*वाराणसी में ललही छठ पर हलषष्ठी माता एवं बलराम की कथा सुन माताओं ने की संतान के दीर्घायु की कामना*

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*श्रीनारद मीडिया / सुनील मिश्रा वाराणसी यूपी*

*वाराणसी* / ललही छठ का पर्व आज धूम-धाम से मनाया जा रहा है। भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि पर होने वाली यह छठ, डाला छठ की तरह ही सन्तान की दीर्घायु और पुत्र प्राप्ति के लिए मनाई जाती है। शनिवार को इस पावन पर्व पर शहर के तालाबों, कुंडों और पोखरों पर व्रती महिलाएं पहुंचकर हलषष्ठी माता एवं बलराम की कथा सुन रहीं है और अपने सन्तान के दीर्घायु की कामना कर रही हैं। माता अपने संतान की दीर्घायु के लिए थाल में महुए के पत्ते, दही, महुआ, चावल, फल और मिठाई सहित अन्य पूजन सामग्री सजाकर कुंड और सरोवरों के किनारे पहुंची हैं। पूजा के लिये कुंड और सरोवरों के किनारे फूल, गूलर, कुश और साफा से सजाया गया। इसके बाद ललही महारानी की पूजा कर उन्हें भुना हुआ चना, गेहूं, धान, मक्का, ज्वार और बाजरा चढ़ाया गया।पौराणिक मान्यता है कि ललही देवी की पूजा करने से सन्तान की प्राप्ति के साथ उनकी उम्र लंबी होती है। ग्रामीण ही नहीं नगर क्षेत्र में भी तमाम महिलाओं ने इस व्रत को श्रद्धा के साथ रखा। शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में माताओं ने सन्तान की लंबी उम्र और मंगलकामना के लिए ललही छठ का व्रत रखा। पूजन के बाद सन्तान के लिए आशीष मांगा। काशी के कुंडों और तालाबों में सुरक्षा के मद्देनजर पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं।

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