टूट के बाद चिराग पासवान को लालू यादव की पार्टी ने दिया बड़ा ऑफर!

टूट के बाद चिराग पासवान को लालू यादव की पार्टी ने दिया बड़ा ऑफर!

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

लोजपा में टूट के बाद लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने चिराग पासवान को बड़ा ऑफर दिया है. लालू की पार्टी ने कहा है कि चिराग पासवान हमारे साथ आ जाएं और एनडीए के छल और प्रपंच का सही तरीके से जवाब दें. राजद ने आगे कहा है कि चिराग पासवान और तेजस्वी यादव के साथ आ जाने से बिहार की राजनीति दशा और दिशा बदल जाएगी.

एक निजी टीवी चैनल से बात करते हुए राजद के विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि चिराग पासवान हमारे नेता तेजस्वी के साथ आ जाएं और बिहार की जनता के लिए काम करें. उन्होंने आगे कहा कि चिराग पासवान (Chirag Paswan) दिल्ली की राजनीति करें और तेजस्वी बिहार देखेंगे. भाई वीरेंद्र ने दावा किया कि दोनों के साथ आने से बिहार की सियासत का गणित बदल जाएगा.

इधर, राजद के राज्यसभा सांसद मनोज कुमार झा ने वीडियो जारी कर सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, ‘नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की ज़मीन तो इस चुनाव में खिसक चुकी है अब अपना ज़मीर भी खो दिया है. स्वर्गीय रामविलास पासवान जी की मृत्यु के छः महीने बाद ही ऐसा करना उनके समर्थकों को चिढ़ाना है. पासवान जी के समर्थक सब देख और समझ रहे है.’

जदयू की तीखी प्रतिक्रिया- चिराग पासवान की पार्टी में टूट के बाद जेडीयू ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. जदयू अध्यक्ष आरसीपी सिंह (RCP Singh) ने कहा कि जो जैसा कर्म करेगा, उसको वैसा ही फल मिलेगा. वहीं जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने अपने बयान में कहा कि लोजपा में टूट के पीछे जदयू का कोई हाथ नहीं है. पार्टी में आंतरिक टूट हुई है.

चिराग पासवान पहुंचे पारस के घर- बगावत के बाद लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान चाचा पशुपति पारस के घर पहुंचे हैं. बताया जा रहा है कि पारस के घर के बाहर चिराग को करीब आधे घंटे तक इंतजार करना पड़ा. वहीं खबर आ रही है कि लोजपा संस्थापक राम विलास पासवान (Ram Vilas Paswan) की पत्नी रीना पासवान को लोजपा का अध्यक्ष पद दिया जा सकता है.

रामविलास पासवान की लोकजनशक्ति पार्टी बड़े संकट में फंस गयी है, उसके छह सांसदों में से पांच ने पार्टी अध्यक्ष चिराग पासवान के खिलाफ बगावत कर दी है और अपना अलग गुट बनाकर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मान्यता की मांग कर रहे हैं.

इंडिया टुडे के अनुसार चिराग पासवान की पार्टी में जो कुछ हुआ, इसकी जैसे उन्हें भनक भी नहीं थी, उनके खिलाफ बगावत करने वालों के नेता उनके चाचा पशुपति पारस हैं. हालांकि हाजीपुर के सांसद पशुपति पारस जो उनके चाचा हैं उन्होंने यह कहा है कि वे चिराग पासवान के खिलाफ नहीं हैं. पशुपति पारस को आज एलजेपी सांसदों ने अपना नेता चुना है. पशुपति पारस का कहना है कि हमारी पार्टी में छह सांसद हैं. हमारी पार्टी को बचाने के लिए पांच सांसदों की यही इच्छा थी इसलिए मैंने पार्टी को विभाजित नहीं किया है, मैंने इसे बचा लिया है.

चिराग पासवान मेरे भतीजे होने के साथ-साथ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं. मुझे उससे कोई आपत्ति नहीं है. मीडिया से बात करते हुए पशुपति पारस ने कहा कि मैं एनडीए के साथ हूं. नीतीश कुमार एक अच्छे नेता और विकास पुरुष हैं. उनके इस बयान का बड़ा महत्व है क्योंकि यह बिहार में आगे की राजनीति को तय करेगा. कहा तो यह जा रहा है कि एलजेपी के सांसद जदयू के साथ चले जायेंगे.

पशुपति पारस का कहना है कि लोजपा के 99 प्रतिशत कार्यकर्ता पासवान से नाराज चल रहे थे. बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान जदयू के खिलाफ लड़ने के फैसले से कार्यकर्ता नाराज हैं. पार्टी टूट के कगार पर पहुंच चुकी थी, इसलिए यह निर्णय करना पड़ा.पारस ने कहा कि उनका गुट भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए का हिस्सा बना रहेगा. चिराग पासवान भी संगठन का हिस्सा बने रह सकते हैं. पांच सांसदों ने रविवार रात को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की और चिराग पासवान की जगह पारस को अपना नेता चुने जाने के फैसले से उन्हें अवगत कराया.

पशुपति पारस के सामने आकर बयान देने के बाद चिराग पासवान उनसे मिलने उनके आवास पर गये भी, लेकिन उनके बीच क्या बातचीत हुई इसकी जानकारी नहीं मिल पायी है. नाराज सांसदों में प्रिंस राज, चंदन सिंह, वीना देवी और महबूब अली कैसर शामिल हैं, जो चिराग के काम करने के तरीके से नाखुश हैं. इन नेताओं का कहना है कि नीतीश कुमार के खिलाफ लड़ने से बिहार की राजनीति में लोजपा को नुकसान हुआ.

रामविलास पासवान को राजनीति का मौसम वैज्ञानिक तक कह दिया गया था, बावजूद इसके उनके बेटे चिराग पासवान अपनी ही पार्टी के नेताओं को भांप नहीं सके, लेकिन अब क्या वे पूरी तरह से पार्टी में हाशिये पर डाल दिये जायेंगे यह बड़ा सवाल है. जानकारों का कहना है कि चिराग पासवान को पूरी तरह हाशिये पर डालने के लिए पार्टी के हर सदस्य राजी नहीं होंगे क्योंकि इससे पार्टी को नुकसान होगा.

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