दिव्‍यांग छात्र किया अनोखा आविष्‍कार, बिना हेलमेट और शराब की गंध आने पर स्‍टार्ट नहीं होगी बाइक

दिव्‍यांग छात्र किया अनोखा आविष्‍कार, बिना हेलमेट और शराब की गंध आने पर स्‍टार्ट नहीं होगी बाइक

श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्‍क:

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होनहार वीरवान के होत चिकने पात। उतर प्रदेश के सोनभद्र (Sonbhadra News) के 12वीं कक्षा के दिव्‍यांग छात्र इंद्रेश कुमार ने एक अनोखा अव‍िष्‍कार करके इसको चरितार्थ किया है। यह एक ऐसा हेलमेट (Good News) है जो सड़क हादसों को रोकने में अहम भूमिका निभा सकता है। इसे बाइक से कनेक्‍ट करने के बाद बाइक तब तक स्‍टार्ट नहीं होगी जब तक चालक हेलमेट नहीं पहनेगा। इसके अलावा, अगर बाइक चला रहे शख्‍स ने शराब पी है तो गंध आने पर भी बाइक स्‍टार्ट नहीं होगी। इस तरह हेलमेट न पहनने पर होने वाली मौतों में कमी आएगी साथ ही ड्रंकन ड्राइव‍िंग पर भी रोक लगाई जा सकेगी।

इंद्रेश कुमार सोनभद्र के रॉबर्ट्सगंज ब्‍लॉक के मधुपुर गांव के रहने वाले हैं। वह सोनभद्र के चुर्क स्थित जय ज्योति इंटर कॉलेज में बायो के छात्र हैं। इंद्रेश कुमार चल नहीं पाते हैं। उनके पैरों में 50 % दिव्‍यांगता है। इसके बावजूद उन्‍होंने ऐसे हेलमेट का आविष्‍कार किया है। उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह भी उन्‍हें सम्‍मानित कर चुके हैं। इंद्रेश कुमार अब अपने अविष्कार को पेटेंट कराने की तैयारी में हैं। उनका कहना है कि इस हेलमेट के लगाने से सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली बड़ी संख्या में मौतों को रोका जा सकेगा।

ऐसा हेलमेट बनाया जाए, इसका व‍िचार इंद्रेश को तब आया जब उनके पिता एक सड़क हादसे में बाइक से गिरकर घायल हो गए थे। उनका कहना है 2 वर्ष पूर्व उनके पिता राम अवतार शराब पीकर बाइक चला रहे थे। इसी दौरान उनका एक्सिडेंट हो गया और वह घायल हो गए। इसके बाद से ही इंद्रेश को ऐसा हेलमेट बनाने का विचार आया ताकि कोई शराब पीकर गाड़ी चलाएं तो गाड़ी स्टार्ट ही ना हो, और बिना हेलमेट तो बिल्कुल स्टार्ट ना हो।

जिला मुख्यालय पर वर्ष 2022 के दिसंबर माह में हुई जनपद स्तरीय साइंस प्रतियोगिता में उन्होंने अपने इस अविष्कार को प्रदर्शित किया था। इसके बाद लोगों का ध्यान इस अविष्कार की तरफ गया और इसकी बहुत सराहना की गई। इंद्रेश कुमार गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं और उनके पास मात्र 2 बीघा जमीन है। उनके पिता रामअवतार किसान हैं और मां कमलावती देवी एक साधारण गृहणी है। उनकी दो बहनें और एक छोटा भाई है जो क्रमशः नवी, दसवीं और सातवीं में पढ़ते हैं।

इंद्रेश के अविष्कार को परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने भी देखा और उसकी सराहना की है। उन्‍हें लखनऊ बुलाकर 50 हजार रुपये का इनाम भी दिया। इसके बाद एआरटीओ धनवीर यादव सोनभद्र और आरटीओ मिर्जापुर भी उसकी मदद कर रहे हैं, ताकि वह अपने अविष्कार को पेटेंट करवा सके। इंद्रेश कुमार का कहना है कि अभी वह अपने आविष्कार में और भी सुधार कर रहा है, बहरहाल उसके अविष्कार की चर्चा न सिर्फ सोनभद्र जिले में बल्कि पूरे प्रदेश में है।

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