मेरे पास कोलकाता और आंध्र प्रदेश से आ गई हैं तस्वीरें, खोल दूंगा सारा पोल–साधु यादव.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
लालू यादव (Lalu Yadav) के छोटे तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) की शादी के बाद उनके मामा साधु यादव भड़के हुए हैं। वे लगातार लालू परिवार पर हमलावर हैं। साधु यादव (Sadhu Yadav) को तेजप्रताप यादव ने चैलेंज किया तो रविवार को मामा साधु ने कहा है कि कोलकाता और आंध्र प्रदेश से मेरे पास तस्वीरें आ गई हैं। उन्होंने कहा कि लालू परिवार सुधर जाए वरना वक्त आने पर सबकी पोल खोलकर रख दूंगा। तेजप्रताप यादव (Tej pratap Yadav) को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा कि जिससे शादी हुई उसे तो रख नहीं पाए और हमको उपदेश दे रहे हैं।
‘कोलकाता और आंध्र प्रदेश से आ गईं है तस्वीरें’
साधु यादव ने लालू परिवार को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि उनके पास कोलकाता और आंध्र प्रदेश से तस्वीरें आ गई हैं। सारी तस्वीरें मोबाइल में सेव हैं। अगर लालू यादव का परिवार नहीं सुधरता तो ये तस्वीरें सबके सामने रखूंगा। उन्होंने कहा कि, अगर तेजस्वी यादव को शादी ही करनी थी तो डंके की चोट पर शादी करते। ढोल नगाड़े के साथ शादी करने में क्या दिक्कत थी। आज मेरे समाज के लोग कह रहे हैं कि आपके भगीने ने ये क्या किया?
‘तेजस्वी-तेज प्रताप भी हो जाएंगे कंस’
लालू यादव बेटी ने साधु यादव के बयान के बाद ट्वीट कर उनकी तुलना कंस से की थी। इस पर साधु यादव ने कहा कि, बाल बच्चा होगा तो तेजस्वी और तेज प्रताप यादव भी उसके लिए कंस हो जाएंगे।
बहरूपिया हैं तेज प्रताप-साधु
साधु यादव ने तेज प्रताप यादव को बहरूपिया बताया है। उन्होंने कहा कि तेज प्रताप कभी कृष्ण बन जाते हैं तो कभी शंकर। कृष्ण क्या कभी चुड़ी पहनते थे, क्या वे साड़ी पहनते थे। जिससे शादी की उसे रख नहीं पाए और मुझे उपदेश दे रहे हैं। शादी के बाद पत्नी को घर में रखते, सम्मान देते। वंश को आगे बढ़ाते। साधु यादव ने कहा कि कृष्ण पूरे समाज के थे ना कि एक परिवार के।
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव की शादी हुई तो भांजे की शादी को लेकर मामा साधु यादव भड़क गये. साधु यादव ने मीडिया के सामने तेजस्वी और उनकी पत्नी रशेल को लेकर बयानबाजी करते हुए सारी हदें पार कर दी. जिसके बाद लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव अपने मामा साधु यादव के खिलाफ खुलकर मैदान में उतर गये हैं. लालू के राइट हैंड माने जाने वाले साधु यादव आज जब अपने ही भांजे तेजस्वी पर इतने आक्रमक हो गये.
2005 में बिहार में सत्ता परिवर्तन हुआ और लालू-राबड़ी राज का अंत हुआ. इसके साथ ही जिस साधु यादव की कभी तूती पूरे बिहार में बोलती थी वो साधू लालू परिवार से भी दूर किये जाने लगे. लालू-राबड़ी शासनकाल में साधु का ही नाम सबसे आगे आता था. राजद सुप्रीमो के दोनों बेटे तब छोटे थे. लेकिन जिस जंगलराज को राजद की हार का कारण माना गया, उसमें सबसे अधिक नाम राबड़ी के भाइयों का ही उछलता रहा. कहा जाता है यही वजह भी बनी साधू से दूरी की. जिस साधु यादव को 2004 में लालू यादव ने गोपालगंज का सांसद बनाया था, 2009 में वो सीट लोजपा को दे दी. साधु यादव ने राजद से खुद को अलग कर लिया.
2020 का विधानसभा चुनाव लालू परिवार के लिए बेहद अहम था. इस बार पूरा दांव लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव पर खेला गया था. हर एक सीट की जीत मायने रखती थी. इसी बीच तेजस्वी के मामा यानी राबड़ी देवी के भाई साधु यादव ने फिर एकबार गोपालगंज की राजनीति में दांव खेला. साधु यादव यहां से बसपा के टिकट पर चुनावी मैदान में उतर गये.
गोपालगंज सीट महागठबंधन में कांग्रेस के खाते में गई थी. उम्मीदवार आसीफ गफूर के पक्ष में जब तेजस्वी यहां सभा करने आए तो मंच से ये कह दिया था कि दातून के चक्कर में आपलोग पेड़ मत काट लिजिएगा. अगर सीएम बनेंगे तो गोपालगंज को चमका देंगे. तेजस्वी के निशाने पर उनके मामा साधु यादव ही थे. तेजस्वी भी जान रहे थे कि इस बार उनके मामा यहां बड़ा डैमेज कर सकते हैं. यही सच परिणाम में भी दिखा जब भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार सुभाष सिंह जीते और दूसरे नंबर पर साधु यादव रहे. जबकि महागठबंधन के उम्मीदवार यहां तीसरे नंबर पर रहे.
बता दें कि लालू परिवार से साधू के रिश्ते बिगड़े तो साधु की राजनीति के सितारे भी गर्दिश में ही रहे. वो लगातार अलग-अलग दलों के साथ अपना भाग्य आजमाते रहे लेकिन राजनीति की माटी पर अपनी पकड़ मजबूत नहीं कर सके. राबड़ी देवी के खिलाफ 2014 के लोकसभा चुनाव में मैदान में उतर जाना एक उदाहरण के तौर पर माना जा सकता है कि लालू परिवार से नाराज साधु खेल बिगाड़ने के लिए भी कइ बार उत्सुक दिखे हैं.