दुर्गा पूजा में तीसरे दिन Maa Chandraghanta – माँ चंद्रघंटा की कैसे होती है पूजा, जाने मंत्र, स्तोत्र, स्तुति

Maa Chandraghanta – माँ चंद्रघंटा – नवरात्रि के तीसरे दिन अर्थात तृतीया तिथि को माँ चंद्रघंटा की आराधना और स्तुति की जाती है.

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इस प्रकाशन में हम माँ चंद्रघंटा की आराधना के लिए माँ चंद्रघंटा मंत्र (Maa Chandraghanta Mantra), चंद्रघंटा स्तुति मंत्र (Chandraghanta Stuti Mantra), चंद्रघंटा प्रार्थना मंत्र (Chandraghanta Prarthna Mantra), चंद्रघंटा स्तोत्र (Chandraghanta Stotra), चंद्रघंटा कवच (Chandraghanta Kavach Mantra) तथा चंद्रघंटा माता की आरती प्रकाशित कर रहें हैं.

 

माँ चंद्रघंटा आदि शक्ति देवी पार्वती का ही रूप है. यही माँ दुर्गा का भी रूप है. चंद्रघंटा माता माँ दुर्गा की तीसरी शक्ति मानी जाती है.

नवरात्रि की तीसरे दिन माँ चंद्रघंटा की पूजा का विधान है. माँ चंद्रघंटा का रूप अत्यंत ही सौम्य है. माता अत्यंत ही दयालु हैं. माता चंद्रघंटा के ललाट पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र है. इस कारण से माता को चंद्रघंटा के नाम से जाना जाता है.

चंद्रघंटा माता की आराधना और स्तुति अत्यंत ही शुभ और मंगलकारी होती है. माता की साधना करने वाले साधक के अंदर आत्मबिस्वास कूट कूट कर भर जाती है. समस्त पापों का नाश हो जाता है. जीवन में आने वाले बाधाओं का सामना करने का साहस आ जाता है. ह्रदय से भय का नाश हो जाता है.

माता चंद्रघंटा अपने भक्तों की नकारात्मक शक्तियों से रक्षा करती है.

 

 

यहाँ प्रकाशित है –
  • Maa Chandraghanta Mantra – माँ चंद्रघंटा मंत्र

  • Maa Chandraghanta Prarthna Mantra – माँ चंद्रघंटा प्रार्थना मंत्र

  • Chandraghanta Stuti – चंद्रघंटा स्तुति

  • Maa Chandraghanta Dhyan Mantra – माँ चंद्रघंटा ध्यान मंत्र

  • Chandraghanta Stotra – चंद्रघंटा स्तोत्र

  • Chandraghanta Kavach – माँ चंद्रघंटा कवच मंत्र

  • माँ चंद्रघंटा की आरती

  • माँ चंद्रघंटा से संबंद्धित कुछ जानकारी

Maa Chandraghanta Mantra – माँ चंद्रघंटा मंत्र

Maa Chandraghanta
Maa Chandraghanta

माँ चंद्रघंटा की आराधना के लिए यहाँ दिए गए मंत्र का कम से कम १०८ बार जाप करें.

ॐ देवी चन्द्रघण्टायै नमः॥

इसके पश्चात निचे दिए गए प्रार्थना मंत्र का पाठ करें.

Maa Chandraghanta Prarthna Mantra – माँ चंद्रघंटा प्रार्थना मंत्र

यहाँ दिए गए मंत्र का सम्पूर्ण श्रद्धा और भक्ति के साथ पाठ करें. और माँ चंद्रघंटा से प्रार्थना करें.

पिण्डज प्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यम् चन्द्रघण्टेति विश्रुता॥

 

 

Chandraghanta Stuti – चंद्रघंटा स्तुति

माँ चंद्रघंटा की स्तुति निचे दिए गए मंत्र के पाठ के माध्यम से करें. अपना सम्पूर्ण ध्यान माता के चरणों में स्थिर करें.

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ चन्द्रघण्टा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

Maa Chandraghanta Dhyan Mantra – माँ चंद्रघंटा ध्यान मंत्र

यहाँ दिए गए मंत्र का भक्तिपूर्वक पाठ करें और माँ चंद्रघंटा का ह्रदय में ध्यान करें.

वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
सिंहारूढा चन्द्रघण्टा यशस्विनीम्॥

मणिपुर स्थिताम् तृतीय दुर्गा त्रिनेत्राम्।
खङ्ग, गदा, त्रिशूल, चापशर, पद्म कमण्डलु माला वराभीतकराम्॥

पटाम्बर परिधानां मृदुहास्या नानालङ्कार भूषिताम्।
मञ्जीर, हार, केयूर, किङ्किणि, रत्नकुण्डल मण्डिताम॥

प्रफुल्ल वन्दना बिबाधारा कान्त कपोलाम् तुगम् कुचाम्।
कमनीयां लावण्यां क्षीणकटि नितम्बनीम्॥

Chandraghanta Stotra – चंद्रघंटा स्तोत्र

माँ चंद्रघंटा की आराधना के लिए यहाँ दिए गए स्तोत्र का सम्पूर्ण भक्तिपूर्वक पाठ करें. यह अत्यंत ही सिद्ध स्तोत्र है. सम्पूर्ण श्रद्धापूर्वक इस माँ चंद्रघंटा स्तोत्र के पाठ का फल अत्यंत ही शुभ और मंगलकारी होता है.

आपदुध्दारिणी त्वंहि आद्या शक्तिः शुभपराम्।
अणिमादि सिद्धिदात्री चन्द्रघण्टे प्रणमाम्यहम्॥

चन्द्रमुखी इष्ट दात्री इष्टम् मन्त्र स्वरूपिणीम्।
धनदात्री, आनन्ददात्री चन्द्रघण्टे प्रणमाम्यहम्॥

नानारूपधारिणी इच्छामयी ऐश्वर्यदायिनीम्।
सौभाग्यारोग्यदायिनी चन्द्रघण्टे प्रणमाम्यहम्॥

Chandraghanta Kavach – माँ चंद्रघंटा कवच मंत्र

यहाँ हमने माँ चंद्रघंटा कवच मंत्र का प्रकाशन किया हुआ है. यह कवच मंत्र अत्यंत ही सिद्ध और शक्तिशाली मंत्र है. इस मंत्र का श्रद्धा और भक्ति के साथ पाठ करने से मनुष्य को माँ चंद्रघंटा की कृपा की प्राप्ति होती है.

जीवन में आने वाली संकटों से माँ चंद्रघंटा अपने साधक को बचाती है. समस्त नकारात्मक शक्तियों से रक्षा करने की शक्ति इस माँ चंद्रघंटा कवच में है.

रहस्यम् शृणु वक्ष्यामि शैवेशी कमलानने।
श्री चन्द्रघण्टास्य कवचम् सर्वसिद्धिदायकम्॥

बिना न्यासम् बिना विनियोगम् बिना शापोध्दा बिना होमम्।
स्नानम् शौचादि नास्ति श्रद्धामात्रेण सिद्धिदाम॥

कुशिष्याम् कुटिलाय वञ्चकाय निन्दकाय च।
न दातव्यम् न दातव्यम् न दातव्यम् कदाचितम्॥

माँ चंद्रघंटा की आरती

चंद्रघंटा माता की सम्पूर्ण श्रद्धा और भक्ति के साथ पूजा अर्चना करने के पश्चात माँ चंद्रघंटा की आरती अवस्य करें.

|| माँ चंद्रघंटा की आरती ||

जय माँ चन्द्रघण्टा सुख धाम।

पूर्ण कीजो मेरे काम॥

चन्द्र समाज तू शीतल दाती।

चन्द्र तेज किरणों में समाती॥

मन की मालक मन भाती हो।

चन्द्रघण्टा तुम वर दाती हो॥

सुन्दर भाव को लाने वाली।

हर संकट में बचाने वाली॥

हर बुधवार को तुझे ध्याये।

श्रद्दा सहित तो विनय सुनाए॥

मूर्ति चन्द्र आकार बनाए।

शीश झुका कहे मन की बाता॥

पूर्ण आस करो जगत दाता।

कांचीपुर स्थान तुम्हारा॥

कर्नाटिका में मान तुम्हारा।

नाम तेरा रटू महारानी॥

भक्त की रक्षा करो भवानी।

माँ चंद्रघंटा से संबंद्धित कुछ जानकारी

  • नवरात्रि के तीसरे दिन अर्थात तृतीय तिथि को माँ चंद्रघंटा की पूजा आराधना का अत्यंत विशेष धार्मिक महत्व है.
  • चंद्रघंटा माता का रंग स्वर्ण के समान दैदीप्यमान है.
  • इनके दस हाथ हैं.
  • माँ चंद्रघंटा का वाहन सिंह है.
  • चंद्रघंटा माता का प्रभाव शुक्र ग्रह पर है.
  • इस कारण से अगर किसी मनुष्य को शुक्र गृह की विपरीत परिस्थिति के कारण कोई कष्ट आदि हो तो उन्हें सम्पूर्ण श्रद्धा और भक्ति के साथ माँ चंद्रघंटा की आराधना और स्तुति करनी चाहिए.
  • इससे उन्हें माँ चंद्रघंटा की कृपा से समस्त कष्टों से मुक्ति मिल जाती है.
  • माँ चंद्रघंटा की कृपा से मनुष्य को जीवन में सफलता की प्राप्ति होती है.
  • चंद्रघंटा माता की कृपा से मनुष्य के अंदर साहस और आत्मबिस्वास का संचार होता है.
  • माँ चंद्रघंटा का साधक निर्भीक होता है.
  • समस्त नकारात्मक शक्तियों से माँ चंद्रघंटा अपने साधक की रक्षा करती है.

नवरात्रि के किस दिन माँ चंद्रघंटा की पूजा की जाती है?

नवरात्रि के तीसरे दिन अर्थात तृतीय तिथि को माँ चंद्रघंटा की पूजा की जाती है.

माँ चंद्रघंटा को किस देवी का रूप माना गया है?

माँ चंद्रघंटा को देवी पार्वती का रूप माना गया है.

चंद्रघंटा माता का वाहन क्या है?

चंद्रघंटा माता का वाहन सिंह है.

आज के इस प्रकाशन को हम यहीं समाप्त करने की आज्ञा चाहतें हैं. किसी भी प्रकार के सुझाव के लिए आप हमें कमेंट बॉक्स में लिख सकतें हैं. या हमें ईमेल कर सकतें हैं.

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