बाराबंकी की खबरें :   किसान नेता ठा. हाकिम सिंह भदौरिया ने भरी हुंकार

बाराबंकी की खबरें :   किसान नेता ठा. हाकिम सिंह भदौरिया ने भरी हुंकार

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नेशनल हाईवे से अधिकारियों के समझाने पर धरना स्थल पर वापस हुए किसान

गणेशपुर मोड़ पर पांच दिनों भारतीय किसान यूनियन का चल रहा था धरना

किसान महापंचायत में अधिकारियों के आश्वासन धरना समाप्त

जिलाध्यक्ष रवी सिंह ने कहां मांगे पूरी ना होने पर 15 दिन बाद पुनः दिया जाएगा धरना

श्रीनारद मीडिया, लक्ष्‍मण सिंह,  बाराबंकी (यूपी):

रामनगर/बाराबंकी। तहसील रामनगर गणेशपुर मोड़ पर किसानों की 21 सूत्री मांगों को लेकर 5 दिनों से भारतीय किसान यूनियन भदोरिया संगठन का धरना चल रहा था अधिकारियों के आश्वासन पर धरना समाप्त हो गया है।
मंगलवार को किसान महापंचायत में राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर हाकिम सिंह भदौरिया ने हुंकार भरी।
किसान महापंचायत में राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि दरवाजे पर खड़ी गाड़ियों का चालान किया जाता है इसकी शिकायत कल उप जिला अधिकारी रामनगर तान्या से किया है मेरी लड़ाई नायब तहसीलदार और लेखपाल से हैं जो जनता को बेवकूफ बनाने का कार्य करते हैं तहसील के लेखपाल ने किसानों से पैसा लेकर फसल नुकसान की रिपोर्ट लगाई है। हम भाषण देने नहीं आए हैं और ना ही ज्ञापन देने आए हैं हम काम करवाने आए हैं। छुट्टा जानवरों से लड़कर तमाम किसान मर गए हैं। वन विभाग के अधिकारी गणेशपुर में बंदर को पकड़वा कर ले जाएं। मेरी लड़ाई एसआई विष्णु कुमार शर्मा से हैं नायब तहसीलदार, लेखपाल से हैं मेरी लड़ाई एसडीएम और सीओ से नहीं है हमारी जनता उनसे खुश है
हम लोगों की बात सुनते हैं। किसान महापंचायत में 3:00 बजे तक सक्षम अधिकारी के न पहुँचने पर सभी किसानों ने मुख्यमंत्री आवास के लिए कूच करने लगे तो वहां पर मौजूद पुलिस के हाथ पांव फूल गए। नेशनल हाईवे पर 15 मिनट तक जाम की स्थिति बनी रही इंडियन ढाबा के पास में तहसीलदार रामनगर कविता सिंह और पुलिस क्षेत्राधिकारी डॉ बीनू सिंह के पहुंचने पर किसानों को समझा-बुझाकर पुनः धरना स्थल पर ले गए और ज्ञापन लेकर उनकी समस्याओं का निस्तारण करने का आश्वासन दिया।
भारतीय किसान यूनियन भदौरिया संगठन के जिला अध्यक्ष रवी कुमार सिंह ने बताया कि रामनगर थाना क्षेत्र के रहटा गांव के निवासी महेश कुमार के मामले में विपक्ष को थाने पर बैठा लिया गया है। दाखिल खारिज की समस्या दो या तीन दिन में समाप्त करने, जानवरों के प्रकरण में 15 से 20 दिन का समय मांगा और कहा न्याय पंचायत स्तर पर गौशाला का निर्माण हो रहा है गौशाला बनने पर जानवरों को पकड़कर उन्हें बंद कर दिया जाएगा, बड़नपुर के लेखपाल पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया, एसआई वीके शर्मा पर कार्रवाई करने को कहा है। यूनियन की मांग है कि एसआई वीके शर्मा को निलंबित किया जाए और उनकी जांच कराई जाए।
यदि हमारी मांगे पूरी ना होने पर 15 दिन बाद पुनः धरना दिया जाएगा।
इस अवसर पर राष्ट्रीय मुख्य सचिव कृष्णपाल शर्मा, राष्ट्रीय महासचिव एस. शुक्ला व मोहम्मद साबिर, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष इंद्र कुमार, प्रदेश अध्यक्ष अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ राम सिंह, जिला संगठन मंत्री मुरलीधर यादव, जिला मुख्य सचिव देवनारायण त्रिवेदी, रामनगर ब्लॉक अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव, तिलकराम, महेश दीक्षित, शिवराम पांडे, सुभाष गौतम, शिवकुमार कुमार यादव सहित हजारों किसान व थाना मसौली, बदोसराय, रामनगर व पीएसी बल मौजूद रहा।

 

 

 

 

किसानों को छुट्टा मवेशियों के आतंक से आखिर कब मिलेगा छुटकारा

 

श्रीनारद मीडिया, लक्ष्‍मण सिंह,  बाराबंकी (यूपी):

दरियाबाद विकासखंड क्षेत्र के 4 दर्जन से अधिक गांवों के ग्रामीण छुट्टा मवेशियों के आतंक से काफी परेशान हैं जिनका कोई पुर्शाहाल नहीं है ।

।मामला एक दो ग्राम पंचायतों का नहीं है । बहरौली, बेलहरी,रसूलपुर,अलियाबाद,चमरौली, केन्हौरा,दरौली,सुल्तानी का पुरवा,बडनपुर,मोहदीपुर,
मालिनपुर,बरहुंवा,ऊसरा,मदारपुर, कोंडरा,जीत पुरवा बालपुरवा,से लेकर दरियाबाद के बीच में कम से कम 10 किलोमीटर की दूरी के रेंज मे कोई गौशाला नही स्थिति है।आस-पास कोई नजदीकी गौशाला न होने के कारण छुट्टा मवेशियों का आतंक बना हुआ है।
इस सम्बन्ध में राजाराम मैकूलाल कमलेश कुन्नू रियाज विश्वनाथ बाबू रामेश्वर आदि किसानों का कहना है कि जहां दिन में किसी प्रकार से अपनी रोजी-रोटी के लिए जीविका चलाने हेतु कार्य करते हैं।तो दूसरी ओर रात्रि में सोने के समय खेत की रखवाली करने के लिए विवश हैं।भोजन करना भी मुहाल हो गया है।

दर्जनों किसानों का कहना है कि रातों-रात अपने खेत की रखवाली करते हुए किसान छुट्टा मवेशियों से अपनी जान भी गवां बैठते हैं।जबकि सरकार ने पुनः सत्ता काबिज करने के बाद यह फरमान जारी करते हुए कहा था कि प्रत्येक ग्राम पंचायत से छुट्टा मवेशियों को पकड़कर गौशालाओं में छोड़ दिया जाए लेकिन जमीनी हकीकत उसके उलट है अधिकारी अपनी कागजी कार्रवाई तो पूरी कर लेते हैं लेकिन मौके पर हकीकत देखने कोई नहीं आता है यहां तक किसान अपनी फसल की रखवाली हेतु ठंड में खेतों में रातों-रात बैठे रहते हैं।कभी कभार महिलाएं भी छुट्टा में गौवंशो की चपेट में आ जाती हैं जिससे उनको भी अपनी जान गंवानी पड़ जाती है।लेकिन तहसील व ब्लाक स्तर के जिम्मेदार अधिकारी इन छुट्टा गौवंशो का हाल नहीं लेते है।

गौशालाओं में यह आलम है जो 10 से 15 किलोमीटर दूर गौशालाए स्थित हैं उनमें गोवंश के लिए न तो चारा भूशा है न हरे चारे की व्यवस्था है गौशालाओं में ठंढ से बचाव के उचित प्रबंध भी नहीं किए जाते हैं।
तहसील क्षेत्र के अधिकारी संज्ञान लेते हैं न ही प्रशासनिकअमला योगी जी जनता आपकी तरफ बड़ी उम्मीद से देख रही है सरकार बनते ही आदेश तो हुआ की छुट्टा मवेशियों को पकड़कर गौशालाओं में बंद किया जाए परन्तु वि ख क्षेत्र के इन गांवों में छुटा मवेशी पकड़ने के नाम पर ना तो कोई अभियान चलाया गया न ही कोई जिम्मेदार अधिकारी जानकारी लेने आए।हो सकता है कि अभियान के नाम पर कागजी खानापूर्ति कर ली गई हो।

 

 

गर्भवती महिलाओ के राशन में अनियमितता बरते जाने का आरोप

श्रीनारद मीडिया, लक्ष्‍मण सिंह,  बाराबंकी (यूपी):

टिकैतनगर बाराबंकी

विकास खंड पूरेडलई के पाँसारा गाँव मे आँगन बाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा गर्भवती महिलाओं के राशन वितरण में काफी अनियमितता बरते जाने का मामला प्रकाश में आया है ।

ग्राम पाँसारा की लाभार्थियों का आरोप है कि ग्राम पंचायत की आगनबाड़ी कार्यकत्रियों के द्वारा पूरा राशन बितरण नहीं किया जाता आधा तीहा न मिलने पर कार्यकत्रियों द्वारा मांगने जाओ आंगनबाड़ी कार्यकत्रिया अभद्रता करने लगती है जिसकी शिकायत पंसारा ग्राम के लाभार्थियों ने एसडीएम रामसनेहीघाट एवम बाल विकास एवं पुष्टाहार व दरियाबाद विधायक एवम खाद एवं रसद विभाग मंत्री सतीश चंद्र शर्मा से की जिसपर राज्य मंत्री ने कहा कि अधिकारियों से जांच करवा कर यदि तो दोषी पाए गए तो सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी जो लोग गरीब गर्भवती महिलाओं के राशन में हेराफेरी करते पाए गए उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी ।

इस मौके पर चन्द्रप्रकाश मौर्या
ज्ञान चन्द्र कनौजिया ज्योति गुप्ता
उमेश यादव कामनी मौर्या सुनीता देवी पुष्पा देवी सलोनी देवी निशा यादव नीलम लोधी बिकलांग महिला रीता रावत समा बानो मैं नूर बानो संगीता निषाद रेखा निषाद राजकुमारी आदि शिकायतकर्ता मौजूद रहे ।

 

 

नहीं जले अलाव ‘ उफ़ ! इतनी ठंडक कि हाथ पैर हो जाए सुन्न

श्रीनारद मीडिया, लक्ष्‍मण सिंह,  बाराबंकी (यूपी):

विगत 2 दिनों से पड़ रही कड़ाके की ठंड व कोहरे के चलते जहां आम जनमानस काफी त्रस्त दिखाई दे रहा है वही तहसील प्रशासन के द्वारा कहीं पर भी अलाव जलते हुए नहीं दिखाई दे रहे है ।

पिछले कई दिनों से पड़ रही ठंडक के 2 दिनों के अंतराल में पड़ रही ठंड व कोहरे से आम जनमानस ठिठुरता हुआ दिखाई दिया वहीं क्षेत्र के बदोसराय मरकामऊ कोटवा धाम मेलारायगंज सैदनपुर खजूरी जैसे तमाम मुख्य चौराहों पर तहसील प्रशासन के द्वारा अलाव जलाए जाने की कवायद अभी तक नहीं शुरू की गई है ।
इस संबंध में बस से यात्रा करने के इंतजार में खड़ी कैसर जहां बताती हैं कि उफ इतनी ठंडक कि हाथ पांव सुन्न हो जाएं परंतु कहीं पर भी अलाव जलते हुए नहीं दिखाई दिए वहीं मोटरसाइकिल से जा रहे राजेंद्र व उनकी पत्नी गीता हाथ सेकने के इंतजार में इधर-उधर नजर आए जब कहीं पर भी अलाव जलते हैं नहीं दिखाई दिए तो वे एक होटल की भट्टी पर हाथ सेकने के इंतजार में खड़े दिखाई दिए ।

 

 

एकपक्षीय पत्रकारिता ही बनती है मुकदमे का कारण : अनुराग सक्सेना

श्रीनारद मीडिया, लक्ष्‍मण सिंह,  बाराबंकी (यूपी):

आज हर प्रदेश में पत्रकारों पर मुकदमें दर्ज होने का सिलसिला रूक नहीं रहा है इसका मुख्य कारण है कि पत्रकारों के द्वारा खबर प्रकाशित होने में दूसरे पक्ष की बात न होना।अधिकांश मामलों मे पत्रकार साथी एकपक्षीय पत्रकारिता का अंजाम दे रहें है जो कि गलत है।पत्रकारों को दोनों पक्षों की बात करनी चाहिए।

यह बात पत्रकारों की संस्था जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंड़िया (रजि0) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुराग सक्सेना ने एक वर्चुअल बैठक के दौरान कही। उन्होने कहा कि पत्रकारों को इमानदारी से दूसरे पक्ष की बात रखनी चाहिए। पत्रकारों की लेखनी का समाज पर गहरा प्रभाव पड़ता है इस बात का पत्रकारों को ध्यान रखना चाहिए। समाचार प्रकाशित करने से पूर्व दूसरे पक्ष की बात को भी पत्रकारों को भी पत्रकारों को प्रमुखता से रखनी चाहिए। पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना गया है।लोकतंत्र के चौथे स्थान का दर्जा पत्रकारिता को इसलिए दिए गया है कि यदि लोकतंत्र के तीन स्तंभ अपनी राह से भटके तो यह चौथा स्तंभ उन्हे अपने कार्यो की जवाबदेही से अवगत कराकर सही राह पर ला सके।

पत्रकारों को हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि समाचार पत्र के बैनर तो छोटे बड़े हो सकते है लेकिन पत्रकार छोटे बड़े नहीं होते और पत्रकारिता करने बाले हर पत्रकार की जवाबदेही भी समाज के प्रति एकसमान होती है।समाज पर उसकी लेखनी का क्या प्रभाव पड़ेगा यह हमेशा उसे ध्यान रखना चाहिए ।

श्री सक्सेना ने कहा कि आज डिजिटल मीडिया तेजी से बढ रही है अधिकांश बैनर डिजिटल मीडिया पर सक्रिय हो चुके है लेकिन सरकार की ओर से अभी तक डिजिटल मीडिया को रजिस्टर्ड मीडिया का दर्जा नहीं दिया है।डिजिटल मीडिया को रजिस्टर्ड मीडिया का दर्जा दिए जाने के लिए सरकार को कई पत्र संगठन की ओर से भेजे गए है पत्रकारिता की गरिमा को बचाए रखने के लिए सरकार को जल्द ही निर्णायक कदम उठाने की उन्होने मांग की है।
बता दे कि पत्रकारों पर हो रहे लगातार उत्पीड़न को लेकर जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया ने बैठक का आयोजन किया था जिसमें हाल ही में हुए पत्रकारों के खिलाफ मुकदमों को लेकर चर्चा की गई साथ ही भविष्य में पत्रकारों के साथ ऐसी घटनाएं घटित ना हो जिसको लेकर चर्चा की गई।

इस मौके पर बीएस चंदेल, गुरबचन, अशोक शर्मा, पुरुषोत्तम सैनी, शशांक शर्मा, सचिन श्याम भारतीय, कौशिक टंडन, वीरेंद्र कुमार मौर्य, विशाल गुप्ता सहित कई पत्रकार साथियों ने अपने विचार रखे।

 

 

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