संघ हीरा है, जितना मारा जाएगा, उतना चमकेगा-भाजपा

संघ हीरा है, जितना मारा जाएगा, उतना चमकेगा-भाजपा

कर्नाटक सरकार द्वारा आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने के बाद, भाजपा की तीखी प्रतिक्रिया

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

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कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता आर.अशोक ने कांग्रेस-नेतृत्व वाली सरकार के उस कदम पर प्रतिक्रिया दी, जिसमें सभी निजी संगठनों के लिए अधिकारियों से अनुमति लेना अनिवार्य किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह कदम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को लक्षित करने के लिए है।

उन्होंने कहा कि आरएसएस हीरे की तरह है और जितना अधिक इसे मारा जाएगा, उतना ही यह चमकेगा। इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर आर.अशोक ने शुक्रवार को कहा, ”कर्नाटक राज्य की वित्तीय स्थिति को दिवालियापन के कगार पर लाकर और हर क्षेत्र में पूरी तरह से विफल होकर कांग्रेस-नेतृत्व वाली सरकार निराधार आरोप लगा रही है और आरएसएस को बदनाम कर रही है ताकि जनता का ध्यान उसके आंतरिक संघर्षों, विफलताओं और भ्रष्टाचार से हट सके।”

अशोक ने कहा, ”कांग्रेस के नेता चाहे जितना भी इसे बदनाम करने की कोशिश करें, वे संघ का कुछ नहीं बिगाड़ सकते। यह संगठन हीरे की तरह है। जितना अधिक इसे मारा जाएगा, उतना ही यह चमकेगा।”

कांग्रेस पार्टी का मुस्लिम लीग के साथ गठबंधन देश के विभाजन का कारण- अशोक

उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी का मुस्लिम लीग के साथ गठबंधन देश के विभाजन का कारण बना। पार्टी का काला इतिहास है, जिसमें भारत में एक लाख से अधिक सांप्रदायिक संघर्षों की जिम्मेदारी है। यह प्रवृत्ति पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के समय से शुरू हुई और आज उनके परपोते राहुल गांधी और कर्नाटक के मंत्री प्रियंक खरगे में देखी जा रही है।

सिद्दरमैया की सफाई-ये संघ के बारे में नहीं

कर्नाटक कैबिनेट के सार्वजनिक स्थानों और सरकारी परिसरों के उपयोग पर नियम लाने के निर्णय को लेकर मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने स्पष्ट किया कि यह ”केवल आरएसएस के बारे में नहीं है।” उनकी टिप्पणी एक दिन बाद आई, जब उनकी नेतृत्व वाली कैबिनेट ने स्पष्ट रूप से आरएसएस गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया।

क्या है कर्नाटक सरकार का नया बिल?

कर्नाटक कैबिनेट में जल्द ही एक विवादित प्रस्ताव पेश होने जा रहा है – ‘रेगुलेशन ऑफ यूज ऑफ गवर्नमेंट प्रिमाइसेस एंड प्रॉपर्टीज बिल 2025’
इस बिल के तहत, किसी भी सरकारी इमारत या परिसर में अगर कोई धार्मिक, सामाजिक या राजनीतिक कार्यक्रम करना है, तो पहले अधिकारियों से अनुमति लेना जरूरी होगा।

कानून विभाग द्वारा तैयार किए गए इस ड्राफ्ट के मुताबिक, जिला कलेक्टर (DC) और पुलिस अधीक्षक (SP) परमिशन देने वाले अधिकारी होंगे। बिना अनुमति कार्यक्रम करने पर पहली बार दो साल की जेल और 50,000 रुपये का जुर्माना, जबकि दोबारा उल्लंघन करने पर तीन साल की जेल और 1 लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है। लगातार उल्लंघन पर हर दिन 5,000 रुपये की पेनल्टी का प्रावधान रखा गया है।

भाजपा का आरोप: RSS को टारगेट करने की साजिश

भाजपा नेताओं का मानना है कि यह बिल सीधे तौर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को निशाने पर लेने की कोशिश है। आरएसएस की शाखाएं और गतिविधियां कई बार सरकारी मैदानों और स्कूल परिसरों में होती हैं, और अब कांग्रेस सरकार उसी पर रोक लगाने की तैयारी में है।

चंद्रशेखर बावनकुले का पलटवार

बावनकुले ने कहा, “कांग्रेस सरकार जनता की समस्याओं से भाग रही है। विकास, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार जैसे असली मुद्दों पर फेल होने के बाद अब वह हिन्दुत्व और आरएसएस पर हमला बोलकर राजनीतिक फायदा उठाना चाहती है।”
उन्होंने चेतावनी दी कि “अगर कांग्रेस इस बिल को लाने की जिद करती है, तो देशभर में विरोध की लहर उठेगी, और इसका जवाब जनता चुनाव में देगी।”

और अंत में

कर्नाटक कांग्रेस सरकार का यह प्रस्ताव आने वाले दिनों में बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा कर सकता है। भाजपा इसे ‘आरएसएस पर हमला’ बता रही है, जबकि कांग्रेस इसे ‘कानूनी व्यवस्था का कदम’ कह रही है। लेकिन चंद्रशेखर बावनकुले का बयान साफ है – “संघ को कोई मिटा नहीं सकता, क्योंकि वह राष्ट्र निर्माण की आत्मा है।”

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