जरूरत पड़ी तो आगे भी एक्शन लेंगे- डीजीएमओ
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
एयर ऑपरेशंस के डीजी ने क्या कहा?
‘हमने वहां हमला किया जहां सबसे ज्यादा दर्द हो’
एयरमार्शल भारती ने कहा कि पाकिस्तान ने जम्मू, उधमपुर, पठानकोट, नाल, डलहौजी और फलौदी में अटैक किया। इधर हमतैयार थे, हमने एयर डिफेंस सिस्टम से सभी अटैक नाकाम किए। उनके लगातार हमलों से हमारी जमीन पर कोई नुकसान नहीं हुआ। उनकी ओर से लगातार एयरबेस और चेक पोस्ट पर हमले किए जाने के बाद हमने उन्हें जवाब दिया। हमने वहां हमला किया, जहां उन्हें सबसे ज्यादा दर्द हो।
“हमने उनके एयरबेस कमांड सिस्टम, मिलिट्री एयरबेस को निशाना बनाया। चकलाला, रफीकी और रहरयार खान में अटैक किया। हमने उनको साफ-साफ बता दिया कि आक्रामकता को न माफ किया जाएगा न बर्दाशत। हमारे पास उनके हर बेस पर हर सिस्टम को तबाह करने की क्षमता है। हम चाहते हैं कि हमारे दुश्मन आगे तनाव बढ़ाने की कोशिश ना करें।” एयर मार्शल ए.के. भारती
एयर मार्शल ए.के. भारती ने कहा, “8 और 9 की रात को, 22:30 बजे से ही, हमारे शहरों पर ड्रोन, मानवरहित हवाई वाहनों का बड़े पैमाने पर हमला हुआ, जो श्रीनगर से शुरू होकर नलिया तक गया… हम तैयार थे और हमारी हवाई रक्षा तैयारियों ने सुनिश्चित किया कि जमीन पर या दुश्मन द्वारा नियोजित किसी भी लक्षित लक्ष्य को कोई नुकसान न पहुंचे।”
उन्होंने कहा, “एक संतुलित और संतुलित प्रतिक्रिया में, हमने एक बार फिर लाहौर और गुजरांवाला में सैन्य प्रतिष्ठानों, निगरानी रडार साइटों को निशाना बनाया… ड्रोन हमले सुबह तक जारी रहे, जिनका हमने मुकाबला किया। जबकि ड्रोन हमले लाहौर के नजदीक कहीं से किए जा रहे थे, दुश्मन ने अपने नागरिक विमानों को भी लाहौर से उड़ान भरने की अनुमति दी थी, न केवल उनके अपने विमान बल्कि अंतरराष्ट्रीय यात्री विमान भी, जो काफी असंवेदनशील है और हमें अत्यधिक सावधानी बरतनी पड़ी।”
‘पाकिस्तान ने कई नाकाम कोशिश की’
डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा कि जमीन पर, हमने भारतीय वायुसेना के साथ एक एकीकृत ग्रिड स्थापित करने के लिए वायु रक्षा और इलेक्ट्रॉनिक युद्धक परिसंपत्तियों की तैनाती जैसे कुछ उपाय भी किए हैं और मैंने आपमें से कुछ लोगों को हवाई घुसपैठ को नकारने और उसका मुकाबला करने के लिए इस तरह की संरचना के लाभों के बारे में बहुत कुछ कहते और सुनते देखा है।
भारत-पाकिस्तान तनाव: नौसेना ने तत्काल समन्वित प्रतिक्रिया का नेतृत्व किया
प्रेस कॉफ्रेंस के नेवी डीजी वाइस एडमिरल एएन प्रमोद ने कहा कि नौसेना के कैरियर बैटल ग्रुप (सीबीजी), सतही बल, पनडुब्बियां और विमानन परिसंपत्तियों को भारतीय रक्षा बलों की संयुक्त संचालन योजना के अनुरूप पूरी युद्ध तत्परता के साथ तुरंत समुद्र में तैनात किया गया था।
“हमारे बल उत्तरी अरब सागर में निर्णायक और निवारक मुद्रा में पूरी तत्परता और क्षमता के साथ तैनात रहे, ताकि हम अपने चुने हुए समय पर कराची सहित समुद्र और जमीन पर चुनिंदा लक्ष्यों पर हमला कर सकें। भारतीय नौसेना की अग्रिम तैनाती ने पाकिस्तानी नौसेना और वायु इकाइयों को रक्षात्मक मुद्रा में रहने के लिए मजबूर किया, ज्यादातर बंदरगाहों के अंदर या तट के बहुत करीब, जिस पर हमने लगातार नजर रखी। हमारी प्रतिक्रिया पहले दिन से ही संतुलित, आनुपातिक, गैर-उग्र और जिम्मेदार रही है, जैसा कि हम कह रहे हैं, भारतीय नौसेना पाकिस्तान द्वारा किसी भी शत्रुतापूर्ण कार्रवाई का निर्णायक रूप से जवाब देने के लिए विश्वसनीय निवारक मुद्रा में समुद्र में तैनात है” वाइस एडमिरल एएन प्रमोद, नेवी डीजी
सीजफायर कैसे हुआ? DGMO ने दी जानकारी
डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा, “10 मई की सुबह, जब हम पिछली रात की घटनाओं पर चर्चा करने के लिए एक साथ बैठक कर रहे थे, मुझे पाकिस्तान में अपने समकक्ष से हॉटलाइन पर संदेश मिला, जिसमें मुझसे बातचीत करने की इच्छा जाहिर की गई थी।”
“चूंकि हमारा प्रारंभिक मकसद आतंकी शिविरों पर हमला करना था और उसके बाद के दिनों में हमारी सभी कार्रवाई पाकिस्तान वायु सेना और उसकी सेना की ओर से घुसपैठ और उल्लंघन के जवाब में थी, इसलिए यह फैसला लिया गया कि मैं अपने समकक्ष से बात करूंगा। कल दोपहर साढ़े तीन बजे पाकिस्तान के डीजीएमओ से मेरी बातचीत हुई और इसके परिणामस्वरूप 10 मई को शाम 5 बजे से दोनों पक्षों द्वारा सीमा पार से गोलीबारी और हवाई घुसपैठ बंद हो गई।” लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, DGMO
बता दें समाचार एजेंसी पीटीआई ने एक अधिकारी के हवाले से कहा कि सेना प्रमुख ने 10 मई को भारत-पाक के बीच हुई सहमति के किसी भी उल्लंघन पर जवाबी कार्रवाई के लिए पूर्ण अधिकार दे दिए हैं।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद बौखला गया था पाकिस्तान
भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत एक सटीक और सुनियोजित सैन्य कार्रवाई को अंजाम दिया। यह ऑपरेशन 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब था, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। भारतीय सेना ने इस हमले के लिए जिम्मेदार आतंकी संगठनों, जैसे जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिज्बुल मुजाहिदीन के ठिकानों को तबाह किया।
7 मई 2025 को शुरू हुए इस ऑपरेशन में भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना ने संयुक्त रूप से नौ आतंकी ठिकानों पर हमले किए। इनमें पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में बहावलपुर और मुरिदके, साथ ही PoK में मुजफ्फराबाद, कोटली और अन्य इलाके शामिल थे। भारतीय सेना का कहना है कि ये कार्रवाई सटीक थी और किसी भी पाकिस्तानी सैन्य ठिकाने या नागरिक को निशाना नहीं बनाया गया।
- यह भी पढ़े……………
- जरूरत पड़ी तो आगे भी एक्शन लेंगे- डीजीएमओ
- देश के मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में निवेश अब प्रभावित नहीं होंगे,क्यों?
- क्या सिंधु जल समझौता स्थगित रहेगा या नहीं?