अगर देखनी है सुंदर दुनिया तो मानें डाक्टर का कहना.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

विश्व दृष्टि दिवस पर विशेष

विश्व दृष्टि दिवस हर साल 14 अक्टूबर को दुनियाभर में मनाया जाता है। इसे ‘विश्व नेत्र दिवस’, वर्ल्ड साइट डे और वर्ल्ड विजन डे भी कहा जाता है। ‘विश्व नेत्र दिवस’ आंखों के स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता बढ़ाने और दृष्टि दोष को ठीक करने के लिए मनाया जाता है। विश्व दृष्टि दिवस एक इंटरनेशनल डे है, जिसका मकसद लोगों का आंखों से जुड़ी दिक्क्तों और बीमारियों पर केंद्रित करना है। इस दिन लोगों को अपने आंखों का ख्याल रखने और नेत्र स्वास्थ्य के महत्व के बारे में सोचने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

विश्व नेत्र दिवस का समन्वय इंटरनेशनल एजेंसी फॉर द प्रिवेंशन ऑफ ब्लाइंडनेस (आईएपीबी) द्वारा किया जाता है। साल 2000 से विश्व नेत्र दिवस आधिकारिक तौर पर आईएपीबी कार्यक्रम के रूप में मनाया जाता है। उसी वक्त से हर साल दुनियाभर के कई देशों में अलग-अलग तरीकों से विश्व नेत्र दिवस मनाया जाता है। यूनाइटेड किंगडम की महारानी साल 2020 में विश्व दृष्टि दिवस के लिए जागरूकता अभियान में शामिल होकर इतिहास रच दिया था।

लोगों को नेत्र रोगों और आंखों की देखभाल के प्रति जागरूक करने के लिए को विश्व दृष्टि दिवस मनाया गया। इसके बारे में जानकारी देते हुए डा. ने बताया कि लोगों को नेत्र रोगों के प्रति संवेदनशील रहना चाहिए। आंखों में कोई भी परेशानी होने पर उसकी अनदेखी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि स्वस्थ व्यक्ति को साल में एक बार और किसी बीमारी या आंखों की समस्या से पीडि़त व्यक्ति को हर छह महीने पर अपनी आंखों की जांच करानी चाहिए।

डा.ने आगे बताया कि भारत में करीब एक करोड़ 20 लाख लोग अंधेपन के शिकार हैं। इसके अलावा बच्चों से लेकर बुजुर्गो तक काफी लोग आंखों के दृष्टि दोष के कारण चश्मे का इस्तेमाल करते हैं। इसके साथ ही देश में ऐसे लोगों की भी बड़ी संख्या है, जिनकी आंखों का दोष ठीक हो सकता है, लेकिन उन तक स्वास्थ्य सेवाएं न पहुंचने के कारण उनकी समस्या अंधेपन में बदल जाती है। कम से कम लोग अंधेपन के शिकार हों, इसके लिए लोगों को आंखों की देखभाल के प्रति जागरूक करने की जरूरत है।

डा. ने यह भी बताया कि देश में ऐसे लोगों की भी अधिक तादाद है, जो दूसरे लोगों द्वारा दान की गई आंखों के इंतजार में रहते हैं। इस समस्या को दूर करने के लिए लोगों को नेत्रदान के प्रति भी जागरूक करने की जरूरत है। उन्होंने बताया क एम्स के आरपी सेंटर द्वारा लगातार छात्रों और युवाओं को आंखों की समस्याओं और इनके निवारण के बारे में जागरूक करने के लिए समय-समय पर कार्यक्रम चलाए जाते रहते हैं।

इंटरनेशनल एजेंसी फॉर द प्रिवेंशन ऑफ ब्लाइंडनेस ने अपने अधिकारिक बयान में लिखा है, ”आंखों का हेल्दी होना शिक्षा, रोजगार, जीवन की गुणवत्ता, गरीबी और कई अन्य विकास लक्ष्यों को प्रभावित करता है। हम चाहते हैं कि सरकारें, निगम, संस्थान और व्यक्ति सक्रिय रूप से नेत्र स्वास्थ्य तक सार्वभौमिक पहुंच का समर्थन करने के लिए संगठनों और जनता को एक साथ आने के लिए प्रोत्साहित करें।”

विजन 2020 ग्लोबल इनीशिएटिव दृष्टिहीनता के नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए काम कर रहा है. आईएपीबी के अनुसार, अगर पर्याप्त उपचार मिले तो अंधेपन के पांच में से हर चार मामले ठीक किए जा सकते हैं. विजन 2020 यह भी कहता है कि 200 मिलियन से अधिक लोग मध्यम से गंभीर दृष्टि दोष से पीड़ित हैं, जो उपचार योग्य है, लेकिन कई स्थानों पर पर्याप्त सुविधाओं तक की कमी है.

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