लोकतंत्र में अपनी मांग रखनी चाहिए, सरकार अवश्य ध्यान देगी– मंगल पाण्डेय.

लोकतंत्र में अपनी मांग रखनी चाहिए, सरकार अवश्य ध्यान देगी– मंगल पाण्डेय.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क


26 वां अखिल भारतीय भोजपुरी साहित्य सम्मेलन पूर्वी चंपारण में मोतिहारी नगर के राधा-कृष्ण सीकरिया बी.एड. कॉलेज ,नकछेद टोला, पंडित गणेश चौबे सभागार में प्रारंभ हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय,मंत्री प्रमोद कुमार, विधान पार्षद संजय मयूख, विधायक कृष्णनंदन पासवान, पिपरा के विधायक श्याम बाबू यादव, चिरैया के विधायक लालबाबू प्रसाद,विधायक सुनील मणि तिवारी,पूर्व कुलपति डॉ रिपुसूदन श्रीवास्तव, सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ हरिराम त्रिपाठी चेतन, डॉ गुरु चरण सिंह,डॉ जय कांत सिंह जय, डॉ ब्रज भूषण मिश्रा, अध्या प्रसाद द्विवेदी, डॉ प्रमोद कुमार तिवारी, डॉ सुनील कुमार पाठक, डॉ शंभू नाथ सीकरिया, गुलशेर शहजाद, प्रकाश अस्थाना, ने संयुक्त रूप से किया।


सर्व प्रथम आगंतुक अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया। डॉ शंभू नाथ सीकरिया ने शिव स्त्रोत का वाचन कर कार्यक्रम को मंगलमय बना दिया। अपने उद्घाटन भाषण में बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय ने कहा कि भोजपुरी को संवैधानिक दर्जा मिलना चाहिए इसके लिए लगातार इस प्रकार के सम्मेलन व अधिवेशन से प्रयास हो रहा है। लोकतंत्र में मांग होती रहेगी तो यह बात सरकार अवश्य मानेगी।

संवाद को प्रेषित करने के लिए लोक अनिवार्य तत्व है। लोक के माध्यम से हम अपनी संस्कृति को बढ़ा व बचा सकते हैं। भोजपुरी संपन्न भाषा है इसे अपनी मातृभाषा बोली-वाणी पर हमें गर्व है। अपनी भाषा में बात करने पर हमें लोक लाज नहीं लगनी चाहिए किसी भाषा से भोजपुरी को वैर नहीं है। भोजपुरी को लेकर मन में झिझक समाप्त होनी चाहिए।स्कूल के पाठ्यक्रम में भोजपुरी शामिल होगी, जैसा की आप लोगों को पता है मुख्यमंत्री जी ने कहा भी है। मैं यह चाहता हूं कि अगला सम्मेलन यानी 27 वां अधिवेशन हमारे गृह नगर सीवान में हो,इसके लिए पूरी व्यवस्था की जाएगी। मैं व्यक्तिगत रूप से सरकार में जहां भोजपुरी को आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए बात रखनी होगी मैं रखूंगा। मैं चाहूंगा कि हमारी भोजपुरी को उसका हक मिले।

विधान पार्षद संजय मयूख ने अपने उदबोधन में कहा कि हम यहां भाषण नहीं बल्कि संघर्ष को ज्वलंत करने आए हैं। भोजपुरी से अश्लीलता को समाप्त करने,फूहड़ को ध्वस्त करने पर हमारा ध्यान है। इसके लिए मैंने व्यक्तिगत रूप से कई पहल किया है आप सभी भोजपुरी की समृद्धि के साधक हैं, आप सभी को हमारा साधुवाद है। केजी से पीजी तक भोजपुरी में पठन-पाठन होना चाहिए। ऐसा हम सरकार से मांग करते हैं।


वही बिहार सरकार में विधि व गन्ना विकास मंत्री प्रमोद कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री जी निश्चित ही भोजपुरी को आठवीं अनुसूची में शामिल करेंगे। उनका ध्यान इस पर है, हम सभी भोजपुरी भाई लोग एक दिन इस सुखद समाचार को अवश्य सुनेंगे।

 

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