पत्रकार और राजनीतिक नामधारी गिद्ध गर्व के साथ ब्रेकिंग न्यूज बनाने में व्यस्त हैं।

पत्रकार और राजनीतिक नामधारी गिद्ध गर्व के साथ ब्रेकिंग न्यूज बनाने में व्यस्त हैं।

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क


क्या आपको इस चित्र की याद है?

उस चित्र का नाम है- ‘गिद्ध और छोटी बच्ची’। इस चित्र में एक गिद्ध, भूखी बच्ची की मृत्यु का इंतजार कर रहा है। एक दक्षिण अफ्रीकी फोटो पत्रकार केविन कार्टर ने इसे मार्च 1993 के अकाल में सूडान में खींचा था। उस फिल्म के लिए उसे पुलित्जर पुरस्कार दिया गया था। लेकिन इतना सम्मान प्राप्त करने के बाद भी कार्टर ने 33 वर्ष की उम्र में आत्महत्या कर ली थी।

उस आत्महत्या का कारण क्या था? वास्तव में, जब वह सम्मान मिलने की खुशी मना रहा था, और उस पुरस्कार का समाचार अनेक टीवी समाचार चैनलों पर दिखाया जा रहा था, उसी समय किसी ने उससे एक टेलीफोन इंटरव्यू में पूछा कि अन्त में उस लड़की का क्या हुआ?

कार्टर ने उत्तर दिया कि मैं कुछ कह नहीं सकता, क्योंकि मैं अपनी उड़ान पकड़ने की जल्दी में था।

‘वहाँ कितने गिद्ध थे?’ उसी आदमी ने पूछा।

कार्टर ने कहा, ‘मैं समझता हूँ कि वहाँ एक ही था।’

टेलीफोन पर दूसरी ओर से बात कर रहे व्यक्ति ने कहा, ‘मैं कह रहा हूँ कि वहाँ उस समय दो गिद्ध थे, उनमें से एक के पास कैमरा था।’

इन शब्दों की सार्थकता समझते ही कार्टर बहुत दुःखी हो गया और उसके कुछ समय बाद उसने आत्महत्या कर ली।

हमें हर स्थिति में मानवता का ध्यान रखना चाहिए। कार्टर आज भी जिन्दा होता, यदि उसने उस भूख से मरती हुई बच्ची को संयुक्त मिशन के भोजन केन्द्र तक पहुँचा दिया होता, जो वहाँ से केवल आधा मील दूर था, शायद वह बच्ची वहीं पहुँचने का प्रयास कर रही थी। ✍️

आज फिर, अनेक गिद्ध हाथों में कैमरा लेकर पूरे देश से अपने घर लौट रहे हैं, जो केवल जलती हुई चिताओं के और ऑक्सीजन के अभाव में दम घुटने से मरने वाले लोगों के चित्र खींच रहे हें और उनको ऑनलाइन बेच रहे हैं।

इन गिद्धों को मौतों की चिन्ता करने के बजाय उनके समाचार एकत्र करने की चिन्ता अधिक है, ताकि चैनलों की टीआरपी बढायी जा सके। वे जलती हुई चिताओं में ईंधन डालकर ब्रेकिंग न्यूज एकत्र करने में व्यस्त हैं।

उसी तरह कुछ राजनीतिक गिद्ध इस आपदा में अवसर तलाश रहे हैं,दिन भर टीवी कैमरों पर पूरे देश में भय का वातावरण खड़ा कर रहे हैं।अपने व्यवसायिक मित्रों के साथ मिलकर जीवन रक्षक दवाओं और मशीनों की कालाबाजारी और कृत्रिम कमी पैदा कर रहे हैं ताकि जनता मोदी सरकार से नाराज़ होकर अगले चुनाव में इन लुटेरों को सत्ता सौंप दे।ये राजनीतिक गिद्ध और पत्रकार इस महामारी से भी खतरनाक हैं।

केविन कार्टर में स्वाभिमान था, इसलिए उसने आत्महत्या कर ली। लेकिन ये पत्रकार और राजनीतिक नामधारी गिद्ध गर्व के साथ ब्रेकिंग न्यूज बनाने में व्यस्त हैं।

हमें ऐसे गिद्धों से बचते हुए एक – दूसरे का सहयोग कर इस आपदा से लड़ने की जरूरत है।निश्चित रूप से हमें विजय मिलेगी।

ये भी पढ़े…

Leave a Reply

error: Content is protected !!