C.C.I.M ने आयुर्वेदिक मेडिकल काॅलेज सीवान के प्राचार्य डाॅ त्रिपाठी के सेवा विस्तार को खारिज किया।

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

C.C.I.M  नई दिल्ली ने दयानन्द आयुर्वेदिक मेडिकल काॅलेज एवं अस्पताल सीवान के प्राचार्य डाॅ प्रजापति त्रिपाठी के सेवा विस्तार के आवेदन को खारिज कर दिया है। इनके आवदेन पत्र को खारिज करते हुए C.C.I.M नयी दिल्ली ने अपने पत्रांक 20-15/20-20- काॅलेज दिनंाक 15.04.2021 में अंकित किया है कि 67 से 70 वर्ष तक सेवा विस्तार करने का प्रावधान प्राईवेट काॅलेजों में नहीं है। यह प्रावधान सरकारी संस्थाओं में है जहाॅ सेवानिवृति के बाद आवश्यकानुसार अनुबंध पर बिहार सरकार नियुक्त करती है। विदित हो कि दयानन्द आयुर्वेदिक मेडिकल काॅलेज एवं अस्पताल सरकारी काॅलेज नहीं है। अतः यहाॅ यह नियम लागू नहीं होता है।

इधर काॅलेज के पूर्व सचिव डाॅ0 बी0पी0एन0 पाठक के द्वारा दिए गये आवेदन पत्र के आलोक राज्यपाल सचिवालय ने अपने ज्ञापांक- एस0यू0-01.2021-765 रा0स0 (1) दिनंाक 09.06.2021 को कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्व विद्यालय, दरभंगा के कुलपति को ले जाकर कारण पृच्छा करते हुए यह लिखा है कि वे बतावें कि डाॅ0 प्रजापति त्रिपाठी को नियमों के प्रतिकूल 70 वर्ष की आयू तक सेवा विस्तार करने का क्या आधार है? राज्यपाल-सह कुलाधिपति महोदय ने कुलपति को यह भी आदेश दिया है कि नियमानुसार कार्रवाई करते हुए आवेदक और राज्यपाल सचिवपालय को सूचित करें।

जानकारी मिली है कि शासी-निकाय के एक तथाकथित प्रस्ताव के आलोक में विगत सितम्बर माह में डाॅ0 त्रिपाठी को 70 वर्ष तक सेवा विस्तार नियमों के प्रतिकुल दिया गया था जबकि नियम परिनियमों के अनुसार शासी-निकाय को एक दिन भी सेवा विस्तार का अधिकार नहीं है।

बिहार राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम 1976 की धारा 76 A  स्पष्ट प्रावधान करता हे कि विश्वविद्यालय को प्राध्यापको अथवा गैर प्राध्यापकों की सेवा विस्तार का अधिकार नियमनुकूल एक दिन के लिए भी नहीं है।

स्वयं के0एस0डी0एस0 दरभंगा प्रार्थी को एक RTI में जबाब दिया है कि प्राध्यापकों की सेवा विस्तार का अधिकार मात्र सरकार/राज्यपाल, C.C.I.M नयी दिल्ली को प्राप्त हैं प्रार्थी ने विश्वविद्यालय से पूछा था कि क्या शासी-निकाय को सेवा विस्तार का अधिकार है? इसी के उत्तर में उपर्युक्त RTI से प्रार्थी को जबाब मिला था।

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