वाराणसी में धूम-धाम से निकली बाबा लाटभैरव की शाही बारात, दर्शन के लिए उमड़े भक्त, सकुशल विवाह संपन्न
श्रीनारद मीडिया / सुनील मिश्रा वाराणसी यूपी
वाराणसी / बाबा श्री कपालभैरव (लाट भैरव) की विवाहोत्सव यात्रा सोमवार की शाम धूम-धाम से निकाली गई। भक्तों ने बाबा के रथ की राह में फूल बिछाए और आरती उतारकर स्वागत किया। बाबा के रजत मुखौटे का पूजन के साथ ही विधि-विधान से विवाहोत्सव की परंपरा निभाई गई। रथ पर सवार बाबा के रजत स्वरूप का दर्शन करने के लिए रास्ते भर भक्तों की कतार लगी रही।
लाट भैरव प्रबंधक समिति की ओर से दोपहर दो बजे हरतीरथ स्थित इन्ना माई की गली से आचार्य पंडित रविंद्र त्रिपाठी के आचार्यत्व में मुख्य यजमान धर्मार्थ कार्य राज्यमंत्री डॉ नीलकंठ तिवारी ने बाबा के रजत मुखौटे का षोड्षोपचार पूजन-अर्चन कर बारात शोभायात्रा का शुभारंभ किया। इसके बाद बाबा के रजत मुखौटे को भव्य रथ पर विराजमान कराया गया।
कोविड नियमों को ध्यान में रखते हुए भक्तों को रथ पर चढ़कर बाबा की आरती व पूजन करने की अनुमति नहीं थी। रास्ते भर भक्तों ने अपने-अपने घरों, दरवाजों, चबूतरों से बाबा की आरती उतारी। छतों व बरामदों से महिलाएं पुष्पवर्षा कर बारात का अभिनंदन कर रही थीं। श्री लाट भैरव डमरू दल का 51 सदस्यीय समूह दीपक के नेतृत्व में डमरू नाद करते हुए बारात के साथ चल रहा था।
बारात अपने निर्धारित मार्ग विशेश्वरगंज, भैरवनाथ चौराहा, भैरवनाथ मंदिर, जतनबर, कतुआपुरा, अंबियामंडी, बलुआबीर, हनुमानफाटक, तेलियाना से होते हुए नउआपोखर स्थित लाट भैरव बाजार में जनवासे के लिए रुकते हुए जलालीपुरा मार्ग से कज्जाकपुरा स्थित मंदिर प्रांगण पहुंची। मंदिर परिसर सहित बरात के मार्गभर में सुरक्षा की दृष्टि से बड़ी संख्या में पुलिस व पीएसी के जवानों तैनात रहे।
गोधूली बेला में बारात के मंदिर पहुंचते ही बाबा का द्वारपूजन किया गया। तदुपरांत रजत मुखौटे को मंदिर की पांच परिक्रमा करवाने के बाद विग्रह पर विराजमान कर वैवाहिक अनुष्ठान प्रारंभ कराए गए। रात्रि में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विधिपूर्वक समस्त वैवाहिक कार्यक्रम समिति के अध्यक्ष हरिहर पांडेय ने आचार्य रविंद्र त्रिपाठी के आचार्यत्व में संपन्न कराया। मध्यरात्रि में हजारा दीपक से बाबा की आरती उतारी गई। शिवम अग्रहरि ने बताया कि इस वर्ष हम सभी ने बाबा की आरती कर कोरोना महामारी का जड़ मूल से विनाश करने की कामना की।