पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को सुप्रीम कोर्ट द्वारा आजीवन कारावास की सजा सुनाये जाने की खबर मिलते ही 1995 की वह घटना कौंध गयी
धेनुकी गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय धेनुकी पूरब टोला स्थित मतदान केंद्र पर तीन लोगों को गोली मार दी गई थी
श्रीनारद मीडिया, अमृता मिश्रा, पानापुर (सारण)
पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को सुप्रीम कोर्ट द्वारा आजीवन कारावास की सजा सुनाये जाने की खबर मिलते ही प्रखंड क्षेत्र के लोगो के जेहन में 1995 की वह घटना कौंध गयी .वर्ष 1995 में विधानसभा चुनाव का वह मनहूस दिन जब प्रखंड के धेनुकी गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय धेनुकी पूरब टोला स्थित मतदान केंद्र पर तीन लोगों को गोली मार दी गई थी.
उस दिन की घटना को याद कर आज भी वहां के ग्रामीण सहम जाते है. इस घटना की बात पर उनके जुबां खामोश हो जाते है .बताया जाता है कि बिहार विधानसभा के चुनाव की वोटिंग चल रही थी .सुबह से सभी मतदान केंद्रो पर शांतिपूर्ण मतदान की प्रक्रिया चल रही थी.इसी बीच धेनुकी गांव स्थित मतदान केंद्र पर तीन लोगों के गोली लग जाने से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई.
मतदान केंद्र पर वोट डालने आए धेनुकी गांव निवासी बृक्षा राय के पुत्र दरोगा राय, रामा राय के पुत्र राजेंद्र राय एवं रामजतन राम की पत्नी श्रीमति देवी गोली लगने से घायल हो गयी . इलाज के दौरान राजेंद्र राय एवं दरोगा राय की मौत हो गई जबकि श्रीमति देवी ठीक हो गई थी. उसके हाथ में गोली लगी थी जिस कारण उसका एक हाथ डैमेज हो गया था. बाद में स्वभाविक रूप से उसकी भी मौत हो गई .
घटना के बाद इस मामले को लेकर मशरक थाने में कांड संख्या 62/95 के तहत प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी जिसमें पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह सहित अन्य लोगों को अभियुक्त बनाया गया था . इस बीच सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कही खुशी कही गम का माहौल है .
न्याय में भले ही देरी हुई पर फैसले से खुश-परिजन ।
श्रीनारद मीडिया, अमृता मिश्रा, पानापुर (सारण)
पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को दोहरे हत्याकांड मामले में आजीवन कारावास की सजा मिलने की खबर मिलते ही मृतकों के परिजनों में खुशी देखी गयी .मृतक राजेन्द्र राय के चचेरे भाई शैलेन्द्र यादव ने बताया कि वर्षो इंतजार के बाद आखिरकार न्याय की जीत हुई .
खबर मिलते ही पूरे परिवार में खुशी का माहौल है . .वही मृतक दारोगा राय के पुत्र किशोरी राय ने बताया कि देर से ही सही लेकिन न्याय की आज जीत हुई है . उन्होंने कहा कि भागलपुर की अदालत द्वारा केस खारिज होने के बाद लगा था कि अब गरीब को न्याय नही मिलेगा .
उन्होंने भागलपुर की घटना को याद करते हुए कहा कि अदालत कैंपस से हमलोगो को लाठी डंडों से पीटकर भगाया गया था .घटना के 28 वर्ष बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा पूर्व सांसद को दोषी करार दिए जाने की खबर से प्रखंड में एक बार फिर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है .
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