महिलाओं व बच्चों के खिलाफ कम हुए अपराध-एनसीआरबी.

महिलाओं व बच्चों के खिलाफ कम हुए अपराध-एनसीआरबी.

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने 2020 में देश में हुए अपराधों पर रिपोर्ट जारी कर दी है। आंकड़े बताते हैं कि पिछले साल महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों में कमी आई है। दुष्कर्म के मामले भी सालभर पहले की तुलना में कुछ कम हुए हैं। अपहरण की घटनाओं में भी कमी आई।

एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में 2020 में विभिन्न अपराधों के कुल 66,01,285 मामले दर्ज हुए। इनमें 42,54,356 मामले भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) से संबंधित और 23,46,929 मामले स्पेशल एंड लोकल लाज (एसएलएल) से संबंधित थे। 2019 में 51,56,158 मामले दर्ज किए गए थे।

jagran

रोजाना दर्ज हुए दुष्कर्म के 77 मामले: देशभर में रोजाना औसतन 77 मामलों के साथ 2020 में दुष्कर्म के कुल 28,046 मामले दर्ज हुए। इनमें पीड़िताओं की संख्या 28,153 थी। 25,498 वयस्क और 2,655 बच्चियां 18 साल से कम उम्र की थीं। 2019 में 32,033 मामले, 2018 में 33,356 मामले और 2017 में 32,559 मामले दर्ज किए गए थे।

jagran

कम हुईं अपहरण की घटनाएं: 2019 की तुलना में पिछले साल अपहरण की घटनाओं में गिरावट देखी गई। 2020 में अपहरण के कुल 84,805 मामले दर्ज हुए। इनमें पीड़ितों की संख्या 88,590 थी। इनमें 56,591 बच्चे थे। 2019 में अपहरण के 1,05,036 मामले दर्ज हुए थे।

jagran

इंटरनेट की दुनिया में बढ़ रहे अपराध: एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2020 में साइबर अपराधों में बढ़ोतरी दर्ज की गई। पिछले साल साइबर क्राइम के 50,035 मामले दर्ज हुए। इनमें 30,142 मामले धोखाधड़ी से जुड़े थे। साल 2019 में 44,735 और 2018 में 27,248 साइबर अपराध के मामले दर्ज किए गए थे। इंटरनेट मीडिया पर फेक न्यूज के 578 मामले दर्ज कराए गए।

सरकार की अवज्ञा के मामले बढ़े: पिछले साल सरकारी आदेश के उल्लंघन के मामलों में उछाल आया। 2020 में ऐसे कुल 6,12,179 मामले दर्ज किए गए। 2019 में इनकी संख्या मात्र 29,469 थी। कोरोना महामारी से जुड़े कई प्रतिबंध इन मामलों में बढ़ोतरी का अहम कारण रहे। बहुत से मामले इन्हीं प्रतिबंधों के उल्लंघन के कारण दर्ज किए गए।

भारत सरकार में गृह मंत्रालय के साथ संलग्‍न एक कार्यालय है। नई दिल्‍ली स्थित इस ब्‍यूरो का प्रमुख उद्देश्य भारत की पुलिस के आधुनिकीकरण व सूचना प्रौद्योगिकी में सशक्‍त करना है।वर्तमान में इस ब्यूरो के महानिदेशक श्री आर आर वर्मा हैं।

यह ब्‍यूरो देश भर में “अपराध अपराधी सूचना प्रणाली” (Crime Criminal Information system, CCIS, सी.सी.आई.एस.) के अंतर्गत प्रत्‍येक राज्‍य अपराध रिकार्ड ब्‍यूरो एवं जिला अपराध रिकार्ड ब्‍यूरो में 762 सर्वर-आधारित कम्‍प्‍यूटर सिस्‍टम स्‍थापित कर चुका है, ताकि अपराध, अपराधियों एवं अपराधियों की सम्‍पत्ति से संबंधित राष्‍ट्रीय स्‍तर के डाटा बेस को व्‍यवस्थित किया जा सके। इसके अतिरिक्त यह ब्यूरो “अपराध एवं अपराधी खोज नेटवर्क और प्रणाली” (Crime and Criminal Tracking Network and Systems, CCTNS, सी.सी.टी.एन.एस.) को भी कार्यान्वित कर रहा है, जो भारत सरकार के राष्‍ट्रीय ई-गर्वनेंस योजना के अंतर्गत एक मिशन मोड परियोजना है। राष्‍ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्‍यूरो – ग्रह मंत्रालय के अन्तर्गत आता है। इसका मुख्यालय दिल्ली में है।

इसके निम्‍नलिखित उद्देश्‍य है-

  • पुलिस थाना स्‍तर एवं विभिन्‍न स्‍तरों पर पुलिस कार्यालयों में प्रकृयाओं एवं कार्यों को स्‍वचालित करते हुए पुलिस कार्य प्रणाली को नागरिक मैत्रीपूर्ण, पारदर्शी, जवाबदेह प्रभावी एवं कार्यकुशल बनाना।
  • सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आई.सी.टी.) के प्रभावी प्रयोग के माध्‍यम से नागरिक-केंद्रित सेवाओं को प्रदान करने में सुधार करना।
  • अपराधियों को खोजने और अपराध की और अधिक तेजी से एवं स‍ही जांच के लिए जांच अधिकारियों को उपकरण, तकनीक एवं सूचना उपलब्‍ध करवाना।
  • पुलिस कार्य प्रणाली के अन्‍य क्षेत्र जैसे कानून एवं व्‍यवस्‍था, यातायात प्रबंधन, संगठित अपराध पर रोक लगाने, संसाधन प्रबंधन आदि में सुधार लाना।
  • पुलिस थानों, जिलों, राज्‍य मुख्‍यालयों एवं संगठनों / संस्‍थाओं तथा भारत सरकार के स्‍तर पर आपस में डाटा एकत्रित करने, संचय, पुन: प्राप्ति, विश्लेषण, अन्‍तरण एवं सूचना के आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाना।
  • पुलिस बल के बेहतर प्रबंधन के लिए वरिष्‍ठ पुलिस अधिकारियों का अनुकूलन एवं सहायता।
  • अपराध एवं अपराधी जांच तथा अभियोजित मामलों की प्रगति का ब्‍यौरा रखना, जिसमें न्‍यायलयों में मामलों की प्रगति भी शामिल है।
  • मैन्‍युल तथा निरर्थक रखे हए रिकार्ड में कमी लाना।

Leave a Reply

error: Content is protected !!