पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने की भाजपा से गठबंधन की घोषणा.

पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने की भाजपा से गठबंधन की घोषणा.

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्‍क

पंजाब लोक कांग्रेस पार्टी के प्रमुख व पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भाजपा से चुनाव गठबंधन करने की आधिकारिक घोषणा कर दी है। कैप्टन ने कहा कि आज पंजाब भाजपा चुनाव प्रभारी गजेंद्र सिंह शेखावत से सीटों के बंटवारे को लेकर चर्चा हुई और सीटें तय की गई। भारतीय जनता पार्टी और पंजाब लोक कांग्रेस पार्टी के गठबंधन को अंतिम रूप देने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह गत दिवस दिल्ली पहुंचे थे।

शुक्रवार को कैप्टन ने पंजाब भाजपा प्रभारी केंद्रीय मंत्री और पंजाब भाजपा चुनाव प्रभारी गजेंद्र सिंह शेखावत से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच पंजाब विधानसभा चुनाव में गठबंधन व सीटों के बंटवारे को लेकर चर्चा की। कैप्टन ने ट्वीट कर लिखा कि उन्होंने पंजाब भाजपा चुनाव प्रभारी के साथ मुलाकात में सीटों के बंटवारे पर चर्चा की।

शेखावत से मुलाकात के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि हम 100% सीटें जीतेंगे। हम प्रत्येक सीट का अध्ययन करेंगे। सीटों के बंटवारे का मानदंड जीत होगी। जहां जिसकी स्थिति मजबूत होगी वहां उस दल को सीट मिलेगी। कैप्टन से मुलाकात के बाद गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि अब वह कह सकते हैं कि वह कैप्टन की पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे। सीटों के बंटवारे का आधार क्या होगा, इस पर उन्होंने कहा कि सीट बंटवारे पर सही समय पर सूचित किया जाएगा।

शेखावत से मुलाकात के बाद उनकी भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ मुलाकात कर सकते हैं। अभी तक यह माना जा रहा है कि भाजपा पंजाब में 70 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है, जबकि कैप्टन की पार्टी के लिए 35 सीटें छोड़ी जाएंगी।

jagran

नई दिल्ली में पंजाब भाजपा चुनाव प्रभारी गजेंद्र शेखावत से मुलाकात करते कैप्टन अमरिंदर सिंह। फोटो- ट्विटर से

चूंकि कैप्टन की पंजाब लोक कांग्रेस पार्टी का यह पहला चुनाव है। अत: निचले स्तर पर अभी पार्टी का ढांचा भी नहीं बन पाया है और बाकी 12 सीटों को सुखदेव सिंह ढींडसा की पार्टी के लिए छोड़ा जाएगा। हालांकि जबकि कैप्टन की भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक नहीं हो जाती तब तक तस्वीर स्पष्ट नहीं हो पाएगी। वहीं, कैप्टन के करीबी सूत्र बताते हैं कि अब चुनाव आयोग की टीम ने दौरा कर दिया है। जिससे यह संकेत मिलते है कि आचार संहिता जनवरी के पहले या दूसरे सप्ताह में लग जाएगी। अत: अब गठबंधन को लेकर अधिक देरी करने का औचित्य नहीं रह जाता है, क्योंकि गठबंधन और सीटों को लेकर तस्वीर स्पष्ट होने के बाद दोनों ही पार्टियां अपने अपने विधानसभा क्षेत्र में जोर लगा सकती है।

वहीं, भाजपा भले ही पंजाब में स्थापित पार्टी हो लेकिन यह पहला मौका है जब वह पूरे पंजाब में चुनाव लड़ने का दम भर रही है। अकाली दल के साथ गठबंधन में रहते हुए भाजपा कभी भी 23 सीटों से ज्यादा पर चुनाव नहीं लड़ी है। भाजपा भले ही पूरे पंजाब में अपने संगठनात्मक ढांचा होने के दाम भरती हो लेकिन मालवा के कई ऐसे विधान सभा क्षेत्र हैं जहां पर भाजपा का ढांचा तो है, लेकिन आधार नहीं है। वहीं, भले ही किसान आंदोलन खत्म हो गया हो, लेकिन किसानों के मन में अभी भी कसक बाकी है। ऐसे में भाजपा का अधिक फोकस शहरी क्षेत्रों पर ही है। जहां पर किसान आंदोलन का असर या तो कम था या न के बराबर था। वहीं, भले ही कैप्टन ने कांग्रेस को छोड़ दिया हो लेकिन वह शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी दमखम रखते है।

Leave a Reply

error: Content is protected !!