आमी मंदिर मे प्रथम शैलपुत्री स्वरूपा अंबिका का  हुआ सोलह श्रृंगार

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श्रीनारद मीडिया, मनोज तिवारी, छपरा (बिहार)

कोविड महामारी से बनने वाले चैन को कमजोड कर कोरोना को हराने के लिए धार्मिक केन्द्रों के बन्द करने के आदेश पर भारत के इकलौते सिद्ध पीठ आमी मे विरानगी छाई है।पिछले चैत्र नवरात्रि की भाॅती इस वर्ष भी मंदिरो के कपाट सरकारी आदेशानुसार बंद कर दिए गए है सीर्फ पूजारियों द्वारा पूजन और आरती संपन्न किया जा रहा है।आज विक्रम संवत् 2078 की शुरूआत के साॅथ सभी छोटे बडे सनातन धर्मावलंवियो के मन्दिरो मे नव वर्ष पर विशेष पूजनोत्सव शुरू हो गया है।सिद्ध पीठ आमी जहाॅ हजारो की संख्या मे स्थानीय व दूर दराज के देवी भक्त नव वर्ष पर विशेष पूजा अर्चना व नवरात्रि पाठ करते थे पिछले वर्ष की भांति मंदिर के कपाट बंद होने इस बार भी वे अपने घर पर ही पूजा-पाठ कर रहे है।
माॅ अम्बिका का नवरात्रि मे विशेष पूजनोत्सव व संध्याकालीन श्रृंगार व सोने चाॅदी के मुकुट,हार,कुण्डल से सजाने की परंपरा चली आ रही है।आमी मन्दिर के पूजेरियो ने प्रथम शैलपुत्री स्वरूपा सिद्धि दात्री माॅ अम्बिका के मिट्टी की पिण्डी को सजाने मे कोई कसर नही छोडी।माॅ को संध्या काल मे स्नान कराकर नूतन वस्त्र व गहने तथा अन्य श्रृंगार समाग्री से सजाया गया।इसके बाद पूजन व आरती के बाद गर्भ गृह का दरवाजा बंद किया गया।

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