क्या बेचने की बात थी क्या बेचता हूं मैं, घोड़ा बना बना के गदहा बेचता हूं मैं

क्या बेचने की बात थी क्या बेचता हूं मैं, घोड़ा बना बना के गदहा बेचता हूं मैं

श्रीनारद मीडिया, सीवान (बिहार):

1001467106
1001467106
previous arrow
next arrow
1001467106
1001467106
previous arrow
next arrow

नगर के शेखमुहल्ला स्थित कसाना ए फ़हीम के हाते में एक भव्य विषय मुक्त ( गैर तरही) मुशायरे का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता मशहूर उस्ताद शायर फारूक सिवानी ने किया तथा संचालन बखूबी रज़ी अहमद फैजी ने किया, मुशायरे में शामिल फ़हीम जोगा पूरी, मोइज बामनहबरवी ख़लीकुल जमा, मुश्ताक सिवानी इंतेखाब ब्राह्मण, रज़ी अहमद फैजी, डॉ अली असगर सिवानी, विपिन शरर परवेज़ अशरफ, कमाल मीरापुरी, कमाल बलियावी नियाज़ देवरयाबी, अरशद सिवानी, इरशाद अहमद आदि ने अपने अपने लेखनी का जादू जगाया जिसे श्रोताओं ने खूब पसंद किया।
फारूक सिवानी ने प्रस्तुत किया,
उदासियां लिये दहलीज पर खड़ी होंगी
नज़र की शाम मेरी राह देखती होंगी
मैं जानता हूं के रस्ते में तेरी तन्हाई
मेरे लिए कई आंसेब से लड़ी होंगी
फ़हीम जोगा पूरी भी खूब सराहे गए
रातों के साथ भाग हमारे बंधे रहे
रौशन चिराग दिल था मगर हम बुझे रहें
कमाल बलियावी की शायरी भी खुश रंग रही
दुश्मन का क्या गिला के हुए खार की तरह
जब यार ही मेरे न रहे यार की तरह

हास्य व्यंग के मशहूर शायर सुनील कुमार तंग भी खूब रहे
क्या बेचने की बात थी क्या बेचता हूं मैं
घोड़ा बना बना के गदहा बेचता हूं मैं
इरशाद अहमद ने मुहब्बत का पैगाम कुछ इस तरह से दिया
जरा दिल से नफ़रत मिटाओ तो जाने
मुहब्बत से दामन सजाओ तो जाने
गरीबों पे जुल्म वा सितम ढाने वालों
अमीरों से पंजा लड़ाओ तो जाने

डॉ अली असगर सिवानी की लेखनी दहेज़ के खिलाफ़ एक अच्छा सा संदेश रहा
इस दौर में बेटी के लिए हिन्द में मुफलिस
किडनी को अपनी बेच के वर मांग रहें हैं
नयाज देवरियाबी के नातियां कलाम अच्छा रहा
सब हम्द तेरे लिए ए सब जहानों के खुदा
लॉरेब है तू मेहरबान सब मेहरबानो के सिवा
इंतेखाब फ़हमी के ग़ज़ल ने तो धूम मचा दी
दिन सुनहरा तो रात सुहानी मांगे
दिले बे ताब समन्दर की रवानी मांगे
अरशद सिवानी की विराशत में मिली शायरी की कला छा गई।
अहले फन पूछते है, क्यों है बता
मेरा अंदाजे शायरी तन्हां

मशहूर शायर हास्य व्यंग के जादूगर परवेज़ अशरफ ने कमाल कर दिया
तुम बताओ के कौन ब हुनर है
सेब है,गाल है, टमाटर है
कितना अच्छा तेरा मुकद्दर है
सब को शौहर है दिन में देवर है
रज़ी अहमद फैजी के गीत तो श्रोताओं के दिल में उतर आए
गोरिया पानी भर के लबालब सड़क सड़क जाए
कमरिया लचक लचक जाए
गागरिया छलक छलक जाए

ख़लीकुलजमा ख़लक ने हुसैन को कुछ इस तरह से याद किया
क़िस्मत से दिल में बस गई उल्फ़त हुसैन की
बेताब कर रही है शहादत हुसैन की
मुश्ताक सिवानी ने कहा
जहां जीकरे हुसैन वा जमाल आ गया
तसऊवर में तेरा ख्याल आ गया
कमाल मीरापुरी ने भी कमाल किया
हम में से कोई मुल्क का गद्दार नहीं है
और तुम में कोई भी तो वफादार नहीं है

विपिन शरर के तेवर
एक एक शेर मिसालें जेवर है
मेरा लहज़ा यह मेरा तेवर है
मोईज बहंबरवी की हुसैनी अदा भी खूब रहे
वह दिल ही क्या न जिस में हो उल्फ़त हुसैन की
कमाल की है अहसास मुहब्बत हुसैन की
और अनेकों शायर वा कवियों ने अपने अपने अंदाज में बखूबी काव्य पाठ किया आखिर में आए हुए अतिथि मण्डली कवि शायरों का धन्यवाद ज्ञापन करते हुए संस्था सचिव अल्हाज फ़हीम जोगा पूरी ने कहा कि उर्दू अदब इंसानी जिन्दगी को संवारने सजाने का काम करती है अतः हमे मुल्क की दूसरी मीठी जुबान उर्दू अदब की दिल से इस्तकबाल करनी चाहिए तथा उर्दू अदब के विस्तार प्रचार प्रसार पर काम करने की जरूरत है।

यह भी पढ़े

संपूर्ण अनुसूचित समाज का अपमान लालू प्रसाद जी ने किया है – मंत्री मंगल पांडेय

 सरस्वती आपके जीवन में बिराजमान होगी तो लक्ष्मी अपने आप आपके घर में आ जायगी : मंगल पांडेय

सिताबदियारा से प्रभुनाथ नगर पंचायत मुख्य सड़क के निर्माण को मिली स्वीकृति, विधायक डॉ. सी. एन. गुप्ता के प्रयासों को मिली सफलता

मोतिहारी कोर्ट से अपराधी को भगाने की साजिश विफल, तीन हथियार के साथ चार गिरफ्तार

मोतिहारी कोर्ट से अपराधी को भगाने की साजिश विफल, तीन हथियार के साथ चार गिरफ्तार

न सिम, न सोशल मीडिया…फिर भी 400 करोड़ का गेम!

हार के साथ ही इंग्लैंड ने 5 मैचों की टेस्ट सीरीज में 2-1 की बढ़त बना ली है

अवैध घुसपैठ से मूल निवासी पर खतरा-हिमंत सरमा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!