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शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में अभियान चलाकर दी जा रही है फाइलेरिया रोधी दवाओं की जानकारी  - श्रीनारद मीडिया

शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में अभियान चलाकर दी जा रही है फाइलेरिया रोधी दवाओं की जानकारी 

शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में अभियान चलाकर दी जा रही है फाइलेरिया रोधी दवाओं की जानकारी

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लंबाई के अनुसार दी जा रही आइवरमेक्टिन की दवा:

ग्रामीण महिलाओं के साथ सामूहिक रूप से बैठक आयोजित कर लोगो को किया जा रहा जागरूक: डीपीएम

जीविका दीदियों के माध्यम लोगों को जागरूक करना काफी आसान: पीसीआई

श्रीनारद मीडिया, छपरा (बिहार):

छपर जिले को फाइलेरिया से मुक्त बनाने में स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। इस क्रम में स्वास्थ्य विभाग के साथ- साथ सहयोगी संस्थान भी एकजुट होकर लोगों को जागरूक करने में जुटी हुई है। पीसीआई के सहयोग से जिला स्तर से लेकर प्रखंड स्तर तक बैठक आयोजित कर जीविका से जुड़े अधिकारी, कर्मचारी और स्वयं सहायता समूह से जुड़ी जीविका दीदियों को फाइलेरिया, उसके दुष्प्रभाव और उन्मूलन में आईडीए की महत्ता की जानकारी दी जा रही है। साथ ही जीविका दीदियों के माध्यम से सुबह में प्रभात फेरी, दिन में रैली और बैठक का आयोजन कर स्थानीय स्तर पर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। जिससे सर्वजन दवा सेवन (आईडीए) राउंड को सफल बनाते हुए ज्यादा से ज्यादा लाभुकों को फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन कराए जाने के साथ ही जिले को फाइलेरिया मुक्त बनाया जा सकता है। जिसमें जीविका दीदी की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है।

लंबाई के अनुसार दी जा रही आइवरमेक्टिन की दवा:

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि आईडीए राउंड के दौरान जिले में तीन प्रकार की दवाओं के रूप में अल्बेंडाजोल, डीईसी के अलावा एक और दवा आइवरमेक्टिन का सेवन कराया जा रहा है। अल्बेंडाजोल और डीईसी दवा का सेवन जहां उम्र के अनुसार कराया जाता है। वहीं, आइवरमेक्टिन की दवा लंबाई के अनुसार खिलाई जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि दो वर्ष से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती महिलाएं, एक सप्ताह के अंदर मां बनने वाली महिलाओं सहित किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित लोगों को किसी प्रकार की फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन नहीं कराना है। इस अभियान में स्वास्थ्य विभाग और पीसीआई इंडिया के अलावा कई अन्य सहयोगी संस्थाओं के अधिकारी व कर्मियों का काफी सहयोग मिल रहा हैं।

 

ग्रामीण महिलाओं के साथ सामूहिक रूप से बैठक आयोजित कर लोगो को किया जा रहा जागरूक: डीपीएम

जिले के 11 प्रखंडों में चलाया जा रहा जागरूकता अभियान :
जीविका के डीपीएम अरूण कुमार ने बताया कि जिले में कुल 32 हजार 524 स्वयं सहयता समूह है। जिनमें लगभग 3 लाख 57 हजार 764 जीविका दीदियां जुड़ी हुई हैं। विभागीय निर्देश के अनुसार जिले के 11 प्रखंडों में वृहद् पैमाने पर जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। वहीं, शेष बचे प्रखंडों में भी जीविका से जुड़ी दीदियां सर्वजन दवा सेवन (आईडीए) अभियान को सफल बनाने में अनवरत रूप से ग्रामीण महिलाओं के साथ सामूहिक रूप से बैठक आयोजित कर लोगो को जागरूक किया जा रहा है। हालांकि पिछले बार की तरह इस बार भी जीविका दीदियां स्वयं दवाओं का सेवन करते हुए अपने परिवार के सदस्यों को भी फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन करा रही है। जिस कारण जिले की आधी आबादी सहित अधिक से अधिक लोगों को दवाओं का सेवन कराने का लक्ष्य रखा गया है। ताकि फाइलेरिया जैसी बीमारी से छुटकारा मिल जाए।

जीविका दीदियों के माध्यम लोगों को जागरूक करना काफी आसान: पीसीआई

पीसीआई के डीएमसी सैरिश बनर्जी ने बताया कि पीसीआई विभिन्न विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर आईडीए राउंड को सफल बनाने के लिए कार्य कर रही है। जीविका स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी दीदियों के माध्यम से शहरी क्षेत्र के साथ साथ मांझी, दाउदपुर, जलालपुर, परसा, बनियापुर, लहलादपुर, मकेर, अनौर, दिघवारा और पानापुर में लोगों को जागरूक किया जा रहा है। जीविका दीदियों के स्थानीय होने के कारण लोग उनपर भरोसा करते हैं। जीविका दीदियों ने पोषण के साथ साथ कई मुद्दों पर लोगों को सुविधाएं मुहैया कराई है। जिससे जीविका दीदियों के माध्यम लोगों को जागरूक करना काफी आसान हो जाता है। वहीं, कई स्थानों पर पहले जीविका दीदियां दवाओं का सेवन करती है और लोगों को भरोसा दिलाती हैं कि ये फाइलेरिया रोधी दवाएं पूरी तरह से सुरक्षित है।

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