इजरायल और ईरान की न करें यात्रा- भारत

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

ईरान और इजरायल के बीच जारी मौजूदा तनाव को लेकर भारत ने अपने नागरिकों के लिए ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है। विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए, सभी भारतीयों को सलाह दी जाती है कि वे अगली सूचना तक ईरान या इजरायल की यात्रा न करें।

दूतावास से करें संपर्कः विदेश मंत्रालय

वहीं, भारत ने इजरायल और ईरान में रह रहे भारतीय नागरिकों से कहा है कि सभी वहां भारतीय दूतावासों से संपर्क करें और अपना पंजीकरण कराएं। विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान में सभी भारतीय नागरिकों से सुरक्षा के बारे में सावधानी बरतने के लिए कहा गया है।

ईरान और इजरायल में मौजूदा स्थिति को देखते हुए सभी भारतीयों को सलाह दी जाती है कि वे अगली सूचना तक ईरान या फिर इजरायल की यात्रा न करें। जो लोग वर्तमान में ईरान या इजरायल में रह रहे हैं, उनसे अनुरोध है कि वे वहां भारतीय दूतावासों से संपर्क करें और अपना पंजीकरण कराएं। उनसे यह भी अनुरोध किया जाता है कि वे अपनी सुरक्षा के बारे में अत्यधिक सावधानी बरतें और अपनी गतिविधियों को न्यूनतम तक सीमित रखें।- विदेश मंत्रालय

मंत्रालय ने कहा कि ईरान और इजरायल में रहने वाले भारतीयों से अनुरोध है कि वे अपनी सुरक्षा के बारे में अत्यधिक सावधानी बरतें और आवाजाही को न्यूनतम तक सीमित रखें।

ईरान ने इजरायल को दी है बदले की धमकी

मालूम हो कि दमिश्क में ईरानी दूतावास पर हवाई हमले के बाद ईरान ने इजरायल पर बदला लेने की कसम खाई है। वहीं, ईरान द्वारा बदला लेने के इस संकल्प पर इजरायल ने अपनी सुरक्षा बढ़ा दी है। सैन्यकर्मियों की छुट्टियां रद कर दी गई हैं और उन्हें अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया गया है।

दमिश्क में ईरानी दूतावास पर हवाई हमले के बाद ईरान के बदला लेने का संकल्प जताए जाने से इजरायल ने अपनी सुरक्षा बढ़ा दी है। सैन्यकर्मियों की छुट्टियां रद कर दी गई हैं और उन्हें अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया गया है।

अलर्ट पर इजरायली सेना

वैसे सात अक्टूबर, 2023 को हमास के हमले के बाद से इजरायली सेना अलर्ट पर है और तीन लाख आरक्षित सैनिकों को भी बुला लिया गया है लेकिन ईरान के संकल्प जताने के बाद सतर्कता का स्तर बढ़ा दिया गया है। सोमवार को हुए हवाई हमले में ईरानी दूतावास में तैनात ईरान के दो जनरल मारे गए थे। हमले का शक इजरायल पर जताया गया है।

इजरायल को हथियारों की बिक्री रोकने की मांग

गाजा में तीन ब्रिटिश राहतकर्मियों की इजरायली हमले में मौत के बाद ब्रिटेन के न्यायाधीशों और खुफिया विशेषज्ञों ने इजरायल को हथियारों की बिक्री रोकने की मांग सरकार से की है। 600 से ज्यादा कानूनी व्यवसाय से जुड़े लोगों और खुफिया विशेषज्ञों ने ब्रिटेन सरकार से गाजा में हो रहे नरसंहार से दूर हो जाने के लिए कहा है। इजरायल को हथियारों की बिक्री रोके जाने की मांग कई अन्य यूरोपीय देशों में भी उठ रही है।

सात राहतकर्मियों की मौत पर राष्ट्रपति बाइडन ने क्या कहा?

इस बीच इजरायल ने कहा है कि सात राहतकर्मियों को मारे जाने की घटना की जांच पूरी होने में कई हफ्ते का समय लग सकता है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने हमले की घटना की जांच त्वरित गति से पूरा करने और हमले के लिए जिम्मेदारी तय करने के लिए कहा है।

गेंट्ज ने वार कैबिनेट छोड़ने का संकेत दिया

इजरायल की वार कैबिनेट में शामिल विपक्ष के नेता बेनी गेंट्ज ने पद छोड़ने की धमकी दी है। कहा है कि नेतन्याहू सरकार अंतरिम व्यवस्था खत्म करें और जल्द चुनाव कराकर पूर्ण बहुमत प्राप्त सरकार का गठन का रास्ता साफ करे। मजबूत सरकार ही फलस्तीन समस्या का समाधान करने में सक्षम होगी। गेंट्ज गाजा युद्ध के दौरान नेतन्याहू सरकार के कई निर्णयों को लेकर पूर्व में असंतोष जता चुके हैं।

सीरिया की राजधानी दमिश्क में स्थित ईरानी दूतावास पर हमले का बदला लेने के लिए ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई और अन्य नेताओं ने इजरायल को दंडित करने की बात कही है। इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि इजरायल पर ईरान का हमला होने की स्थिति में वह इजरायल की सुरक्षा के लिए सब कुछ करेंगे।

जो हमें नुकसान पहुंचाएगा-हम उसे नुकसान पहुंचाएंगे

नेतन्याहू ने कहा, जो हमें नुकसान पहुंचाएगा-हम उसे नुकसान पहुंचाएंगे। हम इजरायल के लिए सभी तरह की सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने में लगे हैं। इजरायली प्रधानमंत्री ने यह बात तेल नोफ वायुसेना अड्डे का दौरा करने के बाद कही है। एक अप्रैल को दमिश्क में ईरानी दूतावास पर हमले में सेना के वरिष्ठ जनरल समेत ईरान के सात अधिकारी मारे गए थे। इस हमले का शक इजरायल पर है। इसके बाद ईरान ने इजरायल को दंडित करने का एलान किया है।

गाजा से बुलाए गए इजरायली सैनिक

इजरायली सेना ने गाजा के विभिन्न क्षेत्रों से अपने ज्यादातर सैनिकों को बुला लिया है और अब वह पट्टी के मिस्त्र की सीमा पर बसे शहर रफाह पर हमले की तैयारी में है। रफाह में करीब 14 लाख बेघर फलस्तीनियों ने शरण ले रखी है।

भारी खूनखराबे की आशंका से अमेरिका और अन्य सहयोगी देश इजरायल को वहां पर कार्रवाई से रोक रहे हैं। वैसे गाजा में इजरायल के हमले जारी हैं। गुरुवार को विभिन्न इलाकों में किए गए हमलों में 62 लोग मारे गए और 45 घायल हुए। इसी के साथ इजरायली हमलों में गाजा पट्टी में मरने वालों की कुल संख्या बढ़कर 33,545 हो गई है।

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