैं.

इडिया की पहली हेरिटेज ट्रेन का नाम फेयरी क्वीन था। जिसे सन् 1855 में ब्रिटेन की कंपनी किटसन ने बनाया था। इसमें दुनिया का सबसे पुराना भाप इंजन लगाया गया था। साल 1997 के बाद इस ट्रेन को हेरिटेज ट्रेन के रूप में चलाया जाने लगा। जिसकी सफर का मजा लेने दूर-दूर से लोग आते थे।

वहीं सन् 1881 में पूर्वोत्तर में पहली बार आधिकारिक तौर पर टॉय ट्रेन चली। जो दो फुट चौड़े नैरो गेज पर चलती है और इसकी रफ्तार बहुत ही धीमी होती है। सबसे खास बात कि इस ट्रेन को वर्ल्ड हेरिटेज साइट का दर्जा मिला हुआ है।

ऐसे हुई ट्रेनों में शौचालयों की शुरूआत

पहले ट्रेनों में शौचालय नहीं हुए करते थे। ओखिल चंद्र सेन नामक एक पेसेंजर ने 1909 में पैसेंजर ट्रेन से यात्रा के अपने खराब एक्सपीरिएंस जिसमें वो शौच करने जाते हैं और ट्रेन उन्हें छोड़कर चली जाती है। इसके बारे में उन्होंने रेल डिविजन के ऑफिस को खत लिखकर बताया। जिसके बाद इस बारे में गंभीर रूप से विचार किया गया और ट्रेनों में टॉयलेट की सुविधा शुरू हुई।

दो भारतीयों ने बिछायी थी पहली पटरी

जी हां, पहली रेल की पटरी दो भारतीयों जगन्नाथ सेठ ओर जमशेदजी जीजाभाई ने बिछाई थी और जगन्नाथ सेठ ने मुंबई से ठाणे के बीच चली ट्रेन से 45 मिनट का सफर भी तय किया था।

भारतीय रेलवे का मैस्कॉट भोलू नाम का हाथी है। जो भारतीय रेल में बतौर गॉर्ड तैनात है।

Leave a Reply

error: Content is protected !!