क्या भारत की जनसंख्या 2065 तक 1.7 बिलियन पहुँचने का अनुमान है?

क्या भारत की जनसंख्या 2065 तक 1.7 बिलियन पहुँचने का अनुमान है? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या प्रभाग के अनुसार, भारत की जनसंख्या वृद्धि एक प्रमुख फोकस रही है, जिसके वर्ष 2065 तक 1.7 बिलियन तक पहुँचने का अनुमान है, जो भारत में जनसांख्यिकीय लाभांश के चल रहे संक्रमण को रेखांकित करता है। यह एक महत्त्वपूर्ण लेकिन…

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नुकसान करोगे तो हम भी चोट देंगे-इजरायल

नुकसान करोगे तो हम भी चोट देंगे-इजरायल श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क ईरान और इजरायल में तनातनी और हमले की आशंकाओं के  बीच भारत और अमेरिका समेत छह देशों ने अपने-अपने नागरिकों के ट्रैवल एडवायजरी जारी की हैं। सभी देशों ने अपने नागरिकों से इन दोनों देशों की यात्रा से बचने की सलाह दी है। भारत,…

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क्या न्याय में देरी से अदालतों पर भरोसा कम हो गया है?

क्या न्याय में देरी से अदालतों पर भरोसा कम हो गया है? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क सुप्रीम कोर्ट ने अक्तूबर 2023 में कहा था कि देश में छह फीसदी आबादी मुकदमेबाजी से पीड़ित है. मामलों के जल्द निपटारे के लिए जस्टिस रवींद्र भट्ट की बेंच ने गाइडलाइन जारी किया था. उसमें जिला और तालुका स्तर…

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होम्योपैथी की लोकप्रियता दुनिया में तेजी से बढ़ी: डॉ अविनाश चन्द्र

होम्योपैथी की लोकप्रियता दुनिया में तेजी से बढ़ी: डॉ अविनाश चन्द्र श्रीनारद मीडिया, सेंट्र्रल  डेस्‍क: प्रतिवर्ष 10 अप्रैल को विश्व होम्योपैथी दिवस मनाया जाता है। होम्योपैथी के जनक माने जाने वाले जर्मन मूल के ईसाई फ्रेडरिक सैमुअल हैनीमैन का जन्म 10 अप्रैल को ही हुआ था। विश्व होम्योपैथी दिवस केवल डॉ. हैनिमैन की जयंती के…

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संवैधानिक नैतिकता के समक्ष चुनौतियों का आकलन

संवैधानिक नैतिकता के समक्ष चुनौतियों का आकलन श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क भारत जैसे संसदीय लोकतंत्र में भ्रष्टाचार के आरोप में एक सेवारत मुख्यमंत्री की हालिया गिरफ्तारी कानूनी, राजनीतिक और संवैधानिक चिंताओं को जन्म देती है तथा संवैधानिक नैतिकता के साथ इसकी स्थिरता पर प्रश्न उठाती है। संवैधानिक नैतिकता क्या है?  परिचय: संवैधानिक नैतिकता (Constitutional morality – CM) एक…

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मेक्सिको ने इक्वाडोर के साथ राजनयिक संबंध क्यों तोड़ लिए है?

मेक्सिको ने इक्वाडोर के साथ राजनयिक संबंध क्यों तोड़ लिए है? दूतावास में दरवाजा तोड़कर क्यों घुस गई फौज? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क इक्वाडोर की पुलिस ने 5 अप्रैल की देर रात राजधानी क्विटो में मैक्सिकन दूतावास के बाहरी दरवाजे तोड़कर जॉर्ज ग्लास को गिरफ्तार कर लिया, जो दिसंबर से वहां रह रहे थे। भ्रष्टाचार…

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मध्यवर्ग के आय में वृद्धि अर्थव्यवस्था का बढ़ना है, कैसे?

मध्यवर्ग के आय में वृद्धि अर्थव्यवस्था का बढ़ना है, कैसे? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क किसी भी देश के आर्थिक-सामाजिक विकास में मध्यम वर्ग की प्रमुख भूमिका रही है। आर्थिक विश्लेषकों की माने तो आर्थिक विकास का कोई ग्रोथ इंजन है तो वह मध्यम वर्ग है। ज्यादा दूर नहीं जाए और केवल वर्तमान दशक की शुरुआत…

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क्या भारत के पास नारी शक्ति की समृद्ध परंपरा थी?

क्या भारत के पास नारी शक्ति की समृद्ध परंपरा थी? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क भारतीय इतिहास, समाज एवं चेतना में पैबस्त द्रौपदी में रहस्यात्मक जटिलता है. वह मानवीय अनुभव की द्वैध प्रतीक है- वह स्त्रैण, करुणामयी और उदार है, पर अपने साथ अनुचित होने पर वह प्रतिरोध की क्षमता भी रखती है. महाभारत में जो…

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क्या महंगाई के कारण परिवारों पर बोझ बढ़ा है?

क्या महंगाई के कारण परिवारों पर बोझ बढ़ा है? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क ताजा रिपोर्ट में बताया गया है कि दिसंबर 2023 में घरेलू कर्ज अपने सर्वाधिक स्तर पर पहुंच गया. सकल घरेलू उत्पादन (जीडीपी) में पारिवारिक ऋण का अनुपात 40 प्रतिशत हो गया है. साथ ही, जीडीपी में पारिवारिक बचत का अनुपात लगभग पांच…

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यह चैत्र अब तक का सुंदरतम चैत्र है।

यह चैत्र अब तक का सुंदरतम चैत्र है। ए रामा चइत महिनवा!………… श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क पता नहीं कब से, शायद जब से धरा धाम पर राम आये तभी से सभ्यता के लिए चैत्र मास का अर्थ ही ‘राम’ होता है। फगुआ की शाम को ढोलक पर पड़ती एक मदमाती थाप, और अनेक उल्लासित कंठों…

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चिपको आंदोलन ने देश को एक राह दिखाई थी

चिपको आंदोलन ने देश को एक राह दिखाई थी श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क चिपको आंदोलन की शुरुआत प्रदेश के चमोली जिले में गोपेश्वर नाम के एक स्थान पर की गई थी. आंदोलन साल 1972 में शुरु हुई जंगलों की अंधाधुंध और अवैध कटाई को रोकने के लिए शुरू किया गया. इस आंदोलन में महिलाओं का…

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क्या आदिवासियों ने मोटे अनाज को विलुप्त होने से बचाया है?

क्या आदिवासियों ने मोटे अनाज को विलुप्त होने से बचाया है? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क मोटा अनाज एक समय भारतीय समुदायों के मुख्य भोजन का हिस्सा था. गेहूं, चावल और चीनी का प्रचलन भारतीय खाद्य संस्कृति में 20वीं सदी में शुरू हुआ. हरित क्रांति ने भारतीय मैदानी क्षेत्रों में गेहूं और चावल को लोकप्रिय बना…

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रोजगार की गति को कैसे बढ़ाई जा सकती है?

रोजगार की गति को कैसे बढ़ाई जा सकती है? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क जेनेवा स्थित अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन और दिल्ली स्थित इंस्टिट्यूट फॉर ह्यूमन डेवलपमेंट ने संयुक्त रूप से ‘इंडिया एमंप्लॉयमेंट रिपोर्ट 2024’ प्रकाशित किया है. तीन सौ पन्नों की यह सारगर्भित रिपोर्ट भारत में श्रम एवं रोजगार के संबंध में इन दोनों संस्थानों द्वारा…

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मोदी काल में मुसलमानों को लेकर कैसे बदल गई भाजपा की रणनीति?

मोदी काल में मुसलमानों को लेकर कैसे बदल गई भाजपा की रणनीति? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क भाजपा का संकेत साफ है. मुसलमानों में पैठ बनाने के लिए पार्टी दशकों से चली आ रही प्रतीकात्मक राजनीति का सहारा नहीं लेगी. इस वर्ग को उन मुश्किल सीटों पर अपनी प्रासंगिकता साबित करनी होगी, जहां उनके वोट निर्णायक…

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क्या भोजन की बर्बादी रोकने के लिए क्रांति करने की आवश्यकता है?

क्या भोजन की बर्बादी रोकने के लिए क्रांति करने की आवश्यकता है? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क भोजन की बरबादी को लेकर संयुक्त राष्ट्र ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया में प्रतिदिन लगभग एक अरब थालियां बरबाद होती हैं, यानी हर व्यक्ति एक वर्ष में औसतन 79 किलो खाना…

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