विभाग द्वारा धान की खरीददारी पर रोक लगाने से किसान परेशान

विभाग द्वारा धान की खरीददारी पर रोक लगाने से किसान परेशान
जिला का लक्ष्य पूरा प्रखंड का लक्ष्य बाकी
कई किसान धान देकर फंसे, नहीं हो रहा भुगतान
किसान औने पौने दाम पर बेंचने को मजबूर
श्रीनारद मीडिया‚ एम सावर्ण‚ भगवानपुर हाट‚ सीवान (बिहार)

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सीवान जिला  मुख्यालय के सहकारिता विभाग द्वारा  धान की खरीददारी पर रोक लगाने से किसान परेशान हैं। पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने के बावजूद प्रखंड के किसान धान बेंचने के लिए परेशान हैं। धान बेंचने के लिए किसान करीब एक महीने से पैक्सों व व्यापार मंडल का चक्कर लगाते-लगाते थक चुके हैं। पहले तो व्यापार मंडल में गोदाम खाली नहीं रहने की बात कहकर बाद में धान लेने की बात कही गई और अब व्यापार मंडल व पैक्स जिला का टारगेट पूरा हो जाने के कारण धान की खरीददारी पर रोक लग जाने की बात कह रहे हैं।

कई किसान जिन्होंने व्यापार मंडल या पैक्सों में धान दे चुके हैं, उनका भुगतान नहीं हो पा रहा है। बलहां एराजी के पैक्स अध्यक्ष संजय कुमार शर्मा ने बताया कि धान की खरीददारी में जिला का लक्ष्य पूरा हो जाने के कारण खरीददारी पर रोक लगा दी गई है। जबकि अभी प्रखंड के लक्ष्य पूरा नहीं हुआ है। हालांकि कई पैक्सों में लक्ष्य से अधिक की खरीददारी हुई है, जबकि अधिकांश पैक्सों में लक्ष्य से काफी कम खरीददारी कर पाए हैं। श्री शर्मा ने बताया कि प्रखंड के बीस में से चौदह पैक्सों में हीं खरीददारी हो रही है। रजिस्ट्रेशन कराने वाले दोनों पैक्सों के आधे से अधिक किसान खरीददारी पर रोक लगने के कारण भटक रहे हैं। कुछ किसानों का धान लेने के बावजूद भुगतान नहीं हो पा रहा है।

भगवानपुर के सुरेन्द्र सिंह, दिनेश कुमार राय, अवधकिशोर सिंह सारी पट्टी के किसान शिव नाथ सिंह , मनिंदर सिंह सहित कई किसानों ने बताया कि वे लोग करीब एक महीने से व्यापार मंडल द्वारा गोदाम खाली नहीं होने की बात कहकर धान नहीं लिया गया और धान की खरीददारी पर रोक लगाने की बात कही जा रही है। इससे वे लोग रजिस्ट्रेशन कराने के बावजूद औने पौने दाम पर धान बेंचने को मजबूर हो रहे हैं।

जिला सहकारिता पदाधिकारी निकेश कुमार ने बताया कि धान खरीदारी 15 फरवरी तक ही अंतिम तिथि थी । अब खरीदारी करना संभव नहीं है ।
ज्ञात हो कि प्रखंड के 1853 किसान धान बिक्री का रजिस्ट्रेशन कराए हुए है । जिसमे मात्र 1119 किसान से ही धान की खरीदारी हुई है । लक्ष्य से 1162 मीट्रिक टन कम खरीदारी हुई है ।

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