किशनगंज थानाध्यक्ष मामले में अकेला छोड़कर भागने वाले सर्किल इंस्पेक्टर सहित 7 पुलिसकर्मी सस्पेंड.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
पश्चिम बंगाल में छापेमारी करने गये किशनगंज थानाध्यक्ष अश्विनी कुमार को भीड़ में छोड़कर जान बचाकर भागने पर वाले सर्किल इंस्पेक्टर मनीष कुमार व छह पुलिस कांस्टेबल को आइजी सुरेश प्रसाद चौधरी ने निलंबित कर दिया है. सस्पेंड होने वाले कांस्टेबल में राजू साहनी, अखिलेश्वर तिवारी, प्रमोद कुमार पासवान, उज्जवल कुमार पासवान, सुनील चौधरी व सुशील कुमार शामिल हैं.
आइजी ने कहा कि पुलिसकर्मियों ने अपने कर्तव्य का निर्वाह विवेकपूर्ण ढंग से किया गया होता, तो संभवत: यह घटना नहीं घटती. इस कार्य में प्रथमदृष्टया इनलोगों की लापरवाही परिलक्षित होती है. इस लापरवाही के लिए सभी को तत्काल प्रभाव से सामान्य जीवन यापन भत्ता पर निलंबित किया जाता है.
निलंबन की अवधि में इनका मुख्यालय पुलिस केंद्र किशनगंज होगा. गौरतलब है कि मृतक के भाई प्रवीण कुमार उर्फ गुड्डू ने सवाल उठाते हुए कहा था कि छापेमारी में सर्किल इंस्पेक्टर सहित अन्य पुलिस बल के जवानों को खरोंच तक नहीं आयी, जबकि मेरे भाई की हत्या हो गयी.
इससे साफ जाहिर है कि मेरे भाई बचाने के बजाय अन्य पदाधिकारी व जवान अपनी जान बचाकर भाग निकले और मेरा भाई तड़प-तड़पकर मर गया. परिजनों ने यह भी आशंका जतायी थी कि कहीं किसी ने छापेमारी टीम के जाने की पहले ही अपराधियों को इसकी सूचना तो नहीं दे दी थी. यह जांच का विषय है.
पुलिसकर्मी देंगे एक दिन का वेतन
किशनगंज के सभी पुलिसकर्मी अपना एक दिन का वेतन दिवंगत इंस्पेक्टर अश्विनी कुमार के शोकसंतप्त परिवार को सहयोग राशि के रूप में देंगे. यह राशि लगभग 12 लाख रुपये होगी. एसपी किशनगंज कुमार आशीष ने यह जानकारी दी है. इधर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस पूरे मामले में डीजीपी से घटना की जानकारी ली और पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिया है कि तत्काल अनुग्रह राशि के साथ-साथ अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति तुरंत करने का निर्देश दिया है.
बता दें कि किशनगंज थानाध्यक्ष अश्वनी कुमार की हत्या के मामले में तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस ने छापेमारी कर तीनों आरोपित फिरोज आलम, अबुजार आलम और सहीनुर खातुन को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस मुख्यालय के निर्देश के बाद घटनास्थल पर पूर्णिया के पुलिस महानिरीक्षक एवं पुलिस अधीक्षक किशनगंज कैंप किये हुए हैं.
किशनगंज के सदर थानाध्यक्ष अश्विनी कुमार की जिले से सटी बंगाल की सीमा के अंदर छापेमारी के दौरान मॉब लिंचिंग में हुई हत्या ने अररिया जिले के लोगों को भी झकझोर कर रख दिया है. वे बाइक चोरों को पकड़ने के लिए किशनगंज जिले से सटे बंगाल क्षेत्र में छापेमारी के लिए गये थे, जहां उनकी मॉब लिंचिंग कर दी गयी. शनिवार सुबह से लेकर पूरे दिन जिले के आम लोगों समेत पदाधिकारियों में उनकी चर्चा होती रही. कभी दूसरों को मॉब लिंचिंग से बचाने वाले अश्विनी कुमार आज खुद इसका शिकार बन गए.
अश्विनी कुमार 11 फरवरी 2016 से 14 मार्च 2017 तक रानीगंज थाने में थानाध्यक्ष पद पर रहे. बताया जाता है कि भरगामा के रहरिया में एक जनवरी 2017 को भूमि विवाद में भाकपा के कमलेश्वरी ऋषिदेव व सत्यनारायण यादव की हत्या कर दी गयी थी. आक्रोशित भीड़ ने चार लोगों को बंधक बना लिया था. लेकिन, थानेदार अश्विनी कुमार ने अपनी सूझबूझ व साहस के बल पर चारों व्यक्तियों को भीड़ मुक्त करा लिया था, नहीं तो चारों की मॉब लिंचिंग हो जाती. इस घटना के बाद विभाग समेत जिले के लोगों में उनकी प्रतिष्ठा बढ़ गयी थी. पर, ऐसे पुलिस अधिकारी के साथ मॉब लिंचिंग की घटना ने लोगों को अंदर तक हिला कर रख दिया है.
पूर्णिया जिले के जानकीनगर क्षेत्र के अभयराम चकला पंचायत के पांचू मंडल टोला वार्ड 18 में आज सुबह होते ही अंधियारा छा गया. किशनगंज में पदस्थापित अपने बेटे इंस्पेक्टर अश्विनी कुमार के मुठभेड़ में शहीद होने की खबर ने पूरे गांव को गम और आंसू के मंजर में तब्दील कर दिया. ग्रामीणों ने बताया कि इंस्पेक्टर अश्विनी कुमार 1994 बैच के दारोगा थे. उनकी पहली पोस्टिंग नालंदा के शेखपुरा थाना में हुई थी. इसके बाद उन्होंने मुंगेर, बांका, एसटीएफ, कटिहार, परिवहन, सीआइडी और अररिया जिले में अपनी उत्कृष्ट सेवा दी.
थानेदार बेटे की मॉब लिंचिंग से हुई मौत का सदमा सहन नहीं कर सकी मां, हार्ट अटैक से हुआ निधन
पटना के हनुमाननगर में उन्होंने किराये का घर ले रखा था, जहां उनकी पत्नी व बच्चे रहते हैं. किशनगंज जिले के शहीद इंस्पेक्टर अश्विनी कुमार के परिजनों से मिलने जिलाधिकारी राहुल कुमार और पुलिस अधीक्षक दयाशंकर पांचू मंडल टोला पहुंचे. इस दौरान परिजनों ने कहा कि सरकार दोषियों को कठोरतम सजा दिलाएं. इसके साथ ही एक आश्रित को नौकरी और उचित मुआवजा के लिए परिजनों ने गुहार लगायी.
सात साल पहले अपने पति महेश्वरी यादव को खोने के बाद अब आंचल सूना होने से मां उर्मिला देवी के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे. आखिरकार वो इस सदमे को बर्दाश्त नहीं कर सकीं और उन्होंने भी अपने प्राण त्याग दिये. वहीं इससे पहले पटना से पत्नी मीनू स्नेहलता बच्चों नैंसी, वंश और ग्रेसी के साथ पहुंची, तो उन्हें देखकर हर कोई भाव विह्वल हो गया. पूरा परिवार रो-रोकर बेहाल है. थानाध्यक्ष अश्विनी कुमार की प्रारंभिक पढ़ाई लिखाई ठाकुर उच्च विद्यालय खूंट से हुई. टीपी कॉलेज मधेपुरा से आगे की पढ़ाई पूरी की.
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