जाप से व्यक्ति को ना सिर्फ लंबी आयु बल्कि स्वस्थ जीवन भी मिलता है,कैसे?

जाप से व्यक्ति को ना सिर्फ लंबी आयु बल्कि स्वस्थ जीवन भी मिलता है,कैसे?

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

अपने जीवन की सुख-समृद्धि के लिए हर व्यक्ति पूजा-पाठ करता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, अपने परिवार की रक्षा हेतु मनुष्य को अलग-अलग तरह की पूजा-अनुष्ठान, हवन, दान-पुण्य, मंत्र-पाठ और अन्य उपाय करने चाहिए। वहीं हिंदू धर्म में कुछ ऐसे शक्तिशाली और प्रभावी मंत्रों का उल्लेख मिलता है। जिनका नियमित नियम से जाप करने से व्यक्ति की बड़ी से बड़ी समस्या हल हो सकती है।

इन मंत्रों के रोजाना जाप से व्यक्ति को ना सिर्फ लंबी आयु बल्कि स्वस्थ जीवन भी मिलता है। इन मंत्रों का उद्देश्य मानव जीवन का कल्याण है। इन चमत्कारिक मंत्रों में दिव्य और अलौकिक शक्तियां निहित होती हैं। जिनके जाप से गंभीर रोग और अकाल मृत्यु को भी टाला जा सकता है।

महामृत्युंजय मंत्र

महामृत्युंजय मंत्र को मृत्यु को पराजित करने वाला सबसे कारगर मंत्र को माना गया है। इस मंत्र का उल्लेख रुद्र संहिता के सतीखंड में मिलता है। धार्मिक पुराणों के मुताबिक इसी मंत्र के कारण ही राजा दधिच भी पूर्ववत सकुशल जीवित हुए थे। इसी मंत्र की शक्ति से महर्षि मार्कण्डेय ने यमराज को पराजित किया था।

शिवपुराण के अलावा ऋग्वेद, यजुर्वेद, नारायणोपनिषद् में भी इस मंत्र का उल्लेख मिलता है। संपुट सहित यह मंत्र इस प्रकार है- क्क हौं जूं सः, क्क भूर्भुवः स्वः। क्क भूर्भवः स्वः। क्क त्रयम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्व्वारूकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्। स्वः भुवः भूः क्क हौं जूं सः क्क। यज्ञ, जप, अभिषेक आदि के माध्यम से इस मंत्र की साधना की जाती है। यह मंत्र शीघ्र फल देने वाला है।

बगुलामुखी मंत्र

जो व्यक्ति गंभीर रोग से पीड़ित रहते हैं, उन्हें बगुलामखी देवी के मंत्र का जप करना चाहिए। अगर रोगी इस मंत्र का जप करने में असमर्थ है, तो इसका जाप किसी अन्य से भी करवाया जा सकता है। यह मंत्र इस प्रकार है- क्क ऐं ऐ क्क ह्रीं बगलामुखी ईशानाय भूतादिपतये, वृषभ वाहनाय कर्पूर वर्णनाय त्रिशूल हस्ताय सपरिवाराय, एहि एहि मम्। विघ्नान् विभंज्जय विभंज्जय, क्क मम पत्नी अस्य अकाल मृत्यु मुखं मृत्यु स्तम्भय स्तम्भ्य, क्क हृीं मम पत्नी अस्य आकाल मृत्यु मुखं भेदय भेदय, क्क वश्यम् कुरू कुरू, क्क हृीं बगलामुखि हुम फट् स्वाहा। इस मंत्र के नियमित जाप से गंभीर से गंभीर रोग ठीक हो जाता है।

दुर्गा सप्तशती का मंत्र

अगर कोई व्यक्ति अक्सर बीमार रहता है, उसकी सेहत में अक्सर उतार-चढ़ाव बना रहता है। तो ऐसे व्यक्ति को दुर्गा सप्तशती के इस प्रभावशाली मंत्र का जाप करना चाहिए। यह मंत्र इस प्रकार है- देहि सौभाग्यमारोग्यं, देहि मे परमं सुखं। रूपं देहि, जयं देहि, यशो देहि, द्विषो जहि। इसके अलावा रुद्राभिषेक करना भी काफी ज्यादा शुभ माना जाता है।

आदित्य हृदय स्तोत्र

बता दें कि ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को सभी ग्रहों का राजा माना गया है। वहीं हृदय का कारक ग्रह सूर्य को माना गया है। ऐसे में यदि कोई व्यक्ति हृदय रोग से पीड़ित है, तो उसे नियमित आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। इसके अलावा उगते हुए सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए।

सूर्य गायत्री मंत्र

कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को रोजाना सूर्य गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए। यह एक प्रभावशाली और दिव्य मंत्र है। यह मंत्र इस प्रकार है- क्क भास्कराय विद्यहे दिवाकर। धीमहि तन्नो सूर्य प्रचोदयात्। इस मंत्र का रोजाना पांच माला जाप करना चाहिए। अगर रोगी की बीमारी का पहले पता चल जाए तो इलाज के साथ ही इस मंत्र के जाप से उसे जल्द ही रोग से मुक्ति मिल जाती है।

तुला दान

ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक व्यक्ति के सभी अंग्रो पर विभिन्न ग्रहों का प्रभाव होता है। ग्रहों की चाल से ही जातक को रोग और कष्ट मिलता है। इसलिए ग्रहों को अनुकूल बनाने के लिए जातक को अपने वजन के बराबर ग्रहों से संबंधित अनाज को तौलकर दान करना चाहिए। जैसे द्वारका में द्वारकाधीश मंदिर के साथ ही तुलादान मंदिर स्थित है। यहां पर लोग ग्रहों को अनुकूल बनाने के लिए तुलादान करते हैं। मान्यता के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने यहां पर तुलादान किया था।

Leave a Reply

error: Content is protected !!