बिहार के जिलों में जमीन की बिक्री नहीं हो रही,क्यों?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

बिहार में नई भूमि निबंधन नियम लागू होने के बाद जमीन की खरीद-बिक्री में अप्रत्याशित गिरावट दर्ज की गयी है. दरभंगा जिला भूमि निबंधन कार्यालय परिसर में जहां पैर रखने की जगह नहीं मिलती थी, वहां सन्नाटा पसरा रहा. क्रेता- विक्रेता, पहचानकर्ता, गवाह, कातिब आदि को मिलाकर दो-तीन दर्जन के करीब लोग ही नजर आए. यहां 23 फरवरी को मात्र 14 भूमि निबंधन दस्तावेज से विभाग को 12 लाख 82 हजार रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ. विभागीय आंकड़ों के अनुसार पिछले माह इसी तिथि को कुल 65 भूमि निबंधन दस्तावेजों से विभाग को 30 लाख रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था.

जमीन खरीदने वाले और बेचने वाले निराश होकर लौटे

जिला भूमि निबंधन कार्यालय परिसर में मौजूद कई जमीन विक्रेताओं ने बताया कि वे दूसरे राज्यों से जमीन रजिस्ट्री कराने आए थे. सोचा कि एक दिन में जमीन बेचकर वापस चले जाएंगे. लेकिन, परेशानी बढ़ गयी है. अब यहां कार्यालय में बताया जा रहा है कि आपके नाम से कोई जमाबंदी नहीं है. सबसे पहले आपको अपने नाम से जमाबंदी करनी होगी. विक्रेताओं ने कहा कि अगर उन्हें इन नियमों की जानकारी होती तो वे पूरी तैयारी से आते.

वहीं, जमीन खरीदने पहुंचे लोगों ने बताया कि जमीन बेचने वाले को तय राशि के अनुसार 90 प्रतिशत राशि दे चूका हूं. आज जमीन का निबंधन होना था. लेकिन नियम बदल जाने की वजह से रजिस्ट्री नहीं हो पा रही है. निराश होकर वापस जा रहे हैं.

नए नियम से जमीन विवाद में भारी कमी आने की संभावना है. पहले रजिस्ट्री ऑफिस को किसी भी जमीन की रजिस्ट्री के दौरान उस पर आपत्ति करने का अधिकार नहीं था. विवाद बढ़ने पर मामला कोर्ट चला जाता था. जमीन कारोबार से जुड़े कुछ कारोबारी एक ही जमीन को कई लोगों को बेच देते थे. वहीं पूर्वज की जमीन बिना बंटवारे के बिक जाती थी. फिर आपसी विवाद होता था. लेकिन अब फर्जी भूमि निबंधन पर भी रोक लगेगी.

पुरानी व्यवस्था से जमीन की रजिस्ट्री बंद

दरअसल, गुरुवार (22 फरवरी) को मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग द्वारा इस संबंध में एक पत्र जारी किया गया था. यह पत्र सभी जिले के डीएम सहित सभी प्रमंडलीय सहायक निबंधन महानिरीक्षक, सभी जिला अवर निबंधक व सभी अवर निबंधन को भेजा गया था. पत्र मिलने के बाद जमीन रजिस्ट्री के लिए निबंधन कार्यालय में जमा होने वाले आवेदन की तहकीकात की गयी और पुरानी व्यवस्था से जमीन की रजिस्ट्री बंद हो गई. अब खरीद बिक्री के लिए सिर्फ उन्हीं दस्तावेज को स्वीकृत किया जा रहा जिस जमीन की जमाबंदी विक्रेता के नाम से है.

क्यों बदला गया नियम

बताया गया कि शहरी क्षेत्र की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्रों में हेरफेर कर जमीन की बिक्री अधिक हो रही थी. नए नियम के लागू होने के बाद से जमीन की फर्जी तरीके से बिक्री पर रोक लगेगी. पहले एक ही जमीन को कई लोगों के हाथ बेचने की शिकायत मिलती रही है. जमीन पर कब्जा को लेकर काफी विवाद के मामले भी होते रहे हैं.

जमीन बेचने का नियम बदला तो घट गयी रजिस्ट्री की संख्या

बिहार में जमीन विवाद के बढ़ते मामलों के निबटारे के लिए जमीन बेचने के नियमों में बदलाव किये जाने की वजह से जमीन की रजिस्ट्री में गिरावट आ गयी है. नये नियम के मुताबिक दस्तावेजों में जिनके नाम से जमाबंदी होगी, उन्हीं को जमीन रजिस्ट्री का अधिकार होगा. नियम बदलाव के बाद शुक्रवार को जिला निबंधन कार्यालय में इसका असर देखने को मिला. जमीन रजिस्ट्री के लिए डीड जमा करने वालों की संख्या में 50 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गयी.

नियम में बदलाव के बाद रजिस्ट्री की संख्या घटी

शुक्रवार को जिला निबंधन कार्यालय में कुल 75 जमीनों की रजिस्ट्री के लिए डीड को जमा किया गया. जमा किये गये कुल 75 डीड से 3 करोड़ 12 लाख रुपये की राजस्व वसूली की गयी. मालूम हो कि नियम में किये गये बदलाव को पटना हाइकोर्ट द्वारा वैध करार देने के बाद गुरुवार को इसका आदेश जारी हुआ था.

पटना में सिर्फ 11 रजिस्ट्री हो सकी

नियम में बदलाव से पहले 80 से 85 जमीनों की रजिस्ट्री डीड जमा की जाती थी. लेकिन शुक्रवार को जमीन व मकान बेचने के लिए डीड जमा करने के लिए आने वाले ज्यादातर लोग नये नियम के बारे में जानकारी नहीं होने से डीड जमा किये बैगर ही लौट गये. हालांकि, जिला निबंधन कार्यालय ने नोटिस चस्पा कर नये नियमों की जानकारी दी है. वहीं पटना सिटी स्थित अवर निबंधन कार्यालय में शुक्रवार को कुल 11 निबंधन हुए. इनमें तीन मिसलेनियस और आठ गिफ्ट सेल से जुड़ी रजिस्ट्री की गयी. इससे 18 लाख 79 हजार रुपये की राजस्व प्राप्ति हुई. अवर निबंधक की मानें, तो नये नियमों से पहले प्रतिदिन औसतन 25 से 30 रजिस्ट्री होती थी. लेकिन नये नियम के प्रभावी होने की वजह से रजिस्ट्री में 50 प्रतिशत तक की कमी आयी है.

फुलवारी, संपतचक और बाढ़ में भी रजिस्ट्री की रफ्तार घटी

फुलवारीशरीफ में 10 से भी कम व संपतचक निबंधन कार्यालय में शुक्रवार को 20 रजिस्ट्री की गयी. अवर निबंधक आशीष अग्रवाल ने बताया कि नये नियम लागू होने से पहले 25-30 जमीन दस्तावों का निबंधन होता था. बाढ़ प्रखंड में 12 जमीन दस्तावेज का निबंधन हुआ. दानापुर में करीब 25 रजिस्ट्री नये नियम की वजह से नहीं हो पयी. लोगों ने बताया कि जमाबंदी में नाम नहीं होने की वजह से रजिस्ट्री नहीं हो पा रही है.

बिहटा, बिक्रम व मसौढ़ी में भी 20% से भी कम संख्या में निबंधन

शुक्रवार को बिहटा नगर स्थित अवर निबंधन कार्यालय में 13 ही रजिस्ट्री हुई,जबकि पहले प्रतिदिन 40 से 50 रजिस्ट्री होती थी. बिक्रम निबंधन कार्यालय में जहां प्रतिदिन औसतन 60 से 70 रजिस्ट्री होती थी, वहीं शुक्रवार को 14 जमीन दस्तावेजों का निबंधन किया गया. इसके अलावा मसौढ़ी निबंधन कार्यालय शुक्रवार को शाम चार बजे तक 15 लोगों ने ही जमीन रजिस्ट्री के लिए डीड जमा किया.

 

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