भगवद्गीता का जनमानस में महान् प्रभाव है – शिरीष भेडसगावकर

भगवद्गीता का जनमानस में महान् प्रभाव है – शिरीष भेडसगावकर श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क महात्मा गाँधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय के मानविकी एवं भाषासंकाय के अन्तर्गत गीता जयन्ती महोत्सव का आयोजन विश्वविद्यालय के गाँधी भवन परिसर के नारायणी कक्ष में किया गया। गीता जयन्ती के अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे मानविकी एवं भाषा संकाय के…

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बिहार में सीवान के लाल मनोज भावुक बनें अखिल भारतीय भोजपुरी साहित्य सम्मेलन के कला मंत्री

बिहार में सीवान के लाल मनोज भावुक बनें अखिल भारतीय भोजपुरी साहित्य सम्मेलन के कला मंत्री श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क जमशेदपुर में आयोजित अखिल भारतीय भोजपुरी साहित्य सम्मेलन के 27वें अधिवेशन ( स्वर्ण जयंती वर्ष ) में सुप्रसिद्ध लेखक, संपादक, टीवी प्रस्तोता, रंगकर्मी, फिल्म गीतकार व भोजपुरी सिनेमा के इतिहासकार मनोज भावुक को संस्था की…

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क्या भिखारी ठाकुर का जन्मदिवस 18 दिसम्बर है ?

क्या भिखारी ठाकुर का जन्मदिवस 18 दिसम्बर है ? श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्‍क: 18 दिसम्बर को धूमधाम से भिखारी ठाकुर की जयंती मनाई गई। पर क्या वाकई 18 दिसम्बर 1887 ठाकुर जी की जन्मतिथि है ? जवाब मिलेगा, है । जब महेश्वराचार्य, अक्षयबर दीक्षित, तैयब हुसैन पीड़ित, भगवती प्रसाद द्विवेदी, भिखारी ठाकुर रचनावली, से लगायत…

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अदभुत बा ‘भिखारी ठाकुर’ के संसार 

अदभुत बा ‘भिखारी ठाकुर’ के संसार भिखारी ठाकुर जयंती पर विशेष। श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्‍क: आजु भिखारी ठाकुर के जयंती बा. ‘भिखारी ठाकुर, अब सबसे लोकप्रिय नाम बाड़े भोजपुरी लोकसाहित्य,लोकसंस्कृति के. 29 कृति सामने आ चुकल बा. प्रकाशित रूप में. अब कवनो तरीका से रहस्य नइखन रह गइल, भिखारी ठाकुर. हां, उहां के विविध आयाम…

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आजु मिथिला नगरिया निहाल सखिया…

आजु मिथिला नगरिया निहाल सखिया… सर्वेश तिवारी श्रीमुख, गोपालगंज, श्रीनारद मीडिया : आज भगवान श्रीराम और माता सीता के विवाह की वर्षगाँठ है। यहीं मिथिला की ही थीं सीता, नाता जोड़ दूँ तो बुआ निकल आएंगी। एक पीढ़ी पहले तक हमारे बुजुर्ग अवध वालों से इसी नाते को लेकर ठिठोली करते थे। ठीक भी है,…

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पुस्तकें ही व्यक्ति की सच्ची मित्र होती हैं,कैसे?

पुस्तकें ही व्यक्ति की सच्ची मित्र होती हैं,कैसे? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क गुलजार साहब की किताबों पर लिखी एक कविता मुझे बेहद पसंद है. यह कविता किताबों से हमारे बदलते रिश्ते को दर्शाती है. ‘किताबें झांकती है बंद अलमारी के शीशों से, बड़ी हसरत से तकती हैं/ महीनों अब मुलाकातें नहीं होतीं, जो शामें उनकी…

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डार्क हॉर्स: अभ्यर्थी से अधिकारी बनने की कथा।

डार्क हॉर्स: अभ्यर्थी से अधिकारी बनने की कथा।  एक बार पुनः आप सभी के लिए नीलोत्पल मृणाल की पुस्तक डार्क हॉर्स की समीक्षा प्रस्तुत है। श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क “कोई दुख मनुष्य के साहस से बड़ा नहीं। हारा वही जो लड़ा नहीं”।। दीपावली व छठ की छुट्टियों में मैं वेब सीरीज एसपिरेंट(Aspirant) देख रहा था।…

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दयालुता मानवीय जीवन का सौन्दर्य है,कैसे?

दयालुता मानवीय जीवन का सौन्दर्य है,कैसे? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क आज दुनिया में प्रेम, करुणा, दया एवं उदारता रूपी संवदेनाओं का स्रोत सूखता जा रहा है। इनमें दया एवं दयालुता ही ऐसा मानवीय मूल्य है जिस पर मानव की मुस्कान छिपी है। दयालुता एक ऐसा भाव है जो न केवल दूसरों के प्रति प्रेम जगाता…

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लोक की दीपावली:लोक की दीया।

लोक की दीपावली:लोक की दीया। लोक का दीपोत्सव: हमारा दीया। श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क असतो मा सद्गमय ज्योतिर्गमय….. दीया हमारे सनातन समाज का प्रतीक है। यह हमारे अंदर के अंधकार तमस को मिटाकर ज्योतिपुंज में ले जाता है। सृष्टि चक्र में पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध में कार्तिक मास वर्ष का सबसे अंधकार मय महीना है।…

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भारत गाथा: गुरुजी श्री रवीन्द्र शर्मा जी की दृष्टि में भिक्षावृत्ति

भारत गाथा: गुरुजी श्री रवीन्द्र शर्मा जी की दृष्टि में भिक्षावृत्ति पुस्तक में भिक्षावृत्ति और भिक्षावृत्ति आधारित समाज का विस्तृत परिचय है श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क खण्ड 1: भिक्षावृत्ति पिछले कई वर्षों में जिन किन्हीं लोगों ने विशुद्ध भारतीय मेधा के गुरुजी श्री रवीन्द्र शर्मा जी को सुना है, वे उनकी बातचीत की साहित्य रूप…

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स्मिता पाटिल ने समानांतर सिनेमा को एक दिशा दी,कैसे?

स्मिता पाटिल ने समानांतर सिनेमा को एक दिशा दी,कैसे? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क स्मिता पाटिल का जन्म 17 अक्टूबर 1955 को पुणे, महाराष्ट्र में हुआ था। स्मिता पाटिल एक राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखती थीं। उनके पिता का नाम शिवाजी राय पाटिल था, वे महाराष्ट्र सरकार में मंत्री थे, जबकि उनकी माँ एक सामाजिक कार्यकर्ता…

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मुझे तुम निष्प्राण मत समझो!तुम पश्चिम नहीं, पूरब के चेतन शील जीव हो।

मुझे तुम निष्प्राण मत समझो!तुम पश्चिम नहीं, पूरब के चेतन शील जीव हो। श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क प्रातः चूल्हे पर कड़ाही और मेरे उंगली का अनावृत स्पर्श हो गया। ईश्वर का धन्यवाद है कि उंगली का ही हुआ और किसी अंग का नहीं! स्पर्श से त्वचा ने अपना रंग बदल लिया,परन्तु सब ठीक है। लेकिन…

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प्रत्युत्तर, मेरी आत्मा की सच्ची अभिव्यक्ति नहीं, केवल और केवल प्रेमाभक्ति का प्रस्तुतीकरण है.कैसे?

प्रत्युत्तर, मेरी आत्मा की सच्ची अभिव्यक्ति नहीं, केवल और केवल प्रेमाभक्ति का प्रस्तुतीकरण है.कैसे? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क हे अतिप्रिय! ज्ञात हो कि भक्तिकालीन प्रेम विषयक शोध की जिस अवस्था तक मेरी चिन्तनदृष्टि पहुंच गई है। वहां पर कोई प्रत्युत्तर नहीं, कोई अहंकार या प्रतिस्पर्धा नहीं, ईर्ष्या, द्वेष, जलन से युक्त, घुटन से भरे वातावरण…

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जिसने हर किरदार को जिया: रेखा

जिसने हर किरदार को जिया: रेखा श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क लेखन सदैव से ही अभिव्यक्ति की सशक्त विधा रही है क्योंकि अगर आप नहीं चाहते कि आपके बाद आपकी स्मृति को भुला दिया जाए तो कुछ ऐसा कीजिए जो देखने-सुनने-पढ़ने व लिखने लायक हो। जी हां जिस ग्लैमर की चमक आपको मुंबई खींचती है, वह…

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