गुजरात की अदालत में पेश हुए राहुल गांधी.

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मोदी उपनाम पर टिप्पणी को लेकर दर्ज कराया गया था मुकदमा.

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी बृहस्पतिवार को गुजरात की अदालत में पेश हुए. मोदी उपनाम पर राहुल गांधी की कथित टिप्पणी को लेकर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था. कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपना बयान दर्ज कराने के लिए सूरत की एक मजिस्ट्रेट अदालत में पेश हुए. अपना बयान दर्ज कराते हुए हुए वायनाड के सांसद ने कहा कि उन्होंने अपने चुनावी भाषण में वास्तव में मोदी उपनाम का उल्लेख किया था, लेकिन वह विशेष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जिक्र कर रहे थे और किसी विशेष समुदाय या किसी और को बदनाम करने का उनका कोई इरादा नहीं था.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अदालत से कहा कि 2019 में एक चुनावी रैली के दौरान मोदी उपनाम पर उनकी टिप्पणी व्यंग के अलावा और कुछ नहीं थी. राहुल गांधी ने कहा, मेरा इरादा किसी समुदाय को निशाना बनाना नहीं था. मैंने सिर्फ चुनाव के दौरान कटाक्ष किया. मुझे इसके बारे में ज्यादा याद नहीं है. राहुल गांधी उस समय कांग्रेस अध्यक्ष थे, जब उन्होंने यह टिप्पणी की थी. सूरत से भाजपा के विधायक पूर्णेश मोदी ने मोदी उपनाम पर राहुल गांधी की कथित टिप्पणी को लेकर मुकदमा दर्ज कराया था.

विधायक पूर्णेश मोदी ने भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत अप्रैल 2019 में राहुल गांधी के खिलाफ एक शिकायत दर्ज करायी थी. भाजपा विधायक ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि राहुल गांधी ने 2019 में एक चुनावी रैली में यह कहकर पूरे मोदी समुदाय की मानहानि की कि सभी चोरों का एक ही उपनाम मोदी कैसे है.

द फ्री प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के वकील किरीट पनवाला ने कहा कि राहुल गांधी ने आज कोर्ट में अपना अंतिम बयान दर्ज कराया. उन्होंने कहा कि उनका मोदी उपनाम का उल्लेख सिर्फ पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यों को दिखाने के लिए था न कि किसी और या किसी विशेष समुदाय को बदनाम करने के लिए. इसके अलावा जहां तक उन्हें पता था, मोदी नाम का कोई समुदाय नहीं था.

किरीट पनवाला ने कहा कि शिकायतकर्ता ने तीन अलग-अलग आवेदन दायर कर राहुल गांधी के अंतिम बयान की इस रिकॉर्डिंग को रोकने की कोशिश की. जिसे अदालत ने खारिज कर दिया. अदालत ने पाया कि गुजरात उच्च न्यायालय में शिकायतकर्ता द्वारा दायर एक अन्य आवेदन में उन तर्कों को संबोधित किया गया था. बयान दर्ज करने के बाद मजिस्ट्रेट ने मामले पर अगली सुनवाई के लिए 12 जुलाई की तारीख तय की.

इससे पहले राहुल गांधी अक्टूबर 2019 में अदालत में पेश हुए थे और उन्होंने इस टिप्पणी के लिए खुद को दोषी नहीं माना था. एक हफ्ते पहले सूरत के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एएन दवे ने मामले में बयान दर्ज कराने के लिए गांधी को 24 जून को अदालत में मौजूद रहने का निर्देश दिया था. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कर्नाटक के कोलार में 13 अप्रैल 2019 को हुई चुनावी रैली में गांधी ने कथित तौर पर कहा था, नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेन्द्र मोदी इन सभी का एक ही उपनाम मोदी कैसे है. सभी चोरों का एक ही उपनाम मोदी कैसे है.

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