सारण में 5.76 लाख बच्चों को दी जायेगी पोलियो की दो बूंद, घर-घर दस्तक देगी स्वास्थ्य विभाग की टीम
• 14 से 18 दिसंबर तक चलेगा पल्स पोलियो अभियान
• समुदाय की भागीदारी पर खास जोर
श्रीनारद मीडिया,पंकज मिश्रा, अमनौर/छपरा (बिहार):

सारण जिला पोलियो मुक्त समाज की दिशा में एक बार फिर व्यापक जन-आंदोलन शुरू करने जा रहा है। जिले के शून्य से पाँच वर्ष तक के 5 लाख 76 हजार 914 बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार यह अभियान केवल एक सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि हर परिवार की जिम्मेदारी और समुदाय की जागरूकता से जुड़ा मिशन है। इसी उद्देश्य से जिलेभर में तैयारियां तेज कर दी गई हैं।
रैली से जागरूकता की शुरुआत
14 से 18 दिसंबर तक चलने वाले इस अभियान की तैयारी के तहत सोमवार को छपरा सदर अस्पताल परिसर से जागरूकता रैली निकाली गई। रैली को जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. सुमन कुमार ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। एएनएम स्कूल की छात्राओं और स्वास्थ्यकर्मियों की बड़ी संख्या इस रैली में शामिल हुई। रैली का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लोगों को यह संदेश देना था कि पोलियो से बचाव के लिए सिर्फ दो बूंद ही पर्याप्त, लेकिन एक भी बच्चा छूटना नहीं चाहिए। रैली के दौरान स्वास्थ्यकर्मी लोगों को जागरूक करते हुए बताते रहे कि पोलियो एक ऐसी बीमारी है जो जीवनभर बच्चों को अपंग बना सकती है, लेकिन समय पर दवा मिल जाए तो इसका खतरा हमेशा के लिए टल सकता है।
अभियान के लिए व्यापक तैयारी
स्वास्थ्य विभाग ने अभियान को सफल बनाने के लिए बड़ी तैयारी की है।
इसके लिए 6 लाख 57 हजार 597 घरों तक पहुंचने का लक्ष्य तय किया गया है। कुल 1481 डोर-टू-डोर टीमों को घर-घर जाकर दवा पिलाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। 252 ट्रांजिट टीम रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, बाजार, पुल-पुलिया और भीड़ वाले स्थानों पर तैनात रहेंगी, ताकि बाहर से आने वाले बच्चों को भी दवा दी जा सके। 36 मोबाइल टीमें स्लम बस्तियों, ईंट-भट्ठों, दूरस्थ ग्रामीण इलाकों और नदी किनारे बसे टोले-मोहल्लों में अभियान चलाएंगी। इसके अलावा 543 सुपरवाइजर पूरे अभियान की निगरानी करेंगे ताकि किसी भी बच्चे की अनदेखी न हो और हर टीम निर्धारित लक्ष्य पूरा कर सके।
समुदाय की भूमिका सबसे अहम
स्वास्थ्य विभाग के साथ यूनिसेफ और विभिन्न सामुदायिक संगठनों की साझेदारी भी इस अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। स्वास्थ्यकर्मियों के साथ-साथ आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सेविकाएँ और स्थानीय स्वयंसेवी संस्थाएँ घर-घर जाकर लोगों को जागरूक कर रही हैं। समुदाय में यह संदेश दिया जा रहा है कि पोलियो उन्मूलन केवल दवा देने का काम नहीं, बल्कि बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने का सामूहिक प्रयास है।
“हर परिवार का सहयोग जरूरी”
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. सुमन कुमार ने कहा कि पोलियो की दवा पूरी तरह सुरक्षित है और सभी माता-पिता को चाहिए कि वे अपने बच्चों को यह खुराक अवश्य दिलवाएँ। उन्होंने कहा कि पोलियोमुक्त समाज तभी संभव है जब हर बच्चा इस सुरक्षा कवच के अंदर शामिल हो।
अभियान की शुरुआत में उपस्थित डीपीएम अरविंद कुमार, अस्पताल प्रबंधक राजेश्वर प्रसाद, यूनिसेफ एसएमसी आरती त्रिपाठी, वीसीसीएम अनशुमान पांडेय और शक्ति कुमार ने भी समुदाय से अपील की कि वे स्वास्थ्यकर्मियों के प्रयासों में पूरा साथ दें। संदेश साफ है पोलियो की दो बूंद हर बच्चे के लिए जरूरी… ताकि सारण का हर बच्चा स्वस्थ, सुरक्षित और मुस्कुराता हुआ भविष्य पाए।
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