पेट से निकला शीशे का ग्लास,कैसे?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

बिहार के मुजफ्फरपुर से एक चौंकाने वाली खबर है। अगर आपसे कोई कहे कि किसी इंसान की आंत में शीशे का पूरा का पूरा ग्लास फंसा हुआ था जिसे डॉक्टरों ने ऑपरेशन करके निकाल दिया, तो आपको कतई विश्वास नहीं होगा।  लेकिन हम जो कह रहे हैं वह सोलह आने सच है।  अब डॉक्टर और आम लोग यह जानने और समझने के लिए परेशान हैं यह साबुत ग्लास मरीज के पेट में पहुंचा कैसे। ग्लास तो निकल गया है लेकिन डॉक्टर और उस मरीज के परिजन हैरान हैं। सबके मन  में कई सवाल कौंध रहे हैं।

दरअसल, मुजफ्फरपुर के एक सर्जन डॉ महमूद उल हसन के पास वैशाली से एक मरीज पहुंच  जिसे पेट दर्द और कब्ज की शिकायत थी। मरीज ने डॉक्टर को बताया कि कई दिनों से वह शौच नहीं गया है और उसके पेट में दर्द है।  दवा देने के बाद भी जब मरीज का दर्द खत्म नहीं हुआ और ना ही उसे शौच लगी, तो डॉक्टर ने उसका एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड करवाया।  अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट आने के बाद डॉ महमूद उल हसन और उनके नर्सिंग होम के सारे नर्सिंग कर्मी हैरान रह गए।

अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट में पता चला कि उस मरीज के आंत  और मलद्वार के बीच एक ग्लास फंसा हुआ है।  एक बार किसी को इस बात का यकीन नहीं हुआ।  लेकिन क्लिनिकल डायग्नोसिस में मैं भी इसकी पुष्टि हुई कि मरीज के पेट में एक ग्लास नुमा बर्तन फंसा हुआ है जिसकी साइज चाय पीने वाले ग्लास से बड़ी है।

शहर के मारीपुर में नर्सिंग होम चला रहे डॉक्टर महमूद उल हसन ने बताया कि पूरी पड़ताल और संतुष्टि के बाद उन्होंने ऑपरेशन की तैयारी की। लगभग 3 घंटे के कठिन ऑपरेशन के बाद डॉक्टर महमूद उल हसन मरीज के पेट से ग्लास निकालने में कामयाब रहे। डॉक्टर हसन से जब यह पूछा गया कु इतना बड़ा ग्लास मरीज के पेट में पहुंचा कैसे तो उन्होंने कहा कि मरीज बता रहा है कि मुंह के रास्ते ग्लास उसके पेट के अंदर चला गया है। लेकिन उस की बात पर विश्वास नहीं होता।  क्योंकि इतना बड़ा ग्लास अगर मुंह के रास्ते गया होता तो तो आहार नाल के अलावे कई पाचन अंग क्षतिग्रस्त हो जाते। मरीज की सेहत पर इसका बहुत बुरा असर पड़ता।

उन्होने बताया कि क्लिनिकल जांच के दौरान मलद्वार से ग्लास दिख रहा था। डॉक्टर हसन ने बताया कि बहुत बारीकी से ऑपरेशन करना पड़ा ताकि ग्लास पेट के अंदर टूटे नहीं और उसे बाहर निकाल लिया गया। उन्होंने बताया है कि मरीज का इलाज चल रहा है। मरीज को स्वस्थ रखने के लिए उसके शौच की वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। फिलहाल मरीज की हालत ठीक है।

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