टीबी मुक्त अभियान: टीबी मरीजों में निक्षय मित्र लगातार कर रहे हैं फूड पैकेट का वितरण 

टीबी मुक्त अभियान: टीबी मरीजों में निक्षय मित्र लगातार कर रहे हैं फूड पैकेट का वितरण

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मरीज़ों को पौष्टिक आहार के लिए सरकार द्वारा प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान: सीडीओ

मरीज़ों को पौष्टिक आहार के लिए सरकार द्वारा प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान: एमओआईसी

फूड पैकेट में मिले पौष्टिक आहार से जल्द ठीक हो रहे हैं टीबी मरीज़: लाभार्थी

श्रीनारद मीडिया, छपरा, (बिहार):


देश को टीबी मुक्त बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा हरसंभव पहल की जा रही है। ताकि वर्ष 2025 तक देश को पूरी तरह से टीबी मुक्त बनाया जाए। इस बाबत भारत सरकार द्वारा राज्य सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग को लक्ष्य निर्धारित कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिया चुका है। जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ रत्नेश्वर प्रसाद सिंह ने बताया कि सरकार के लक्ष्य को हमलोगों द्वारा हर हाल में पूरा करना है। लेकिन टीबी संक्रमित मरीज़ों को घबराने की आवश्यकता नहीं है। क्योंकि टीबी बीमारी का इलाज़ एवं दवा सरकार द्वारा बिल्कुल ही निःशुल्क दी जाती है। इसके लिए समय पर जांच और इलाज शुरू कराना पड़ेगा। इसीलिए लक्षण दिखते ही संबंधित मरीजों को जल्द से जल्द स्थानीय स्वास्थ्य संस्थानों या नज़दीकी सरकारी अस्पतालों में जांच करानी चाहिए। चिकित्सीय परामर्श के अनुसार दवा खाने की जरूरत होती है।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मांझी के सभागार में निक्षय मित्र के द्वारा 41 टीबी मरीज़ों में पौष्टिक आहार खाने के लिए तीसरे महिने का फूड पैकेट वितरण किया गया। इस अवसर पर मांझी सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रोहित कुमार, चिकित्सा पदाधिकारी डॉ आशुतोष कुमार, डॉ सुशील कुमार सिंह, जपाईगो की क्षेत्रीय कार्यक्रम पदाधिकारी बनानी मिश्रा, सिफार के धर्मेंद्र रस्तोगी, लेखापाल अनीश गुणाकर, बीएचएम राममूर्ति, बीसीएम विवेक कुमार व्याहुत, एसटीएस राजीव कुमार, एलटी मिथिलेश कुमार, टीबी सहायक कृष्ण कुमार सहित कई अन्य अधिकारी और कर्मी उपस्थित थे।

 

मरीज़ों को पौष्टिक आहार के लिए सरकार द्वारा प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान: एमओआईसी
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मांझी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रोहित कुमार ने कहा कि टीबी बीमारी से संक्रमित मरीजों को निक्षय पोषण योजना के तहत इलाज के दौरान लगातार छः महीने तक 500 सौ रुपये प्रत्येक महीने प्रोत्साहन राशि दिया जाता है। जो मरीजों को बैंक खाते में दी जाती है। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग के अलावा अन्य अधिकारी और कर्मियों द्वारा निक्षय मित्र बन कर तीसरे महिने का फूड पैकेट वितरण किया गया है। ताकि टीबी के मरीज़ों को खाने के लिए पौष्टिक आहार मिल सके। स्थानीय प्रखंड क्षेत्र के टीबी मरीजों को नियमित रूप से दवा सेवन करने के लिए विभागीय अधिकारी और आशा कार्यकर्ताओ के द्वारा फॉलोअप किया जाता है। ताकि यह जनकारी मिलता रहे की जिसको दवा खाना है वह दवा नियमित रूप से दवा सेवन कर रहा है कि नही। इसके अलावा टीबी मरीज़ के स्वस्थ्य होने में पौष्टिक आहार का अहम योगदान होता है। जिसका वितरण लगता किया जा रहा हैं। जगलाल को घूमने फिरने में काफ़ी दिक्कतें होती थी लेकिन अब चलने फिरने में कोई दिक्कत नहीं हो रही है।पौष्टिक आहार खाने के बाद ही इस तरह से फायदा हुआ है।

 

 

फूड पैकेट में मिले पौष्टिक आहार से जल्द ठीक हो रहे हैं टीबी मरीज़: लाभार्थी
मांझी प्रखंड के बलेसरा पंचायत अंतर्गत जगतिया गांव निवासी जगलाल चौधरी के 38 वर्षीय पुत्र नागेंद्र चौधरी ने बताया कि टीबी बीमारी की जानकारी मिली थी उस समय हमको बहुत ज्यादा कमजोरी होती थी। लेकिन अब नियमित रूप से दवा का सेवन कर रहा हूं तो पहले से काफ़ी सुधार हुआ है। पौष्टिक आहार खाने के लिए टीबी नियंत्रण केंद्र के अधिकारी एवं कर्मियों द्वारा मुझे लगातार तीसरे महीने का फूड पैकेट दिया जा रहा है। जिसको खाने के बाद जल्द से जल्द स्वस्थ्य होने की संभावना है। गांव की आशा कार्यकर्ता रीना देवी का शुक्रगुजार हूं जो हमको मांझी सीएचसी अपने साथ लाकर 8 दिसंबर 2023 को बलगम जांच कराई। उसके बाद 22 दिसंबर से नियमित रूप से दवा सेवन कर रहा हूं। जिस कारण फिलहाल ठीक हूं। लेकिन जब बीमारी हुई थी तो उस समय खुद चलना फिरना नही हो रहा था लेकिन आज अपने पैरो से चलकर हर काम कर रहा हूं।

 

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