आसाराम को उम्रकैद की सजा, शिष्या ने ही लगाए थे दुष्कर्म के आरोप

आसाराम को उम्रकैद की सजा, शिष्या ने ही लगाए थे दुष्कर्म के आरोप

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

गुजरात की एक अदालत ने जेल में बंद आसाराम बापू को 2013 के एक दुष्कर्म मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई। कोर्ट ने सोमवार को इस मामले में आसाराम को दोषी करार दिया था। बता दें कि आसाराम की शिष्या ने वर्ष 2013 में आसाराम और उसके बेटे साईराम के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।

सूरत की दो बहनों ने आसाराम और नारायण साईं के खिलाफ दुष्कर्म की शिकायत दर्ज कराई थी। आसाराम पर अहमदाबाद स्थित मोटेरा आश्रम में शारीरिक शोषण के आरोप लगे थे। इस मामले में आासाराम सहित अन्य छह लोगों पर भी मामला दर्ज हुआ था।

क्या था 2013 में दर्ज पूरा मामला?

बता दें कि आसाराम बापू पर वर्ष 2013 में उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की रहने वाली एक नाबालिग युवती ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था। नाबालिग ने अपने आरोप में कहा था कि आसाराम ने 15 अगस्त की रात जोधपुर के मनाई गांव में स्थित आश्रम में युवती के साथ दुष्कर्म किया गया था।

वहीं, सूरत की रहने वाली आसाराम की एक शिष्या ने भी बापू पर आरोप लगाया था कि 6 अक्टूबर, 2013 को आसाराम बापू और छह अन्य ने उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया। उन्होंने आरोप लगाया था कि वर्ष 2001 से 2006 तक कई बार उसके साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया। उन्होंने बताया था कि यह घटना उसके साथ तब हुई थी जब वह मोटेरा में आसाराम के आश्रम में रह रही थी। बाद में वह किसी तरह वहां से बचकर भाग निकली।

पीड़िता की छोटी बहन के साथ भी दुष्कर्म

इसके साथ ही सूरत की रहने वाली पीड़िता की छोटी बहन के साथ भी दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया था। पीड़िता की छोटी बहन ने आरोप लगाया था कि आसाराम के बेटे नारायण साईं ने उसके साथ दुष्कर्म किया और अवैध तरीके से उसे बंद करके रखा था। बता दें कि इस मामले में नारायण साईं को अप्रैल 2019 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। वहीं, आसाराम को इस मामले में आज सजा सुनाई गई। इस मामले में कुल 68 गवाह बनाए गए थे।

इन धाराओं के तहत सुनाई आसाराम को सजा

बताते चलें कि कोर्ट ने आसाराम बापू को धारा 376, 377, 354 342, 357 और 506 (2) के तहत दोषी पाया था। कोर्ट ने धारा 376 (दुष्कर्म), 377 (अप्राकृतिक यौन संबंध) में उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके अलावा धारा 354 (आध्यात्मिक गुरु या शिक्षक के द्वारा दुष्कर्म का अपराध) में एक साल की सजा, धारा 342 (गलत तरीके से कैद रखना) 6 माह की सजा व 357 (अवैध तरीके से कैद करने के लिए बल प्रयोग और हमला करना) एक साल और 506 (2) धमकी में एक साल की सजा सुनाई है।

पुलिस ने आठ लोगों के खिलाफ दर्ज किया था मुकदमा

विशेष लोक अभियोजक आरसी कोडेकर के अनुसार, पीड़िता ने सूरत पुलिस में मामला दर्ज कराया था, जिसे 2013 में अहमदाबाद पुलिस को स्थानांतरित कर दिया गया था। चांदखेड़ा थाना पुलिस ने आसाराम बापू और उनके बेटे नारायण साईं सहित 8 लोगों के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था।

पिछले 9 साल से जेल में बंद है आसाराम

बता दें कि आसाराम बापू इस समय एक अन्य मामले में जोधपुर जेल में बंद है। आसाराम को 2018 में दुष्कर्म और अन्य अपराधों में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। कुछ समय पहले गंभीर बीमारियों से जूझ रहे 80 वर्षीय आसाराम ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की थी, लेकिन कोर्ट ने उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी थी।

जोधपुर जेल में बंद है आसाराम बापू

बता दें कि आसाराम बापू वर्तमान में जोधपुर जेल में है। वहीं, सूरत की अदालत में नारायण साईं के खिलाफ एक अलग मुकदमा चल रहा है। दो बहनों ने आसाराम और उनके बेटे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि 1997 से 2006 के बीच आसाराम और उनके बेटे द्वारा संचालित मोटेरा आश्रम में उनके साथ दुष्कर्म किया गया था। छोटी बहन ने नारायण साईं और बड़ी बहन ने आसाराम के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।

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