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हुदहुद, अंफन, निसर्ग के बाद अब ‘ताउ ते’ का कहर, क्योंं होते हैं चक्रवाती तूफान.

हुदहुद, अंफन, निसर्ग के बाद अब ‘ताउ ते’ का कहर, क्योंं होते हैं चक्रवाती तूफान.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

अरब सागर (Arabian Sea) में आया तूफान ताऊ ते (Cyclone Tauktae) अब खतरनाक हो गया है. भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने 18 मई को इस चक्रवाती तूफान (Cyclonic Tauktae 2021) गुजरात के वेरावल और पोरबंदर के बीच मांगरोल के पास के तट से टकराने की बात कही है. गुजरात के कच्छ और सौराष्ट्र के समुद्री इलाकों में साइक्लोन को लेकर कोस्ट गार्ड को भी अलर्ट कर दिया है.

चक्रवाती तूफान ताउती के नाम का मतलबः 4 मई को कम दबाव का क्षेत्र विकसित होने के बाद यह चक्रवात बना है. इसका नाम ‘ताउ ते’ रखा गया. इसका अर्थ होता है तेज आवाज करने वाली छिपकली. इसका नाम ताऊ ते म्यांमार की ओर से दिया गया है. यानी इस तूफान का नाम म्यांमार ने दिया है.

कैसे रखे जाते हैं चक्रवाती तूफानों के नामः हुदहुद, निसर्ग, अंफन इन सब तूफानों के विचित्र नाम सुनकर आपको भी हैरत होती होगी. लेकिन क्या आप जानते है इन तूफानों का नाम कैसे रखा जाता है. बता दें, संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक आयोग और विश्व मौसम संगठन ने साल 2000 में हिंद महासागर में आने वाले तूफानों को नाम देने देने की एक व्यवस्था बना दी गई है.

ऐसे रखे जाते हैं नामः दरअसल, भारत, मालदीव, बांग्लादेश, त्रीलंका, पाकिस्तान, म्यांमार, ओमान, थाईलैंड, ईरान, कतर, सउदी अरब, यूएई और यमन इन देशों ने चक्रवाती तूफानों के नामों की एक लिस्ट तैयार की है. ये देश अल्फाबेट के हिसाब से पहले फिर दूसरे फिर तीसरे क्रम में तूफानों के नामकरण करते हैं. उदाहरण के लिए मान लिया कि पहले चक्रवाती तूफान का नाम भारत ने रखा. दूसरे तूफान को पाकिस्तान फिर तीसरे को श्रीलंका को भारत द्वारा दिए गए नाम के हिसाब से. इस तरह पहले सभी सदस्य तूफानों के नाम रखते हैं, इसके बाद फिर से भारत से यह नामकरण शुरू हो जाएगा.

ताउते नाम किसने दियाः अभी जो अरब सागर से तूफान आया है, उसका नाम ताउ ते रखा गया है. इसका यह नाम म्यांमार की एक छिपकली की प्रजाति के नाम के आधार पर ऱखा गया है. इसका अर्थ है एक तेज आवाज करने वाली छिपकली. बता दें, साल 2021 में भारतीय तट पर आने वाला यह पहला चक्रवाती तूफान है.

गुजरात के तटीय इलाकों में 17 और 18 मई को भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है. कुछ स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा की भी संभावना है. हवाओं की रफ्तार 155-165 किमी प्रति घंटे से 145 किमी प्रति घंटे होने की उम्मीद है. आईएमडी के डीजी मृत्युंजय महापात्र ने यह जानकारी दी. 1.5 लाख लोगों को गुजरात में निचले तटीय क्षेत्रों से दूसरे जगहों पर पहुंचाया गया है. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 54 टीमें तैनात की गयी हैं.

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