भोजपुरी के प्रथम उपन्यासकार के घर पहुंची मॉरीशस की मेहमान डॉ.सरिता बुद्धू

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मारीशस का भारत से खून का रिश्ता : डा.सरिता बुधू

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

मॉरीशस के पूर्व उप प्रधानमंत्री हरीश बुद्धू की पत्नी डॉ.सरिता बुद्धू 12 जनवरी को इंदौर में भोजपुरी भाषा के प्रथम उपन्यासकार स्व.रामनाथ पांडेय के घर पहुंचकर उनके परिजनों से मुलाकात की। वहां उन्हें जब पांडेयजी द्वारा लिखित ऐतिहासिक भोजपुरी उपन्यास ‘महेन्दर मिसिर’ की प्रति भेंट की गई तो वे गदगद हो गईं। डॉ.बुद्धू मॉरिशस में भोजपुरी भाषा के विकास के लिए निरंतर काम कर रही हैं।

कौन हैं मॉरिशस में भोजपुरी का प्रचार प्रसार करने वाली डॉ सरिता बुधू?

डॉ सरिता बुधू ने मॉरिशस में भोजपुरी के प्रचार-प्रसार को अपने जीवन का लक्ष्य बनाया उनकी कोशिशों की वजह से भोजपुरी गवई गीत को यूनेस्को ने वर्ल्ड हेरिटेज का दर्जा दिया है. समाचार एजेंसी बीबीसी से बातचीत में सरिता बुधु ने कहा कि भारत और मॉरिशिस के संबंध प्रेम का संबंध है.

उन्होंने बताया कि मॉरिशिस में विस्थापित होकर आए हुए ज्यादातर लोग भोजपुरी बेल्ट के हैं और वहां पर सबसे ज्यादा भोजपुरी ही बोली जाती है. उन्होंने कहा कि हमने 2016 में इसके एक गीत को यूनेस्को में वर्ल्ड हेरिटेज का दर्जा दिलवाया था.

डॉ.बुद्धू इंदौर में प्रवासी भारतीय सम्मेलन में भाग लेने आई थीं। उन्होंने बताया कि इंदौर उन्हें काफी अच्छा लगा, अगर भारत का हर शहर इंदौर जैसा साफ-सुथरा हो जाए तो क्या कहने? यहां की मेहमानवाजी और खानपान के कल्चर की भी उन्होंने जमकर तारीफ की। डॉ.बुद्धू ने कहा कि वे जब भी भारत आती हैं उन्हें भोजपुरिया लोगों से मिलना काफी अच्छा लगता है।

वे स्वयं धाराप्रवाह भोजपुरी बोलती हैं। उन्होंने बताया कि स्व.रामनाथ पांडेय के घर पहुंचकर उनकी यात्रा और यादगार बन गई। उन्होंने कहा कि भोजपुरी में निरंतर अच्छा लेखन हो रहा है। उन्होंने नए लोगों को इस ओर आगे बढ़ने को कहा। स्व.रामनाथ पांडेय के पुत्र और सारण भोजपुरिया समाज के संस्थापक बिमलेन्दु भूषण पांडेय और मीना पांडेय ने शॉल और पुष्पमाला से उनका स्वागत किया।

भोजपुरी स्पी¨कग यूनियन मारीशस सरकार की चेयर मैन डा.सरिता बुधु ने कहा कि मारीशस का भारत से खून का रिश्ता है। मारीशस में बसने वाले जौनपुर, गोरखपुर, फैजाबाद, आजमगढ़, बलिया, देवरिया, वाराणसी समेत पूर्वांचल के अन्य जनपदों के लोग ही है। मेरी तरह हजारों लोग अपने पूर्वजों का मूल गांव तलाश रहे हैं।

उन्होंने कि हम लोगों मारीशस में भारत की सभ्यता, संस्कृति, कला को सजोकर रखा है। खासकर भोजपुरी भाषा को। आने वाली पीढ़ी के लिए 125 स्कूल खोला गया है। अगले वर्ष मारीशस की 150 वीं वर्ष गांठ है। इस मौके पर करीब 150 स्कूल की स्थापना की जाएगी।

इस अवसर पांडेयजी के द्वितीय पुत्र अर्ध्देन्दु भूषण भी उपस्थिति थे। डॉ.बुद्धू ने इंदौर के प्रसिद्ध खजराना गणेश में दर्शन कर भगवान गणपति का आशीर्वाद लिया। वहां उनका स्वागत मंदिर के मुख्य पुजारी पं.अशोक भट्‌ट ने किया।

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