बिहार में डराने लगी है चमकी बुखार की रफ्तार,अब तक 10 की हो चुकी है मौत.

बिहार में डराने लगी है चमकी बुखार की रफ्तार,अब तक 10 की हो चुकी है मौत.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

एसकेएमसीएच में भर्ती तीन बच्चों में एइएस की पुष्टि हुई है. गुरुवार को एक और संदिग्ध को भर्ती किया गया. जिन बच्चों में एइएस की पुष्टि हुई है, उनमें गोरौल के रजनीश कुमार (7), लालगंज की शबनम कुमारी (8), मुशहरी के साहिल कुमार (7) शाAvinish Kumar Mishraमिल हैं. तीनों का इलाज एइएस के प्रोटोकॉल के तहत किया जा रहा है.

तीनों को एसकेएमसीएच (skmch) के शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ गोपाल शंकर सहनी की देखरेख में इलाज किया जा रहा है. भर्ती दो बच्चों में कैल्शियम, सोडियम, पोटाशियम व मैग्नीशियम की कमी है. डॉ गोपाल शंकर सहनी ने बताया कि बारिश रुकने व उमस बढ़ने के बाद से बीमार बच्चों की तादाद बढ़ी है. सभी बच्चों को इलाज एइएस (AES) प्रोटोकॉल के तहत किया जा रहा है.

एसकेएमसीएच में अबतक 50 बच्चों में एइएस की पुष्टि हुई है. इसमें 10 बच्चों की मौत हो चुकी है. 31 बच्चे स्वस्थ होकर लौट चुके हैं. दो बच्चों के अभिभावक इलाज के दौरान ही उसे लेकर चले गये. यहां फिलहाल सात बच्चों का इलाज चल रहा है.

10 दिन में 12 से अधिक केस- बिहार में चमकी बुखार (Chamki Bukhar) से पीड़ित मरीजों की संख्या में पिछले दस दिनों में सबसे अधिक बढ़़ोतरी हुई है. 12 जुलाई से लेकर 22 जुलाई तक एसकेएमसीएच में करीब 12 से अधिक मरीज चमकी बुखार के आए हैं. बताते चलें कि उत्तर बिहार के कुछ जिले में चमकी बुखार का कहर सबसे अधिक होता है.

बता दें कि बिहार में चमकी बुखार के बढ़ते प्रकोप के बीच बिहार सरकार ने बड़ा फैसला किया. सरकार ने एईएस प्रभावित जिले के स्वास्थ्य संस्थानों में 24X7 स्वास्थ्य सेवा प्रदान किए जाने का निर्देश दिया था. ताकि उक्त रोग से ग्रसित मरीजों को ससमय स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध करायी जा सके, जिसके तहत सभी डॉक्टरों को डेली दर्पण ऐप से हाजिरी लगाने का आदेश दिया गया था.

एसकेएमसीएच के पीकू वार्ड में 17 जुलाई को भर्ती हुए सकरा के चकरवे मनियारी निवासी दो वर्षीय अन्नुप्रिया में एइएस की पुष्टि हुई हैं. बच्ची का ब्लड सैंपल व अन्य रिपोर्ट आने के बाद डाॅ गोपाल शंकर सहनी ने एइएस की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि बच्ची को डॉ जेपी मंडल की यूनिट में भर्ती कर इलाज किया जा रहा हैं. अभी इसकी हालत सामान्य है.डॉ गोपाल शंकर सहनी ने कहा कि पिछले चार पांच दिनों से उमस बढ़ी है. बिहार में पिछले एक हफ्ते में नौ मरीज सामने आया है.

ऐसे में एइएस (AES) से बच्चे पीड़ित होने लगे हैं. इस वर्ष एसकेएमसीएच 47 बच्चों में एइएस की पुष्टि हो चुकी है. जिसमें से 10 बच्चों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है. वहीं दो बच्चे लामा हो गये. 29 बच्चों को इलाज के बाद घर भेजा गया. इधर, चमकी बुखार से पीड़ित तीन बच्चों को बुधवार को पीकू वार्ड में भर्ती कराया गया. सभी के ब्लड सैंपल पैथोलाॅजी विभाग को भेज दिया गया है. रिपोर्ट आने के बाद बीमारी की पुष्टि की जायेगी. फिलहाल स्वास्थ्य विभाग के प्रोटोकॉल के अनुसार बच्चे का इलाज जारी है.

वहीं इसके अलावा एसकेएमसीएच में चमकी-बुखार (Chamki Bukhar) के तीन भर्ती हुए. उसमें सीतामढ़ी के ढाई साल का प्रियांशु और मोतिहारी के सात साल का कृष कुमार, दो साल की बालूघाट की नेहा कुमारी शामिल है. तीनों का इलाज चिकित्सों की टीम द्वारा की जा रही है.

बताते चलें कि बिहार में पिछले 24 घंटे के भीतर 88 कोरोना के नए केस मिले हैं. राज्य में पटना में सिर्फ दो अंकों में कोरोना वायरस (coronavirusअ) के नए मामले सामने आया है. वहीं आठ जिलें में कोरोना के एक भी केस नहीं मिले हैं. जबकि कई जिलों में सिर्फ एक-एक नए मरीज सामने आया हैं. स्वास्थ्य विभाग ने बताया है कि बिहार में कोरोना से 98.59 फीसदी मरीज रिकवर हुए हैं.

 

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