केरल के राज्यपाल ने लोकायुक्त अधिनियम संशोधन अध्यादेश पर किए हस्ताक्षर,क्यों?

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लोकायुक्‍त की शक्तियों पर अंकुश लगाने की तैयारी.

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने लोकायुक्त अधिनियम संशोधन अध्यादेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। जानकारी के अनुसार, हाल ही में केरल सरकार ने लोकायुक्त अधिनियम में संशोधन करने का फैसला किया था। एक दिन पहले ही केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने लोकायुक्त अधिनियम में संशोधन को लेकर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के साथ चर्चा भी की थी। काफी देर तक चली बैठक में उन्होंने राज्यपाल को अवगत कराया कि राज्य सरकार लोकायुक्त पर अध्यादेश ला रही है, और उन्होंने इसे लाए जाने का कारण भी बताया था।

दरअसल, मंत्रिमंडल ने एक बैठक में केरल के राज्यपाल को केरल लोकायुक्त अधिनियम, 1999 में संशोधन करने के लिए अध्यादेश जारी करने की सिफारिश की थी, ताकि सरकार को अपना पक्ष रखने के बाद लोकायुक्त के फैसले को स्वीकार या अस्वीकार करने की शक्ति प्रदान की जा सके।

मुख्यमंत्री विजयन के नेतृत्व वाली पिछली सरकार के दौरान एक मंत्री को इस्तीफा देना पड़ा था, क्योंकि लोकायुक्त ने उन्हें अपने पद के दुरुपयोग का दोषी पाया था।बता दें कि, केरल सरकार के इस फैसले को लेकर बीते दिनों विपक्ष ने उन पर निशाना साधा था। कांग्रेस और भाजपा ने राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया। विपक्षी दलों ने आरोप लगाते हुए कहा था कि, सरकार के फैसले से लोकायुक्त की शक्तियां कमजोर होंगी और भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा। कांग्रेस ने राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से अध्यादेश पर हस्ताक्षर ना करने का आग्रह भी किया था।

आरिफ मोहम्मद खान वर्तमान केरल के राज्यपाल हैं। वे के पूर्व कैबिनेट मंत्री हैं। उनके पास ऊर्जा से लेकर नागरिक उड्डयन तक के कई पोर्टफोलियो थे। वह वर्तमान दुनिया के अनुसार धार्मिक विचारों को सुधारने में सक्रिय रूप से शामिल है।वह चार बार लोकसभा सांसद (1980,1984,1989,1998)और एक बार उत्तर प्रदेश बिधान सभा सदस्य (1977)। दो बार केेेेन्द्रीय मन्त्री (राज्यमंत्री 1984-1986 तथा कैबिनेट मंत्री 1989-1991) भारत सरकार रह चुके हैं।

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