AMU पर कहर बनकर टूटा कोरोना, 20 दिन में 17 प्रोफेसरों की मौत,CBI जांच की मांग

 

AMU पर कहर बनकर टूटा कोरोना, 20 दिन में 17 प्रोफेसरों की मौत,CBI जांच की मांग

श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्‍क:

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कोराना वायरस की दूसरी लहर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी पर कहर बनकर टूट रही है। कोराेना की इस दूसरी लहर में अब तक एएमयू के 17 प्रोफेसर का  निधन हो चुका है। इनमेंं से कई ऐसे प्रोफेसर थे, जिनकी कोरोना जांच रिपोर्ट निगेटिव आई थी। एएमयू में यह पहला मौका है जब यूनिवर्सिटी से जुड़े इतनी संख्या में शिक्षकों की जान गई हो। अहम बात यह है कि यदि मृतकों में एएमयू के गैर शिक्षक एवं कर्मचारियो को शामिल कर लिया तो यह संख्‍या बढ़कर 45 हो जाती है।  इसको लेकर एएमयू इंतजामिया बेहदचिंतित है। इधर एएमयू के पूर्व छात्रसंघ अध्‍यक्ष फैजुल हसन ने प्रोफेसर एवं गैर शिक्षकों की जेएन मेडिकल कालेज में हुई मौत को लेकर CBI या सेवानिवृत्‍त जजों से जांच कराने की मांग की है।

एएमयू के पूर्व छात्रसंघ अध्‍यक्ष फैजुल हसन ने कहा है कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में बीते 20-25 दिनों में दो दर्जन से अधिक प्रोफेसरान की मौत हुई है और लगातार अभी भी मौत का तांडव जारी है। जिस यूनिवर्सिटी के जेएन मेडिकल कॉलेज में किसी चीज़ की कमी न हो वहां पर मौत का इस तरह से हावी होना कहीं न कहीं मेडिकल लापरवाही का नतीजा है। प्रोफेसर किसी भी यूनिवर्सिटी की रीढ़ की हड्डी होते हैं और उसके साथ ऐसा होना कहीं न कहीं सवालिया निशान खड़ा कर रहा है। मैं बड़ी ज़िम्मेदारी के साथ सरकार से दरख्वास्त कर रहा हूं कि इस पर उच्‍च स्‍तरीय जाांच बैठाई जाए। साथ ही CBI या सेवानिवृत्‍त जजों से जांच कराई जाए। जो भी इसमें शामिल हो उसे सख्त से सख्त सजा दी, जाए।  किसी को भी मेडिकल सुख सुविधा से वंचित न किया जाये।

इन प्रोफेसरों की हुई मौत

एएमयू टीचर्स एसोसिएशन के पूर्व सचिव व ईसी मेंबर प्रो. आफताब आलम ने दुनिया छोड़ चुके इन शिक्षकों की सूची तैयार की है। इनमें  एएमयू के लॉ फैकल्टी के डीन प्रो. शकील समदानी, पूर्व प्राक्टर प्रो. जमशेद, सिद्ददीकी, सुन्नी थियोलोजी डिपार्टमेंट के प्रो. एहसानउल्लाह फहद, उर्दू विभाग के प्रो. मौलाना बख्श अंसारी, पोस्ट हार्वेस्टिंग इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के प्रो. मो. अली खान, राजनीतिक विज्ञान विभाग के प्रो. काजी,मोहम्‍मद जमशेद, मोलीजात विभाग के चेयरमैन प्रो. मो. यूनुस सिद्ददीकी, इलमुल अदविया विभाग के चेयरमैन गुफराम अहमद, मनोविज्ञान विभाग के चेयरमैन प्रो. साजिद अली खान, म्यूजियोलोजी विभाग के चेयरमैन डा. मोहम्मद इरफान, सेंटर फोर वीमेंस स्टडीज के डा. अजीज फैसल, यूनिवर्सिटी पालिटेक्निक के मोहम्मद सैयदुज्जमान, इतिहास विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर जिबरैल, संस्कृत विभाग के पूर्व चेयरमैन प्रो. खालिद बिन यूसुफ और अंग्रेजी विभाग के डा. मोहम्मद यूसुफ अंसारी आदि शामिल हैं। प्रो. आफताब आलम ने कहा है कि यूनिवर्सिटी के लिए यह बहुत खराब दौर है। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ जब यूनिवर्सिटी से जुड़े लोगों की इतनी तादात में मौत हुई हों।

 

इनका चल रहा इलाज 

जेएन मेडिकल कालेज में बड़ी संख्या में एएमयू से जुड़े लोगों का इलाज चल रहा है। इनमें ओएसडी प्रो. अफसर अली, प्रो. शुएब जहीर, प्रो. शादाब अहमद खान, प्रो. जाहिद, प्रो.अबू कमर, प्रो. एहतिशाम भी शामिल हैं। इनके अलावा कई का घर इलाज चल रहा है, कुछ निजी अस्पताल में इलाज करा रहे हैं।

एएमयू से जुड़े चार और प्रोफेसरों की मौत

पिछले दो दिनों में एएमयू से सेवानिवृत्त तीन प्रोफेसरों की मौत हुई है। इनमें प्रो. मुबस्सिर अली, प्रो. इफत अफजाल, प्रो. सईद सिददीकी और फरमान हुसैन व अमरेटस प्रो फरहतउल्‍लाह खान व विधि संकाय के प्रोफेसर एम शब्‍बीर आदि शामिल हैं।

वेद ज्ञान में माहिर थे प्रो. खालिद 

ऋग्वेद में पीएचडी करने वाले प्रो. खालिद बिन यूसुफ वेद ज्ञान में माहिर थे। आठ छात्रों को वह पीएचडी भी करा चुके हैं। एएमयू के जनसंपर्क कार्यालय की ओर से जारी जानकारी के अनुसार प्रो. खालिद बिन यूसुफ दुनिया के पहले मुस्लिम स्कालर थे जिन्होंने ऋग्वेद में पीएचडी थी। लेकिन एएमयू के संस्कृत विभाग के चेयरमैन प्रो. मो. शरीफ ने इससे इनकार किया है। उनका कहना है कि दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रो. मो. इस्राइल खान पहले मुस्लिम थे जिन्होंने ऋग्वेद में पीएचडी की थी। एएमयू में ऋग्वेद पर पीएचडी करने वाले प्रो. खालिद बिन यूसुफ पहले व्यक्ति थे।

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