हृदय रोग से पीड़ित 3 मासूमों को स्क्रीनिंग के बाद सफल ऑपरेशन के लिए भेजा गया सत्य साई हॉस्पिटल

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गंभीर बीमारियों से ग्रसित बच्चों की पहचान में आरबीएसके टीम की महत्वपूर्ण योगदान: सिविल सर्जन

भविष्य में होने वाली परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए समय पर इलाज जरूरी: डीपीएम

जन्मजात दिल में छेद वाली तीन बच्चों को भेजा गया अहमदाबाद: डॉ जितेंद्र प्रसाद

श्रीनारद मीडिया,प्रसेनजीत चौरसिया, सीवान ,बिहार

जिले में गंभीर बीमारी से ग्रसित बच्चों को बेहतर और समुचित स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने को लेकर स्वास्थ्य विभाग हमेशा तैयार रहता है। इस अभियान को सार्थक रूप देने के लिए राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) टीम द्वारा जिले के तीन बच्चे जो जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित थे उनका विभागीय स्तर पर स्क्रीनिंग करने के बाद निःशुल्क जांच और इलाज कराने के लिए छपरा सदर अस्पताल से एम्बुलेंस द्वारा पटना रेफर किया गया है।

इस अवसर पर जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम अरविंद कुमार, डीपीसी रमेश चंद्र कुमार, आरबीएसके के पूर्व डीसी डॉ अमरेंद्र कुमार सिंह, सदर अस्पताल के अस्पताल प्रबंधक राजेश्वर प्रसाद और सिफार के धर्मेंद्र रस्तोगी सहित कई अन्य अधिकारी और कर्मी उपस्थित रहे।

गंभीर बीमारियों से ग्रसित बच्चों की पहचान में आरबीएसके टीम की महत्वपूर्ण योगदान: सिविल सर्जन

सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत गंभीर बीमारियों से ग्रसित बच्चों की पहचान करते हुए उन्हें विशेष इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। इसके लिए जिले में आरबीएसके की टीम कार्यरत हैं। जिस प्रखंड में गंभीर बीमारी से ग्रसित बच्चे की जानकारी प्राप्त होती है वहां आरबीएसके की टीम द्वारा बच्चों को प्रारंभिक जांच के लिए जिला में लाया जाता है। यहां बीमारी की पहचान होने पर इसकी जानकारी जिला स्वास्थ्य समिति के माध्यम से राज्य स्वास्थ्य विभाग को भेजा जाता है। वहां से संबंधित बीमारी के उपचार के लिए विशेषज्ञ अस्पताल को सूचित किया जाता है जहां तिथि निर्धारित होने पर बच्चों को टीम द्वारा निःशुल्क एम्बुलेंस के माध्यम से पटना रेफर किया जाता है।

भविष्य में होने वाली परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए समय पर इलाज जरूरी: डीपीएम


जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम अरविंद कुमार ने कहा कि हृदय रोग से पीड़ित बच्चों के अभिभावक अपने नजदीकी स्वास्थ्य संस्थान में आरबीएसके टीम से संपर्क कर निःशुल्क समुचित स्वास्थ्य सुविधा का लाभ दिलाने में अपनी भूमिका को सार्थक रूप दे सकते है। क्योंकि जानकारी उपलब्ध कराने के बाद आवश्यक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। हालांकि इस समस्या से पीड़ित बच्चों के स्थाई निजात के लिए अगर समय पर इलाज शुरू कराया जाए तो भविष्य में होने वाली परेशानियों का सामना करने से छुटकारा मिल सकता है। इसीलिए किसी भी बीमारी से पीड़ित बच्चों के अभिभावक अपने बच्चों का आरबीएसके टीम के सहयोग से समय पर मुफ्त परामर्श और इलाज शुरू कराने के अपील की जाती है।

जन्मजात दिल में छेद वाली तीन बच्चों को भेजा गया अहमदाबाद: डॉ जितेंद्र प्रसाद

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के जिला समन्वयक डॉ जितेंद्र प्रसाद ने कहा कि जिले के दरियापुर प्रखंड अंतर्गत मटिहान गांव निवासी कृष्णा सिंह की 18 माह की मासूम बच्ची मिल्की कुमारी जबकि बरवां गांव निवासी बीरेंद्र कुमार की 2 वर्षीय पुत्री सोनाक्षी कुमारी तो वहीं परसा थाना क्षेत्र के मस्तीचक गांव निवासी मुकेश महतो की 2 वर्षीय पुत्री रेशमी कुमारी जो जन्मजात हृदय रोग से ग्रसित होने के कारण टीम द्वारा स्क्रीनिंग कराई गई। उसके बाद सदर अस्पताल बुलाकर पटना भेजा गया है। जहां से हवाई यात्रा के माध्यम से श्री सत्य साईं हॉस्पिटल अहमदाबाद भेजा जाएगा। ताकि उन लोगों की दिल में छेद वाली बीमारी से निजात दिलाया जा सके।

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