सीएम के जनता दरबार में पहुंचे अनुदेशक ने कहा कि शिक्षा विभाग के अधिकारी बोलते हैं  कि नीतीश कुमार ही नहीं चाहता तो हम क्या करें

सीएम के जनता दरबार में पहुंचे अनुदेशक ने कहा कि शिक्षा विभाग के अधिकारी बोलते हैं  कि नीतीश कुमार ही नहीं चाहता तो हम क्या करें

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श्रीनारद मीडिया‚ राकेश सिंह‚ स्टेट डेस्कः

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज फिर ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम में आम लोगों की शिकायत सुन रहे हैं। परंतु मुख्यमंत्री के जनता दरबार में एक ऐसा मामला सामने आया कि मुख्यमंत्री भी आश्चर्य में पड़ गये। दरअसल मामला शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशक की बहाली का था।बहाली की शिकायत लेकर पहुंचे एक फरियादी ने सीएम के सामने वह सब कुछ बोल दिया जो अधिकारी मुख्यमंत्री को लेकर बोलते हैं।

शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशक की बहाली में हो रही देरी की शिकायत लेकर एक व्यक्ति ने सीएम के सामने पहुंचा और उसने कहा कि “सार्वजनिक शिक्षा स्वास्थ्य अनुदेशक की बहाली मिडिल स्कूल में 6 क्लास से लेकर 8वीं क्लास में होने वाली है. लेकिन ये प्रक्रिया प्रबंध समिति से कंप्लीट होने के बावजूद भी आज तक पूरी नहीं हुई।

सीएम नीतीश के सामने बैठे फरियादी ने कहा कि विभाग के अधिकारी कहते हैं कि इसके जिम्मेदार आप (मुख्यमंत्री) हैं।जब भी पूछते हैं तो कहता है कि कैबिनेट में होगा और फिर कहता है कि मुख्यमंत्री ही नहीं चाहता है तो हम क्या करें।ऐसी बात प्राथमिक शिक्षा विभाग के अधिकारी बोलते हैं। कहते हैं कि नीतीश कुमार ही नहीं चाहता तो हम क्या करें।

युवक की शिकायत सुनकर सीएम नीतीश ने फौरन अधिकारी को फोन घुमाया और पूछा कि मिडिल स्कूल में फिजिकल टीचर की बहाली का कोई निर्णय हुआ है क्या ? फरियादी कह रहा है कि शिक्षा विभाग में जाते हैं तो सब आपके (मुख्यमंत्री के) बारे में बोलता है।जब चाहेगा तब होगाःमेरे सामने कोई प्रपोजल आया है क्या ? इस लड़के को एक्सप्लेन कर के बताइये। पहले आपको डिसीजन लेना है। तब न मेरे पास लाइयेगा।
मालूम हो कि कुछ ही दिन पहले पटना में शारीरिक शिक्षक और स्वास्थ्य अनुदेशकों ने सोमवार को नौकरी के लिए प्रदर्शन किया था। जिनके ऊपर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था।स्वास्थ्य अनुदेशक और शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया में हो रही देरी को लेकर अभ्यर्थी शिक्षा मंत्री के आवास का घेराव करने जा रहे थे।

गौरतलब हो कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा 16 दिसंबर 2019 को शारीरिक शिक्षकों और स्वास्थ्य अनुदेशकों की परीक्षा ली गई थी। 11 फरवरी 2020 को परीक्षा फल की घोषणा की गई।14 जुलाई 2020 को 3523 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया गया था।आरोप है कि विभाग द्वारा बहाली की स्वीकृति भी मिल चुकी है।इसके बाद भी सरकार ने अभी तक बहाली प्रक्रिया शुरू नहीं की है।सरकार के इस रवैया को लेकर अभ्यर्थियों के बीच खासी नाराजगी है।

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