भोजपुरी साहित्यांगन प लागल, भोजपुरी के चउथा शब्दकोश : भोजपुरी-हिन्दी शब्दकोष ।

भोजपुरी साहित्यांगन प लागल, भोजपुरी के चउथा शब्दकोश : भोजपुरी-हिन्दी शब्दकोष ।

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

कहल जाला कि एगो भाषा के विकास खातिर जरुरी होला कि ओह भाषा के व्याकरण होखे, ओह भाषा के आपन शब्दकोश होखे आ ओह भाषा के लगातार प्रयोग होखे ।

भोजपुरी भाषा में भोजपुरी के पहिला व्याकरण सन्‌ 1915 में लिखाइल रहे जवना के नाव रहे ‘ भोजपुरी ठेठ व्याकरण” आ एह किताब के रउवा सभ भोजपुरी साहित्यांगन प पढ सकेनी । एह के अलावा भोजपुरी में समय-समय प व्याकरण के किताब लिखइली स । कुछ किताब भोजपुरी साहित्यांगन प लागल बाड़ी स ।

4 अक्टूबर 2023 के, लगभग 20 हजार के करीब के भोजपुरी शब्दन के कोश जवनन के हिन्दी माने दिहल बा, भोजपुरी साहित्यांगन प अपलोड भइल बा । एह शब्दकोश के अलावा 3 गो अउरी शब्दकोश (फोटो देखीं) भोजपुरी साहित्यांगन प लागल बा ।

शब्दकोश के अब जवन 4 गो किताब बाड़ी स उ हई स –

1- भोजपुरी – हिन्दी शब्दकोश – पं, गणेश चौबे
2- भोजपुरी – हिन्दी कोश – प्रो. ब्रज बिहारी कुमार
3- भोजपुरी शब्द-संपदा – डॉ हरदेव बाहरी
4- भोजपुरी – हिन्दी शब्दकोश – डॉ अर्जुन तिवारी

एह में सबसे नया डॉ अर्जुन तिवारी वाला ‘भोजपुरी-हिन्दी शब्दकोश’ ह आ चारो में लगभग 14 हजार से 20 हजार के बीच में भोजपुरी के शब्द बाड़न स । एह के अलावा कुछ अउरी भोजपुरी शब्दकोश के किताब बाड़ी स, बाकिर अबहीं उ कुल्ह भोजपुरी साहित्यांगन प आइल नइखी स ।

एह चारो किताब के रउवा सभ भोजपुरी साहित्यांगन के एह लिंक प देख सकेनी – https://bhojpurisahityangan.com/tag/shabdkosh/

भोजपुरी के व्याकरण के किताब जोहत बानी त रउवा सभ के 12 गो किताब एह लिंक प मिल जाई – https://bhojpurisahityangan.com/tag/vyakaran/ ( एह में व्याकरण के किताब, तुलनाअत्मक अध्ययन से ले के मानक वर्तनी आदि से जुड़ल किताब बाड़ी स । )

अच्छा, हं, भोजपुरी के जवन सबसे पुरनकी व्याकरण के किताब ह ओकर नाव ह – भोजपुरी ठेठ भाषा व्याकरन – पं शिवदास ओझा

त दू गो काम त रउवा सभ के सोझा बा, पहिला व्याकरण के किताब, दुसरा शब्दकोश ! तीसरा काम यानि कि भोजपुरी भाषा के प्रयोग रउवा सभ के करे के बा । एह से निहोरा बा कि जतना हो सके, जतना संभव बा, रउवा सभ भोजपुरी में लिखीं । खास बात कि कोशिश होखे कि भोजपुरी में गद्य लिखाउ । साहित्य नइखे लिखे के, बस अपना मन में जवन बात आवे, जवन देखत बानी, जवन रउवा हिन्दी अंग्रेजी में लिखत बानी, ओहि के भोजपुरी में लिखीं ।

बस इहे कहे के रहल ह !

 

Leave a Reply

error: Content is protected !!