ईडी प्रमुख के तीसरे विस्तार को सुप्रीम कोर्ट ने बताया ‘अवैध’,क्यों?

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 खुशी मनाने वाले भ्रमित हैं-अमित शाह

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने ईडी के निदेशक को लेकर गृह मंत्री अमित शाह की टिप्पणी पर निशाना साधा। अमित शाह ने टिप्पणी की थी कि ‘यह महत्वपूर्ण नहीं है कि प्रवर्तन निदेशालय का निदेशक कौन है।’ इस पर सिब्बल ने पूछा कि फिर सरकार ने ईडी के प्रमुख संजय मिश्रा को तीसरा विस्तार क्यों दिया।

सुप्रीम कोर्ट से केंद्र को झटका

सिब्बल की टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रवर्तन निदेशालय के प्रमुख मिश्रा को दिए गए एक-एक साल के दो लगातार विस्तारों को अवैध ठहराए जाने के एक दिन बाद आई है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को संजय मिश्रा को तीसरा कार्यकाल विस्तार देने का आदेश रद कर दिया था। साथ ही अदालत ने कार्यकाल विस्तार को अवैध बताया था।

अमित शाह ने की थी टिप्पणी

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद, गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि ईडी निदेशक कौन है, यह महत्वपूर्ण नहीं है, क्योंकि जो कोई भी इस पद पर आएगा, वह भ्रष्टाचार पर ध्यान देगा।

कपिल सिब्बल ने कहा संजय मिश्रा (ईडी) प्रमुख। सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर तक के विस्तार को अवैध ठहराया। अमित शाह, ईडी एक संस्था है जो किसी एक व्यक्ति से ऊपर है। फिर आपने उन्हें तीसरा विस्तार क्यों दिया। कुछ व्यक्ति सत्ताधारी पार्टी के राजनीतिक हितों की सेवा करते हैं

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (11 जुलाई) को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) प्रमुख संजय कुमार मिश्रा को दिए गए तीसरे सेवा विस्तार को अवैध घोषित किया है. कोर्ट ने उन्हें 31 जुलाई 2023 तक पद छोड़ने का समय दिया है.

जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली तीन-जजों की पीठ ने कहा कि 2021 में सुप्रीम कोर्ट के पिछले आदेश के मद्देनजर संजय कुमार मिश्रा को नवंबर 2022 से आगे विस्तार नहीं दिया जा सकता था. संजय कुमार मिश्रा के विस्तार को सुप्रीम कोर्ट के सितंबर 2021 के आदेश पर आधार पर चुनौती दी गई थी.

कौन हैं संजय कुमार मिश्रा?

संजय कुमार मिश्रा 1984 बैच के भारतीय राजस्व सेवा अधिकारी हैं. 1984 बैच के आईआरएस अधिकारी संजय कुमार मिश्रा को पूर्णकालिक प्रमुख बनाए जाने से पहले अक्टूबर 2018 में तीन महीने के लिए प्रवर्तन निदेशालय के अंतरिम निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया था.

मामलों की शानदार ढंग से जांच 

सीएनबीसी के अनुसार, 63 वर्षीय मिश्रा एक आर्थिक विशेषज्ञ हैं और कहा जाता है कि उन्होंने आयकर के कई उच्च-स्तरीय मामलों की शानदार ढंग से जांच की है. यही कारण है कि उन्हें ईडी प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया था. अपनी नियुक्ति से पहले, संजय कुमार मिश्रा दिल्ली में मुख्य आयकर आयुक्त के रूप में तैनात थे.

उनके कार्यकाल के दौरान, कई हाई-प्रोफाइल राजनीतिक नेता, अक्सर विपक्षी दलों से, ईडी की जांच के दायरे में आए हैं. विपक्षी दल अक्सर सरकार पर उनके नेताओं को निशाना बनाने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसी का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते रहे हैं.

केंद्र ने 18 नवंबर, 2023 बढ़ाया था कार्यकाल

केंद्र सरकार ने संजय कुमार मिश्रा का कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ाकर 18 नवंबर, 2023 तक कर दिया था. इतिहास में पहले ऐसे शख्स है जिन्हें निदेशक के रूप में उनकी सेवा अवधि के बाद तीन बार अतिरिक्त विस्तार मिला है. जब वह आईआरएस अधिकारी बने थे तो उस वक्त अपने बैच के सबसे कम उम्र के अफसर थे.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुशी मनाने वाले विभिन्न कारणों से भ्रमित हैं. अमित शाह ने ट्वीट कर कहा कि सीवीसी अधिनियम में संशोधन, जो संसद की ओर से विधिवत पारित किया गया था, उसको बरकरार रखा गया है. भ्रष्ट और कानून के गलत पक्ष पर काम करने वालों पर कार्रवाई करने की ईडी की शक्तियां वही रहेंगी.

केंद्रीय गृह मंत्री ने क्या कहा?

अमित शाह ने कहा कि ईडी एक ऐसी संस्था है जो किसी एक व्यक्ति से ऊपर है और अपने मुख्य उद्देश्य को प्राप्त करने पर केंद्रित है यानी मनी लॉन्ड्रिंग के अपराधों और विदेशी मुद्रा कानूनों के उल्लंघन की जांच करना.

ईडी निदेशक कौन है, ये महत्वपूर्ण नहीं”

गृह मंत्री ने कहा कि इस प्रकार ईडी निदेशक कौन है, ये महत्वपूर्ण नहीं है क्योंकि जो कोई भी इस भूमिका को ग्रहण करता है वह विकास विरोधी मानसिकता रखने वाले हकदार राजवंशों के एक आरामदायक क्लब के बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार पर ध्यान देगा.

 

 

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