यूपी में सिपाही भर्ती पेपर लीक हुए मामले में सामने आया बिहार कनेक्शन,कैसे?

यूपी में सिपाही भर्ती पेपर लीक हुए मामले में सामने आया बिहार कनेक्शन,कैसे?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

यूपी सिपाही भर्ती परीक्षा में सॉल्वर गैंग के आरोपी नवगछिया उपकारा में तैनात बिहार पुलिस के जवान को यूपी एसटीएफ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार सिपाही बेतिया जिले के जगदीशपुर थाने के झखरा के ललन शर्मा का पुत्र नीरज शर्मा है. आरोपी सिपाही को नवगछिया स्थित कैंप से गिरफ्तार किया गया है.

यूपी कांस्टेबल भर्ती के लिए ऑनलाइन परीक्षा 17 और 18 फरवरी को आयोजित की गई थी. लेकिन ऑनलाइन परीक्षा से पहले ही प्रश्नपत्र लीक हो गया था. प्रश्न पत्र लीक को लेकर वहां छात्रों ने जमकर हंगामा किया. छात्रों के प्रदर्शन को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 24 फरवरी को परीक्षा रद्द करने का आदेश जारी किया था. सीएम योगी ने निर्देश दिया था कि पुलिस भर्ती परीक्षा अगले छह महीने में दोबारा आयोजित की जाएगी. पेपर लीक करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं.

मोबाइल से हुआ खुलासा

पेपर लीक को लेकर यूपी प्रदेश के सिद्धार्थनगर में अज्ञात के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. सरकार ने कांड के खुलासे के लिए एसटीएफ का गठन किया. एसटीएफ ने सिद्धार्थ नगर के कई आरोपिताें को गिरफ्तार किया. गिरफ्तार आरोपित का मोबाइल जब्त किया गया. आरोपित के मोबाइल की जांच में जेल सिपाही नीरज शर्मा की संलिप्तता सामने आयी. सिपाही नीरज शर्मा सिद्धार्थनगर के आरोपित से मोबाइल के व्हाट्स अप से संपर्क में था.

नवगछिया पुलिस के सहयोग से यूपी एसटीएफ ने किया गिरफ्तार

नीरज शर्मा के मोबाइल से प्रश्न पत्र लीक को लेकर कई मैसेज किये गये थे. सिद्धार्थनगर के आरोपित की निशानदेही पर पुलिस एसटीएफ यूपी की टीम नवगछिया पहुंची. नवगछिया पुलिस अधीक्षक से संपर्क कर आरोपित को गिरफ्तार करने के लिए नवगछिया पुलिस से सहयोग मांगी. आरोपित को गिरफ्तार करने के लिए नवगछिया उपकारा में छापेमारी की गयी. किंतु आरोपित नवगछिया स्थित अपने डेरा में मौजूद था. एसटीएफ व नवगछिया थाना की पुलिस नवगछिया स्थित डेरा से नवगछिया उपकारा में तैनात पुलिस जवान को गिरफ्तार किया.

2017 में बिहार पुलिस में बहाल हुआ था नीरज

नीरज शर्मा वर्ष 2017 में बिहार पुलिस में बहाल हुआ था. नवगछिया पुलिस जिले से पूर्व वह बांका में तैनात था. आरोपित पुलिस जवान को गिरफ्तार कर एसटीएफ पूछताछ कर रही है. आरोपित के निशानदेही पर नवगछिया में और कई ठिकानों पर पुलिस छापेमारी कर रही है. एसटीएफ ने पुलिस जवान को गिरफ्तार करते ही उसके मोबाइल जब्त कर लिया. मोबाइल की जांच करने में नीरज शर्मा के मोबाइल व्हाट्स अप से कई आरोपित को प्रश्न पत्र लीक के मैसेज भेजने की पुष्टि हुई है.

परीक्षा से दो घंटे पहले उपलब्ध कराया जाता था प्रश्न पत्र

आरोपित के पास से पुलिस अभ्यर्थी का मार्कशीट, प्रवेश पत्र, ब्लैंक चेक, मोबाइल फोन, तीन चेकबुक, दो पासबुक, स्टांप पेपर, बरामद हुआ है. परीक्षा होने से पूर्व अभ्यर्थी का सर्टिफिकेट गैंक के लोग अपने पास रख लेते थे. पेपर होने से दो घंटा पहले व्हाट्स अप के जरिए प्रश्न पत्र उपलब्ध करवा दिया जाता था.

व्हाट्सएप पर लीक करते थे पेपर

एसटीएफ ने दावा किया कि आरोपियों के पास से 32 अभ्यर्थियों की मार्कशीट, तीन चैकबुक, दो पासबुक सहित साथ स्टैंप पेपर बरामद हुए हैं. चारों आरोपियों से पूछताछ की जा रही है. जानकारी के मुताबिक ये गैंग अभ्यार्थियों की मार्कशीट और अन्य जरूरी दस्तावेज अपने पास रख लेते थे और पेपर होने से दो घंटे पहले व्हाट्सएप के जरिए पेपर उपलब्ध करवा देते थे

छह महीने में फिर आयोजित होगी परीक्षा

आपको बता दें कि इसी महीने 17-18 फरवरी को यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा हुई थी, जिसके बाद अभ्यार्थियों ने पेपर लीक होने का आरोप लगाया था. इसके बाद प्रदेश में कई जगहों पर पेपर लीक को लेकर अभ्यार्थियों का प्रदर्शन देखने को मिला था, जिसके बाद इस मामले की जांच के लिए पुलिस भर्ती बोर्ड की ओर से जांच कमेटी का गठन किया गया था.  छात्रों  के प्रदर्शन को देखते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने 24 फरवरी को परीक्षा को रद्द करने के आदेश जारी कर दिए.

सीएम योगी ने निर्देश दिया है कि अगले छह महीनों पुलिस भर्ती परीक्षा को फिर से आयोजित किया जाएगा, इसके साथ ही पेपर लीक करने वालों पर कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं.

साठ हजार रुपये एडवांस के तौर पर भी दिए गए थे और बाकी रकम परीक्षा परिणाम आने पर दी जानी थी लेकिन वकीलों के हंगामे के बाद पुलिस उस युवक तक नहीं पहुंच सकी जिसके बाद अब स्पेशल टास्क फोर्स एसटीएफ भी उस युवक की तलाश में जुट गई है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि अब उस युवक से ही पुलिस को पेपर लीक की अगली कड़ी का पता चल सकेगा।

अब तक की जांच से पता चला है कि जिस प्रदीप कुमार के 18 फरवरी के नकल सामग्री के साथ पकड़े जाने के बाद कानपुर में पेपर लीक कांड का खुलासा हुआ था, उसके दो भाइयों संदीप कुमार और सुदीप उर्फ राजू और पिता रामनाथ ने उसे सिपाही बनाने के लिए हर हथकंडा अपनाया था। आवेदन करने के लिए पहले फर्जी दस्तावेजों के सहारे उम्र में आठ से दस साल की कमी की।

पेपर के जवाब भी जुटाने के लिए हाथ पांव मारने शुरू किए
इसके बाद दोबारा हाईस्कूल व इंटर कराया और फिर सिपाही भर्ती की परीक्षा में बैठा दिया। परीक्षा में अच्छे अंक आएं, इसके लिए पेपर के जवाब भी जुटाने के लिए हाथ पांव मारने शुरू किए। सूत्रों के अनुसार इसी दौरान बड़े भाई सुदीप उर्फ राजू की नौबस्ता निवासी अंकित से पहले से जान पहचान थी। इसी दौरान जब उसने भाई के परीक्षा में बैठने की बात कही, तो अंकित ने उसे प्रश्नपत्र पहले ही उपलब्ध कराने की बात कही।

प्रदीप के दोनों भाइयों और पिता को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा
चूंकि सुदीप अंकित को लंबे समय से जानता था, इसलिए दोनों के बीच पांच लाख में सौदा तय हो गया। इसके बाद भाइयों और पिता ने मिलकर साठ हजार रुपये का इंतजाम किया और अंकित को दे दिए। बाकी रकम परीक्षा परिणाम आने के बाद दी जानी थी। जांच में यह बात सामने आने के बाद पुलिस ने प्रदीप के दोनों भाइयों और पिता को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

बसंत विहार निवासी वकील आशीष सचान का नाम उगला
साथ ही अंकित की तलाश में जुट गई। तीन दिन पहले अंकित पुलिस के हत्थे चढ़ गया। उससे लंबी और कई राउंड की पूछताछ की गई. तो उसने बसंत विहार निवासी वकील आशीष सचान का नाम उगल दिया। हालांकि उसे यह नहीं पता था कि आशीष को प्रश्नपत्र कहां से मिला. तो पुलिस ने वकील की तलाश शुरू की किराए पर रह रहे आशीष को हिरासत में ले लिया।

एसटीएफ की एक टीम भी आरोपी की तलाश में जुटी
जेल भेजे जाने से पहले आशीष ने घाटमपुर के रहने वाले एक युवक के बारे में पुलिस को बताया था जिसने उसे पेपर की कुंजी मुहैया कराई थी। पुलिस की एक टीम घाटमपुर रवाना होने वाली थी कि अधिवक्ताओं ने थाने पहुंचकर हंगामा कर दिया और आशीष को पेपर सप्लाई करने वाला आरोपी पुलिस की पकड़ में आने से पहले ही दूर हो गया। अब पुलिस के साथ-साथ एसटीएफ की एक टीम भी उस आरोपी की तलाश में जुट गई है।

17 की परीक्षा का पेपर भी लीक होने की संभावना
जांच में पता चला है कि वकील को लीक प्रश्नपत्र परीक्षा से एक रात पहले ही मिल गया था। 18 की परीक्षा में प्रदीप के पकड़े जाने पर मामला खुला लेकिन संभावना है कि 17 फरवरी की परीक्षा के प्रश्नपत्र भी उसके पास थे जिसे औसतन चार से पांच लाख रुपये में बेचा। पुलिस सूत्रों के अनुसार, वकील ने कम से कम आधा दर्जन से ज्यादा लोगों को प्रश्नपत्र और जवाब मुहैया कराए हैं। व्हाट्सएप चैट रिकवर होने पर इस बात की पुष्टि हो सकती है।

एसटीएफ की टीमों ने कई कोचिंग संचालकों से की पूछताछ
पेपर लीक मामले की जड़ों की तलाश करते हुए एसटीएफ की एक टीम ने कानपुर शहर के कई कोचिंग संस्थानों के दरवाजे पर दस्तक दी। इस दौरान बर्रा से लेकर कई अन्य पेपर लीक कांडों में चर्चा में रहे काकादेव कोचिंग मंडी के भी कुछ कोचिंग संचालकों से जानकारी जुटाई। इसके अलावा टीम ने गोविंदनगर में दर्ज मामले की जांच से जुड़े अधिकारी से संपर्क कर जानकारी ली।

वाट्सएप का पूरा डाटा डिलीट कर दिया था
सूत्रों का कहना है कि गिरफ्तारी से पहले आरोपियों ने अपने-अपने मोबाइल से वाट्सएप का पूरा डाटा डिलीट कर दिया था। पुलिस उनका डेटा रिकवर कराने का प्रयास कर रही है, ताकि पेपर लीक कांड के गिरोह के सदस्यों और सरगना के बारे में जानकारी मिल सके। साथ ही यह भी पता करने में जुटी है कि आशीष ने अंकित के अलावा और किस किस को लीक हुए पेपर व उत्तर कुंजी भेजी।

अभ्यर्थियों और कानपुर में पकड़े गए आरोपियों के बीच लिंक की जांच
इसके साथ ही पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या सिर्फ 18 फरवरी का ही प्रश्नपत्र लीक हुआ था या फिर 17 फरवरी को हुई परीक्षा का पेपर भी किसी अभ्यर्थी को भी मुहैया कराया गया था। वहीं, एसटीएफ अब प्रदेश के अन्य जिलों, खासकर कानपुर से सटे लखनऊ व अन्य जिलों में हुई पेपर लीक की घटना में शामिल रहे अभ्यर्थियों और कानपुर में पकड़े गए आरोपियों के बीच कोई लिंक है या नहीं। इससे यह भी पता चल सकेगा कि कानपुर में पेपर लीक लोकल स्तर पर हुआ या किसी अन्य जिले से मुहैया कराया गया।

एडिशनल सीपी से मिले वकील
वकील आशीष सचान की पैरवी के लिए गोविंदनगर थाने पहुंचे लायर्स एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष हर्ष कुमार और अन्य वकीलों के साथ मारपीट के मामले में सोमवार को वकीलों के एक प्रतिनिधिमंडल ने एडिशनल सीपी विपिन मिश्रा से मुलाकात की। इस दौरान मारपीट करने के आरोपी इंस्पेक्टर विक्रम सिंह समेत अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज कर विभागीय कार्रवाई की मांग की। इस दौरान सीएम के नाम संबोधित एक ज्ञापन भी सौंपा। मुलाकात करने वालों में दिलीप कुमार, नवीन यादव, राघवेंद्र आदि शामिल थे।

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