नए मामलों में आई कमी लेकिन 24 घंटे में 3.23 लाख केस,2,771 की गई जान.

नए मामलों में आई कमी लेकिन 24 घंटे में 3.23 लाख केस,2,771 की गई जान.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

बीते 24 घंटों में देश में 3,23,144 और लोगों के कोरोना से संक्रमित होने से अब तक इस बीमारी की चपेट में आने वालों की संख्या बढ़कर 1,76,36,307 हो गई है। इन नए मामलों के साथ लोगों के ठीक होने की दर घटकर 82.54 फीसद हो गई है। हालांकि पिछले कुछ दिनों से हर दिन मामले बढ़ने की जगह मंगलवार को नए मामलों में गिरावट आई है। इसे एक सकारात्मक संदेश माना जा रहा है।

स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा मंगलवार सुबह आठ बजे जारी आंकड़ों के मुताबिक, इस दौरान 2,771 और लोगों के मरने से मृतकों की कुल संख्या 1,97,894 हो गई है। फिलहाल सक्रिय मामले 28,82,204 हैं। ये कुल मामलों का 16.34 फीसद हैं। आंकड़ों के अनुसार इस बीमारी से 1,45,56,209 लोग ठीक हो चुके हैं। वहीं मृत्यु दर गिरकर 1.12 फीसदी हो गई है।

कोरोना ने 7 अगस्त को 20 लाख का आंकड़ा पार किया था। इसी तरह 23 अगस्त को 30 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख और 19 दिसंबर को एक करोड़ के आंकड़े को पार कर गया। जबकि 19 अप्रैल तक देश में 1.50 करोड़ संक्रमित हो चुके हैं।

16 लाख से अधिक नमूनों की जांच

इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) के अनुसार देश में अब तक 26,09,79,877 नमूनों की जांच की जा चुकी है। अकेले सोमवार को 16,58,700 नमूनों की जांच की गई।

सर्वाधिक मौतें महाराष्ट्र में

बीते 24 घंटों में 2,771 लोगों की मौत हुई उनमें सर्वाधिक 524 लोग महाराष्ट्र के हैं। इसके बाद दिल्ली में 380, उत्तर प्रदेश में 249, छत्तीसगढ़ से 226, कर्नाटक से 201, गुजरात से 158 और झारखंड से 124 लोगों की मौत हो गई।

देश में अब तक कोरोना से 1,97,894 मौतें हुई हैं। इनमें महाराष्ट्र से 65,284, दिल्ली से 14,628, कर्नाटक से 14,627, तमिलनाडु से 13,651, उत्तर प्रदेश से 11,414, बंगाल से 11,009, पंजाब से 8,530 आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ से 7,736 लोग शामिल हैं।

दस राज्यों में हैं लगभग सत्तर फीसद मामले

बीते 24 घंटों में देश में कोरोना के जो नए मामले सामने आए हैं उनमें से 69.1 फीसद मामले सर्वाधिक प्रभावित दस राज्यों के हैं। इन राज्यों में महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, दिल्ली कर्नाटक, केरल, छत्तीसगढ़, बंगाल, तमिलनाडु, गुजरात और राजस्थान हैं। महाराष्ट्र में सबसे अधिक दैनिक नए मामले 48,700 दर्ज किए गए हैं। इसके बाद उत्तर प्रदेश में 33,551 और कर्नाटक में 29,744 नए मामले सामने आए।

विशेषज्ञ बताते हैं कि कोरोना की दूसरी लहर में हैप्पी हाइपोक्सिया के कारण करीब 15 फीसद मौतें हुई हैं। समय-समय पर शरीर के ऑक्सीजन स्तर की जांच करके इस स्थिति से बचा जा सकता है। ग्वालियर में कोरोना के चलते अप्रैल के 26 दिन में मौत का आंकड़ा 350 से ऊपर पहुंच चुका है। इसमें 15 फीसद मरीज हैप्पी हाइपोक्सिया ऑफ कोविड के शिकार बने हैं।

सामान्य व्यक्ति का ऑक्सीजन स्तर 95 से 100 फीसद के बीच होता

हैप्पी हाइपोक्सिया ऑफ कोविड में मरीज के शरीर में संक्रमण होने से उसका ऑक्सीजन स्तर गिरता है पर इसका आभास उसे नहीं होता। इसी खुशफहमी की वजह से इसे हैप्पी हाइपोक्सिया कहा जाता है। ऑक्सीजन का स्तर 70 से 80 तक पहुंचने पर भी मरीज को सांस लेने में परेशानी नहीं होती।

ऑक्सीजन का स्तर काफी कम हो जाता है और मरीज को सांस लेने में परेशानी होने लगती है

शरीर में ऑक्सीजन घट रही होती है और कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर बढ़ रहा होता है। ऐसे में फेफड़ों में सूजन आने पर ऑक्सीजन रक्त में नहीं मिल पाता। इससे मस्तिष्क में ऑक्सीजन की कमी से कोशिकाएं मरने लगती हैं अन्य अंग खराब होने लगते हैं। मरीज चिढ़चिढ़ा हो जाता है, अपनी धुन में रहने लगता है। जब अचानक से ऑक्सीजन का स्तर काफी कम होता है तब सांस लेने में परेशानी होती है, तब तक काफी देर हो चुकी होती है। ऐसे मरीज की रिकवरी देरी से होती है या फिर नहीं भी हो पाती।

 

हैप्पी हाइपोक्सिया: अस्पताल में सामान्य दिखते हैं कोविड से पीड़ित मरीज 

डॉक्टर बताते हैं कि हैप्पी हाइपोक्सिया ऑफ कोविड से पीड़ित मरीज देखने में सामान्य नजर आते हैं। शरीर में सामान्य से अधिक कार्बन डाइऑक्साइड बढ़ने से मरीज बेहोशी की हालत में पहुंच जाता है। कई बार तो घर वालों को भी पता नहीं चलता और मरीज की मौत हो जाती है।

हर संक्रमित व्यक्ति गाइडलाइन का पालन कड़ाई से करना चाहिए

ऐसे में जरूरी है कि हर संक्रमित व्यक्ति गाइडलाइन का पालन कड़ाई से करे। हर दिन अपने शरीर का ऑक्सीजन स्तर ऑक्सीमीटर से पता करें। यदि ऑक्सीजन लेवल 94 से कम आता है तो अस्पताल में भर्ती हों। शरीर या व्यवहार में परिवर्तन महसूस हो तो डॉक्टर से परामर्श लें।

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में हैप्पी हाइपोक्सिया निभा रहा साइलेंट किलर की भूमिका 

दूसरी लहर में हैप्पी हाइपोक्सिया ऑफ कोविड कोरोना संक्रमण में साइलेंट किलर की भूमिका निभा रहा है। संक्रमण न होने पर भी यह स्थिति बन सकती है। ऑक्सीजन स्तर गिरने पर तत्काल डॉक्टर से परामर्श ले.

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