आशा कार्यकर्ता शहरी इलाकों में घर घर जाकर सर्वेक्षण करेंगी

आशा कार्यकर्ता शहरी इलाकों में घर घर जाकर सर्वेक्षण करेंगी

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एएनएम द्वारा 30 वर्ष से अधिक उम्र के सभी व्यक्तियों की स्वास्थ्य जांच की जाएगी:
एनसीडी कार्यक्रम के तहत आशाओं का 5 दिवसीय ट्रेनिंग सम्पन्न:
पोपुलेशन बेस्ड मास स्क्रीनिंग के लिये आयोजित होंगे विशेष कैंप:
कैम्प द्वारा उच्च रक्तचाप, मधुमेह, सामान्य कैंसर आदि की जांच होगी:
श्रीनारद मीडिया, किशनगंज, (बिहार):

एनसीडी कार्यक्रम के तहत जिले के सदर अस्पताल स्थित ट्रेनिंग सेंटर में आशाओं के 5 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन गुरुवार को किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ रविवार को किया गया था। इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ श्री नंदन ने बताया कि जनसंख्या आधारित जांच कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग की आशा कार्यकर्ता शहरी इलाकों में घर घर जाकर सर्वेक्षण करेंगी। एएनएम द्वारा 30 वर्ष से अधिक उम्र के सभी व्यक्तियों की स्वास्थ्य जांच की जाएगी। जिले के सभी क्षेत्रों में कार्यक्रम को सुचारू रूप से चलाने के लिए आशा वर्कर्स को ट्रेनिंग दी जा रही है।

आशा कार्यकर्ता अपने क्षेत्र के 30 की उम्र पार स्त्री व पुरुषों का सी बैक फार्म व फैमिली फोल्डर फार्म भरेंगी:
सिविल सर्जन डॉ श्री नंदन ने बताया कि पांच प्रमुख गैर संचारी रोगों की जांच कर व उनके निदान के लिए उच्च स्वास्थ्य केन्द्र में भेजना है। इसमें मुख्यतः उच्च रक्त चाप, मधुमेह व डायबिटीज, गर्भाशय के मुँह का कैन्सर (सर्वाइकल कैन्सर), स्तन का कैन्सर व मुँह का कैन्सर हैं। उन्होंने बताया कि एनसीडी कार्यक्रम के तहत 5 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में आशा को बताया गया है कि प्रशिक्षण के बाद आशा कार्यकर्ता अपने क्षेत्र के 30 की उम्र पार कर रहे स्त्री व पुरुषों का सी बैक फार्म व फैमिली फोल्डर फार्म भरेंगी। वेलनेस सेंटर पर कार्यरत एएनएम फार्म को एनसीडी एप्लीकेशन पर अपलोड करेंगी। बीमारी की पुष्टि होने पर पीड़ित को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर लाकर इलाज शुरू किया जाएगा। सर्वेक्षण में यदि किसी भी व्यक्ति में इन रोगों के लक्षण पाये जाते हैं तो वह उस मरीज को सदर अस्पताल में भेजेंगी। यहाँ उनका पूर्ण रूप से इलाज किया जायेगा।
क्षेत्र में सर्वेक्षण जल्द आरम्भ करने का दिया आदेश
उन्होंने सभी आशा कार्यकर्ता को आदेश दिया कि वह अपने क्षेत्र में सर्वेक्षण जल्द आरम्भ कर किसी भी संक्रमित व्यक्ति को अस्पताल भेजें। जिससे कि उसका जल्द व पूर्ण इलाज हो सके। उन्होंने बताया कि गैर संचारी रोग लम्बे समय तक रहने वाली बीमारियां होती हैं। इन बीमारियों पर काफी धन खर्च होता है व रोगी की अकस्मिक मृत्यु भी हो सकती है। अतः इन बीमारियों से बचने के लिए इन रोगों के बारे जागरूकता अति आवश्यक है, जिससे इन बीमारियों से बचा जा सके। उन्होंने कहा कि यदि आरम्भ में इन बीमारियों का पता चल जाए तो पूर्ण इलाज भी सम्भव है। अतः इस सर्वेक्षण द्वारा मरीजों की बीमारियों का आरम्भ में ही पता चल जायेगा व इलाज सम्भव होगा।

कुल छह बिदुओं पर ली जाएगी जानकारी :
अभियान को सफल बनाने के लिए सभी आशा को सी-बैक फॉर्म उपलब्ध कराया जाएगा। अपने-अपने क्षेत्रों में आशा घर-घर जाकर लोगों से पूछताछ करेंगी और चिह्नित रोगों के बारे में जानकारी लेकर फॉर्मेट में भरेगी। भरे हुए फॉर्मेट की सहायता से एएनएम टेबलेट के जरिए जानकारियों को एनसीडी एप पर अपलोड करेगी। मरीजों से कुल 6 बिदुओं पर जानकारी ली जाएगी। आशा द्वारा स्क्रीनिंग किए गए मरीजों को सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर इलाज के लिए प्रेरित किया जाएगा। गर्भवती व जच्चा-बच्चा के स्वास्थ्य पर नजर रखने के साथ आशा कर्मियों पर अब नॉन कम्युनिकेबल डिजीज (गैर संचारी रोगों) पर नजर रखने की जिम्मेदारी होगी। आशा कर्मी घर-घर जाकर कैंसर, मधुमेह, हृदयवाहिका रोग और लकवा आदि के मरीजों की लक्षणों व सामान्य जांच के आधार पर ऐसे मरीजों को चिह्नित करेंगी।

रोजाना आशा कार्यकर्ता लगभग 25 घरों का सर्वे करेंगी:
रोजाना आशा कार्यकर्ता लगभग 25 घरों का सर्वे करेंगी। साथ ही गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को स्वास्थ्य केंद्रों पर पहुंचाकर इलाज में मदद करेंगी। ताकि नियत समय पर ऐसे मरीजों को अस्पताल में भर्ती कर इलाज हो सकेगा। गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. देवेन्द्र कुमार ने बताया कि सामान्य भाषा में ऐसा रोग जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है, गैर संचारी रोग कहलाता है। ऐसे गैर संचारी पांच रोगों की पहचान और रोकथाम के लिए आशाएं काम करेंगी। इन रोगों में मधुमेह, उच्च रक्तचाप, मुंह का कैंसर, स्तन कैंसर, बच्चेदानी के मुंह का कैंसर शामिल हैं। ये सभी रोग खान-पान तथा रहन सहन के स्तर पर निर्धारित होते हैं।

कैम्प द्वारा होगा उच्च रक्तचाप, मधुमेह, सामान्य कैंसर आदि की जांच:
अभियान के तहत सभी पीएचसी, एपीएचसी, एचएससी के कार्यक्षेत्र में आशा द्वारा सभी परिवार के सदस्यों का फैमिली फोल्डर तैयार किया जायेगा। परिवार में 30 साल से अधिक उम्र के लोगों का सी-बैक फार्म भरा जायेगा। आशा द्वारा किये जाने वाले इस कार्य के लिये प्रोत्साहन राशि के रूप में 10 रुपये प्रति फार्म की दर से भुगतान अश्विन पोर्टल के माध्यम से किया जायेगा। आशा द्वारा उपलब्ध सी-बैक फॉर्म के आधार पर आयोजित विशेष कैम्प में एएनएम व प्रभारी चिकित्सा अधिकारी द्वारा सभी लोगों का उच्च रक्तचाप, मधुमेह, सामान्य कैंसर यथा- मुँह, स्तन, गर्भाशय का मुख आदि की जांच की जाएगी।
कैम्प के पश्चात भी गैर संचारी रोग से ग्रसित मरीजों का प्रत्येक छः माह पर आशा द्वारा फॉलोअप भी किया जाएगा
जांच के बाद जो लोग स्वास्थ्य पाए जायेंगे अर्थात उच्च रक्तचाप, मधुमेह या कैंसर का सामान्य स्तर पाया जाएगा उन्हें बेहतर स्वास्थ्य जीवन शैली के लिए प्रेरित किया जाएगा जबकि लक्षणों वाले मरीजों से सम्बंधित सूचना को एएनएम द्वारा ई-संजीवनी के माध्यम से चिकित्सकीय परामर्श उपलब्ध कराई जाएगी और आवश्यकता अनुसार मुफ्त आवश्यक औषधि भी प्रदान की जाएगी । कैम्प के पश्चात भी गैर संचारी रोग से ग्रसित मरीजों का प्रत्येक छः माह पर आशा द्वारा फॉलोअप भी किया जाएगा। प्रतिमाह सभी प्रखंड से लोगों की गैर संचारी स्वस्थ जांच करते हुए डाटा जिला गैर संचारी रोग कोषांग को उपलब्ध कराई जानी है।

 

 

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