अग्निपथ स्कीम को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल,क्या है मांगें?

अग्निपथ स्कीम को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल,क्या है मांगें?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क 

अग्निपथ योजना को देखने के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित करने का अनुरोध सुप्रीम कोर्ट में किया गया है. सुप्रीम कोर्ट के एक रिटायर्ड जज को इस बारे में कमेटी बनाने को कहा गया है. इसके अलावा, अग्निपथ विरोधी प्रदर्शनों के कारण देश भर में भड़की हिंसा की जांच के लिए एक विशेष जांच दल या एसआईटी का गठन किया जाए. विरोध प्रदर्शनों ने रेलवे सहित विभिन्न सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट कर दिया है. यह याचिका अधिवक्ता विशाल तिवारी ने शीर्ष अदालत में एक जनहित याचिका में दायर की थी.

केंद्र सरकार की सैन्य बलों में भर्ती की नयी योजना ‘अग्निपथ’ के खिलाफ लगातार चौथे दिन विरोध-प्रदर्शन जारी है.  ‘बिहार बंद’ का ऐलान किया गया है जबकि यूपी में 260 गिरफ्तारियां हुईं हैं.

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई है अर्जी

कोर्ट में दाखिल अर्जी में कहा गया है कि इस कमेटी का चेयरमैन सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस को बनाया जाना चाहिए. कमेटी की ओर से यह समीक्षा होनी चाहिए कि यह भर्ती स्कीम सेना और देश की सुरक्षा पर क्या असर डालेगी. इसके बाद ही इसे लागू करने पर विचार किया जाना चाहिए. इसके साथ ही अर्जी में स्कीम के विरोध में हो रहे हिंसक प्रदर्शनों की भी एसआईटी जांच की मांग की गई है.

अर्जी में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट एसआईटी के गठन का आदेश जारी करे. यह कमेटी पता लगाए कि हिंसा के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को कितना नुकसान पहुंचा है. आपको बता दें कि अग्निपथ स्कीम का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है. आज बिहार में प्रदर्शनकारियों ने बंद बुलाया था.

कांग्रेस ने ऐलान किया है कि उसके सभी सांसद, कार्यसमिति के सदस्य और पार्टी के अन्य तमाम पदाधिकारी जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करेंगे. रविवार को कांग्रेस के नेता जुटेंगे. इसके अलावा आम आदमी पार्टी ने संयुक्त रोजगार समिति के प्रदर्शन के समर्थन का ऐलान किया है. जंतर मंतर पर यह प्रदर्शन किया जाएगा.

केंद्रीय गृह मंत्री ने कही ये बात

इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने कहा है कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) और असम राइफल्स (Assam Rifles) की भर्ती में अग्निवीरों को आरक्षण मिलेगा. उन्होंने कहा कि इन अर्धसैनिक बलों में अग्निवीरों को वरीयता दी जाएगी. अग्निपथ योजना के तहत 4 साल पूरे होने के बाद अग्निवीरों को भर्ती में 10 प्रतिशत का आरक्षण दिया जाएगा.

अग्निपथ प्रदर्शन : जंतर मंतर पर सत्याग्रह करेगी कांग्रेस

कांग्रेस के सांसद और नेता सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए पेश की गई ‘अग्निपथ’ योजना का विरोध कर रहे युवाओं के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने के वास्ते रविवार सुबह यहां जंतर मंतर पर ‘सत्याग्रह’ करेंगे. देशभर में युवा इस योजना के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं और कई शहरों व कस्बों से हिंसा की घटनाएं दर्ज की गई हैं. सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस के सांसद, उसकी कार्य समिति के सदस्य और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारी 19 जून को सुबह 10 बजे जंतर मंतर पर शुरू होने वाले ‘सत्याग्रह’ में हिस्सा लेंगे.

सशस्त्र बलों में परिवर्तनकारी सुधार जारी : सेना प्रमुख

सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने देश की संवेदनशील सीमाओं और समान रूप से चुनौतीपूर्ण आंतरिक खतरों के मद्देनजर उच्च स्तर की संचालात्मक तैयारियों की जरूरत के बावजूद सशस्त्र बलों में परिवर्तनकारी सुधार जारी हैं. डुंडीगल स्थित वायुसेना अकादमी में एक संयुक्त स्नातक परेड (सीजीपी) को संबोधित करते हुए जनरल पांडे ने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता, क्वांटम कंप्यूटिंग रोबोटिक्स और हाइपरसोनिक जैसी उभरती प्रौद्योगिकियां अब सिद्धांतों तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि युद्ध के मैदानों में प्रत्यक्ष रूप से प्रकट हो रही हैं.

गृह मंत्रालय ने किया बड़ा ऐलान

गृह मंत्रालय ने अग्निवीरों के लिए CAPFs और असम राइफल्स में भर्ती के लिए 10% रिक्तियों को आरक्षित करने का निर्णय लिया है, जबकि दो बलों में भर्ती के लिए अग्निवीरों को ऊपरी आयु सीमा से 3 वर्ष की छूट दी गई. अग्निवीर के पहले बैच के लिए आयु में अधिकतम आयु सीमा से 5 वर्ष की छूट होगी. गृह मंत्रालय की ओर से यह जानकारी दी गई है.

देश के युवा अग्निपथ योजना को कभी स्वीकार नहीं करेंगे: मनीष सिसोदिया

दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को कहा कि देश भर में जारी विरोध-प्रदर्शन इस बात का सबूत हैं कि देश के युवा रक्षा बलों में भर्ती की योजना ‘अग्निपथ’ को कभी स्वीकार नहीं करेंगे. इससे पहले अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) ने योजना को वापस लेने की युवाओं की मांग का समर्थन किया, लेकिन साथ ही उसने प्रदर्शनकारियों से तोड़फोड़ और आगजनी करने के बजाय लोकतांत्रिक तरीके से अपने विरोध जताने के अधिकार का इस्तेमाल करने का अनुरोध किया.

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