सदर अस्पताल में जीएनएम का चार दिवसीय बुनियादी प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न

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मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा एवं मातृत्व और शिशु मृत्यु दर में कमी लाना है मकसद:
ट्रेनिंग में मिले ज्ञान को शालीनतापूर्वक ग्रहण करने के बाद कार्य रूप में उतारें जीएनएम नर्सें: सिविल सर्जन

श्रीनारद मीडिया, किशनगंज, (बिहार):


किशनगंज जिले में नवनियुक्त जीएनएम का चार दिवसीय बुनियादी प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न हुआ। प्रसव के दौरान माता एवं शिशु को बेहतर चिकित्सकीय सहायता प्रदान करने के लिए नवनियुक्त जीएनएम को प्रशिक्षण दिया गया। बुनियादी प्रशिक्षण का आयोजन 24 अगस्त से 27 अगस्त तक जी. एन.एम. स्कूल, सदर अस्पताल परिसर में किया गया था। चारों दिन के बुनियादीप्रशिक्षण देने के लिए अलग अलग विषय की सूची तैयार की गई थी। प्रथम दिन प्री टेस्ट एवं , द्वितीय दिन हैण्डवाशिंग, ग्लब्स एवम् मास्क पहनने का तरीका, पीपीई किट का इस्तेमाल एवं इसे उतारने के तरीका पर प्रशिक्षण दिया गया। तृतीय दिवस में मेडिकल वेस्ट प्रबंधन, ऑक्सीजन थेरेपी, इंजेक्शन का तरीका इत्यादि की जानकारी दी गयी। चतुर्थ दिवस में रोले प्ले के माध्यम से गर्भवती महिला की डिलिवरी, आरएमसी के साथ जी.एन.एम. का कार्य, प्री एवम् पोस्ट नेटल केयर आदि का प्रशिक्षण दिया गया। चौथे दिन प्रशिक्षण के सभी चार दिनों के सत्रों में दी गयी जानकारी व सिखाये गए बातों को फिर से दोहराया (रिकैप) गया। साथ ही विभिन्न पंजिकाओं के संधारण एवम् कागजातों के रखरखाव तथा प्रबंधन की जानकारी दी गई। ग्रेड ए के नर्स की जिम्मेवारी एवम् कार्य पर भी अभिमुखीकरण किया गया।सिविल सर्जन डॉ श्री नंदन ने बताया प्रशिक्षण मातृत्व और शिशु मृत्यु दर में कमी लाने को नवनियुक्त जीएनएम के कार्यकौशल में बढ़ोतरी व क्षमता संवर्द्धन में सहायक सिद्ध होगा। इससे जिले में मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने व प्रसव के दौरान आने वाली चुनौतियों से निपटने व प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा के सही देखरेख को बढ़ावा मिल सकेगा। उन्होंने प्रशिक्षण में भाग लेने व इससे प्राप्त अनुभव को कार्य के दौरान बेहतर इस्तेमाल करने के लिये प्रतिभागियों को प्रेरित किया।

सभी सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों में प्रसव के दौरान होने वाली जटिलताओं को कम करना:
जिला कार्यक्रम प्रबन्धक डॉ मुनाजिम ने बताया प्रशिक्षण में बतायी जा रही विधियों को अमल में लाकर सुरक्षित प्रसव कराना स्वास्थ्यकर्मियों के लिए आसान होगा। प्रशिक्षण में एएनएम और जीएनएम को प्रसव के दौरान होने वाली जटिलताओं की जानकारी देकर उन्हें इतना सशक्त करना है कि आकस्मिक स्थिति में वे किसी भी परिस्थिति को संभाल सकें। साथ ही मातृत्व और शिशु मृत्यु दर को कम करने में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण हो। साथ ही नवनियुक्त जीएनएम के सेवा में आने से अस्पताल में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना आसान होगा। इससे मरीजों की जांच व उपचार बेहतर तरीके से हो सकेगा।

प्रशिक्षण का उद्देश्य मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा एवं मातृत्व और शिशु मृत्यु दर में कमी लाना:
सिविल सर्जन डॉ. श्री नंदन ने कहा इंडक्शन ट्रेनिंग के दौरान ट्रेनर द्वारा बताए गए ज्ञान को शालीनता पूर्वक ग्रहण करने के बाद जीएनएम नर्सें इसे कार्यरूप में उतारें। तभी इस ट्रेनिंग की सार्थकता सिद्ध हो सकती है। उन्होंने कहा कि इन चार दिनों के बुनियादी प्रशिक्षण के दौरान जीएनएम नर्स को रोल्स एंड रेस्पोंसबलिटी, जॉब डिस्क्रिप्शन, नर्सिंग एथिक्स एंड प्रोफेशनल कंडक्ट के साथ -साथ कॉम्युनिकेशन यूसिंग एसबीएआर, हैंडलिंग डिफिकल्ट सिचुएशन/प्रॉब्लम सॉल्विंग के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी। जिससे मातृत्व और शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य प्रशिक्षण का आयोजन किया गया है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में जीएनएम को सुरक्षित प्रसव को लेकर सैद्धांतिक बात बताई गयी। साथ ही प्रशिक्षण के दौरान नवजात शिशु के पुनर्जीवन प्रक्रिया जन्म के 15 मिनट बाद कैसे की जाती है इसकी भी जानकारी दी गयी।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में डीपीएम, डीएस सहित कई गणमान्य लोग थे मौजूद:
केयर इंडिया की डीटीओएफ डॉ. सनोज ने बताया कि जीएनएम इंडक्शन ट्रेनिंग के समापन के अवसर पर सिविल सर्जन डॉ श्री नंदन के अलावा डीपीएम डॉ मुनाजिम, सदर अस्पताल के अस्पताल उपाधीक्षक डॉ.अनवर आलम और जीएनएम नर्स मौजूद थी। उन्होंने बताया कि बुनियादी प्रशिक्षण का समापन सभी जीएनएम नर्से को प्रशिक्षण प्रमाण पत्र सिविल सर्जन डॉ श्री नंदन के द्वारा दिया गया के साथ हुआ।

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