भारत में गहराए कोरोना संकट पर विदेशी मित्रों ने की मदद.

भारत में गहराए कोरोना संकट पर विदेशी मित्रों ने की मदद.

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

भारत में कोरोना की दूसरी लहर की रफ्तार से परेशान विदेशी सरकारों ने तेजी से मदद भेजना शुरू कर दिया है। रविवार को अमेरिका की तरफ से वैक्सीन के कच्चे माल की आपूर्ति का एलान करने के 24 घंटे के भीतर ही वहां से आक्सीजन प्लांट और दूसरे उपकरणों की पहली खेप भारत पहुंच गई। ब्रिटेन, सिंगापुर, दुबई समेत कुछ दूसरे देशों से भी मदद पहुंचनी शुरू हो गई है।

विदेशी मित्रों के संपर्क में भारत 

भारत सरकार लगातार दूसरे देशों के संपर्क में है। सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान के पीएम योशिहिदे सुगा के साथ बात की जिसमें कोरोना महामारी में मदद पर खास तौर बात हुई। सुगा ने बातचीत में भारत को तत्काल मदद भेजने का एलान भी किया। ब्रिटेन व भारत के विदेश मंत्रियों के बीच इस बारे में बात भी हुई है। ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने मंगलवार को अपनी कैबिनेट की बैठक बुलाई है जिसमें भारत को मदद के प्रस्ताव पर मंजूरी मिलने के आसार हैं।

वैक्‍सीन के लिए कच्‍चे माल की आपूर्ति करेगा अमेरिका 

भारत को मदद में सबसे ज्यादा तत्परता रणनीतिक साझेदार देश अमेरिका ने दिखाई है। रविवार को दोनों देशों के एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों) के बीच बातचीत में वैक्सीन के लिए जरूरी कच्चे माल की आपूर्ति समेत दूसरे मुद्दों पर सहमति बनी थी। इस फैसले के बाद राष्ट्रपति जो बाइडन, उपराष्ट्रपति कमला हैरिस, रक्षा सचिव लॉयड आस्टिन, विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन समेत दूसरे कई आला अधिकारियों ने न सिर्फ भारत के हालात को लेकर संवेदना जताई बल्कि जल्द से जल्द मदद भेजने का आश्वासन दिया।

अमेरिका भी मदद को तैयार 

राष्ट्रपति बाइडन ने कहा कि जिस तरह भारत ने संकट में हमारी मदद की है वैसे ही हम भी संकट की इस घड़ी में मदद करने को तैयार हैं। रक्षा सचिव आस्टिन ने बताया है कि उन्होंने अपने मंत्रालय को आदेश दिया है कि भारत को जल्द से जल्द मदद पहुंचाने के लिए जो भी संभव हो वे कदम उठाए जाएं। रविवार को ही न्यूयार्क से छोटे आक्सीजन कंसंट्रेटर्स (कुल संख्या 318) की पहली खेप एयर इंडिया के विमान से नई दिल्ली के लिए रवाना भी कर दी गई।

उपकरणों से मदद करेगा जापान

पीएम मोदी के साथ टेलीफोन पर बातचीत के बाद जापान की तरफ से बताया गया कि वह भारत को संवेदनशील तकनीक और अन्य साजोसामान की आपूर्ति करेगा। देश के अस्पतालों में आक्सीजन की कमी को देखते हुए फिलहाल दुनिया भर से आक्सीजन कंसंट्रेटर्स लाने की व्यवस्था की जा रही है। अभी तक इस तरह की दो हजार से ज्यादा मशीनें देश में लाने की व्यवस्था हो चुकी है।

मदद के लिए ब्रिटेन ने दिया भरोसा 

सोमवार को ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब के साथ बातचीत में विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बीच ऑक्सीजन आपूर्ति में मदद को लेकर बात हुई है। वैसे रविवार को ही ब्रिटेन के पीएम बोरिस जानसन ने भारत को मदद भेजने का एलान किया है। चीन के विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि भारत की विमानन कंपनी स्पाइसजेट के विमान से 800 आक्सीजन कंसंट्रेटर्स भेज दिए गए हैं। आगे की मदद के लिए भारतीय अधिकारियों से बात की जा रही है।

ब्रिटेन ने भेजी मदद 

ब्रिटेन से 495 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स के अलावा कोरोना से पीडि़त गंभीर मरीजों की मदद के लिए दूसरे चिकित्सा उपकरण इसी हफ्ते पहुंच रहे हैं। सिंगापुर से भी ये मशीनें आ रही हैं। सिंगापुर और यूएई से ऑक्सीजन की ढुलाई करने वाले बड़े टैंकरों का बेड़ा भी सोमवार को भारत पहुंच गया है।

इन्‍होंने भारत से पूछी जरूरत 

कनाडा ने कहा है कि उसने भारत से उन उपकरणों की सूची मांगी है जिसकी उसे जरूरत है। ऑस्ट्रेलिया में मंगलवार को पीएम मारीसन की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में भारत को मदद के प्रस्ताव पर फैसला होगा। सूत्रों का कहना है कि इस सप्ताहांत तक कई यूरोपीय देशों से भी मदद पहुंचने लगेगी।

अमेरिका 24 घंटों के भीतर कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जिस तरह भारत की मदद के लिए आगे आया है वह अभूतपूर्व है। भारत को वैक्सीन निर्माण में कच्चे माल से लेकर आक्सीजन प्लांट देने के फैसले के एक दिन बाद राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच टेलीफोन पर लंबी बात हुई। बाइडन ने मोदी को आश्वस्त किया कि अमेरिका भारत को महामारी से लड़ाई में हरसंभव मदद करने जा रहा है। वह न केवल वैक्सीन देगा बल्कि और भी जो आपूíत होगी वह निर्बाध होगी।

भारत को वैक्‍सीन भी देगा अमेरिका 

भारत को वैक्सीन निर्माण में कच्चे माल की आपूर्ति करने के बाद अमेरिका ने संकेत दिया है कि वह तैयार वैक्सीन भी भारत को देने जा रहा है। पीएम मोदी ने भी बेहद जरूरी मदद हासिल होने पर राष्ट्रपति बाइडन को कोटिश: धन्यवाद दिया है।

अधिकारियों को दिए ये निर्देश 

दोनो नेताओं के बीच हुई वार्ता के बारे में विदेश मंत्रालय की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक पीएम मोदी कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में वैक्सीन व दवा निर्माण में जरूरी कच्चे माल की आपूर्ति को बेहद जरूरी बताया है। वैक्सीन निर्माण में सहयोग के तमाम पहलुओं पर दोनों नेताओं के बीच बात हुई है। दोनों ने अपने अपने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वो आपस में संपर्क व सहयोग बनाये रखें।

पेटेंट व्यवस्था को खत्म करने पर भी चर्चा 

पीएम मोदी ने राष्ट्रपति को वैक्सीन व दवाइयों की पहुंच आसान करने व निर्माण तेज करने के लिए इनके निर्माण से जुड़ी पेटेंट व्यवस्था को खत्म करने को लेकर भारत की कोशिशों के बारे में भी बताया है। बाइडन ने मोदी को आश्वस्त करते हुए कहा है कि कोविशील्ड वैक्सीन के निर्माण में जरूरी कच्चे माल की पहचान का काम शीघ्रता से किया जाएगा।

वैक्सीन का निर्यात करेगा अमेरिका

उधर, अमेरिका की तरफ से एलान किया गया है कि कोरोना के लिए तैयार एस्ट्राजेनेका कंपनी की वैक्सीन के छह करोड़ डोज अगले कुछ महीनों में निर्यात करेगा। अभी तक अमेरिका ने कोरोना के इलाज के लिए जरूरी दवाओं व वैक्सीन के निर्यात पर प्रतिबंध लगा रखा है लेकिन भारत को वैक्सीन निर्माण के लिए इसे खोलने की घोषणा की गई है।

दुनिया के बाकी मुल्‍कों को भी मदद

माना जा रहा है कि इन छह करोड़ डोज का एक बड़ा हिस्सा भारत को मिल सकता है। हाल ही में अमेरिका ने कनाडा और मैक्सिको को एस्ट्राजेनेका की तरफ से निर्मित वैक्सीन के 40 लाख डोज देने की घोषणा की है। उल्लेखनीय तथ्य यह है कि दुनिया के कई देशों में एस्ट्राजेनेका का इस्तेमाल धड़ल्ले से हो रहा है लेकिन अमेरिका में उसे आवश्यक मंजूरी नहीं मिली है।

मदद के लिए बाइडन का धन्‍यवाद 

पीएम मोदी ने खुद इस बातचीत की जानकारी देते हुए कहा कि अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन के साथ आज एक सार्थक बातचीत हुई। हमने दोनों देशों में कोरोना के हालात पर विस्तार से चर्चा की। मैंने भारत को संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा दी जा रही मदद के लिए राष्ट्रपति बाइडन को धन्यवाद दिया।

वैक्‍सीन और दवाओं की आपूर्ति पर बात 

प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्‍ट्रपति के साथ टेलिफोन पर हुई बातचीत का ब्‍यौरा साझा करते हुए कहा कि जो बाइडन के साथ वार्ता में कोविड वैक्‍सीन के लिए कच्‍चे माल और दवाओं की सरल आपूर्ति की श्रृंखला के महत्व को भी रेखांकित किया गया। पीएम मोदी ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच स्वास्थ्य सेवा साझेदारी कोरोना महामारी की वैश्विक चुनौती का समाधान कर सकती है।

मिलकर करेंगे काम 

उधर व्‍हाइट हाउस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अमेरिका और भारत कोरोना के खिलाफ लड़ाई में एक साथ मिलकर काम करेंगे। अमेरिका मौजूदा वक्‍त में भारत को आपातकालीन सहायता प्रदान कर रहा है। इसमें ऑक्सीजन से संबंधित आपूर्ति, वैक्सीन सामग्री और चिकित्सीय सामग्री शामिल हैं।

अमेरिका से एक सुर में मदद के लिए उठी आवाज 

मालूम हो कि अमेरिका ने रविवार को भारत को वैक्सीन के कच्चे माल की आपूर्ति का भरोसा दिया था। इस एलान के 24 घंटे के भीतर ही वहां से ऑक्सीजन प्लांट और दूसरे उपकरणों की पहली खेप सोमवार को भारत पहुंच गई। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, उपराष्ट्रपति कमला हैरिस, रक्षा सचिव लॉयड आस्टिन, विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन समेत तमाम आला अधिकारियों ने भारत को मदद का भरोसा दिया है।

भारत की मदद को बाइडन ने किया याद 

बीते दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने कोरोना की पहली लहर में भारत की ओर से की गई मदद को याद किया। उनका कहना था कि कोरोना संकट में जिस तरह भारत ने हमारी मदद की ठीक उसी तरह हम भी संकट में फंसे अपने मित्र देश की मदद करेंगे। मालूम हो कि भारत ने एक साल पहले अमेरिका को हाइड्रॉक्‍सीक्‍लोरोक्‍वीन की बड़ी खेप उपलब्‍ध कराने के साथ ही जरूरी उपकरणों से भी मदद पहुंचाई थी।

संयुक्‍त राष्‍ट्र में दुनिया के सामने दिया मदद भरोसा 

इस मुश्किल वक्‍त में अमेरिका ने जिस तरह से भारत की ओर मदद का हाथ बढ़ाया है वह कई मायने में एतिहासिक भी है। संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत ने सोमवार को कहा कि उनका मुल्‍क भारत की मदद के लिए 24 घंटे काम करेगा। उन्‍होंने बताया कि अमेरिका टीकों के लिए कच्‍चा माल वेंटिलेटर, ऑक्सीजन उत्पादन आपूर्ति और टीकाकरण विस्तार के लिए वित्तीय मदद समेत हर तरह की मदद उपलब्ध कराने पर काम कर रहा है।

ये भी पढ़े..

Leave a Reply

error: Content is protected !!