बीते 24 घंटों में 3,32,730 नए मामले व दो हजार से अधिक मौत.

बीते 24 घंटों में 3,32,730 नए मामले व दो हजार से अधिक मौत.

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

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कोविड-19 महामारी अपना विकराल रूप हर रोज अधिक कुरूप बनाती जा रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, भारत में बीते 24 घंटों में संक्रमण के 3,32,730 नए मामले दर्ज किए गए और 2,263 नई मौत दर्ज की गई। इसके बाद देश में अब तक कुल संक्रमितों का आंकड़ा 1,62,63,695 हो गया और मृतकों की संख्या 1,86,920 हो गई है। संक्रमण के ये आंकड़े शुक्रवार सुबह 8 बजे दर्ज किए गए हैं।

वर्तमान में देश में सक्रिय मामलों की कुल संख्या 24,28,616 है और डिस्चार्ज हुए मामलों की कुल संख्या 1,36,48,159 है। देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस की 31,47,782 वैक्सीन लगाई गईं, जिसके बाद कुल वैक्सीनेशन का आंकड़ा 13,54,78,420 हो गया।  देश में 16 जनवरी से वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत हुई। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के अनुसार, भारत में कल तक कोरोना वायरस के लिए कुल 27,44,45,653 सैंपल टेस्ट किए जा चुके हैं, जिनमें से 17,40,550 सैंपल कल टेस्ट किए गए।

लगातार दूसरे दिन 3 लाख से अधिक मामले

आज लगातार दूसरा दिन है जब देश में 3 लाख से अधिक मामले मात्र 24 घंटों के दौरान दर्ज हुए हैं। अमेरिका के बाद संक्रमण के मामले में भारत का नंबर है। अमेरिका में महामारी की शुरुआत के बाद से ही सबसे अधिक मामले सामने आए हैं और संक्रमण के कारण मौतें भी वहीं दर्ज की गई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज के लिए निर्धारित बंगाल दौरे को रद कर दिया।

महाराष्ट्र के पुणे में पिछले 24 घंटों में COVID-19 के 9,841 नए मामले सामने आए हैं। 115 लोगों की मृत्यु दर्ज़ की गई। 9,186 लोग डिस्चार्ज हुए। वहीं दिल्ली में पिछले 24 घंटों में COVID-19 के 26,169 नए मामले सामने आए हैं। 306 लोगों की मृत्यु हुई और 19,609 लोग डिस्चार्ज हुए।

घातक वायरस का जानलेवा सफर जारी

मौत के 2,263 नए मामलों में महाराष्ट्र- 568, दिल्ली- 306, छत्तीसगढ़- 207, उत्तर प्रदेश- 195, गुजरात- 137, कर्नाटक- 123, झारखंड- 106 शामिल हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि 70 फीसद से अधिक मौतों का कारण कमोरबिडिटी है। चीन में वर्ष 2019 के अंत में घातक कोरोना वायरस के संक्रमण की शुरुआत हुई और दो-तीन माह के भीतर ही दुनिया इस जानलेवा बीमारी की चपेट में आ गई। मार्च 2020 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे महामारी घोषित कर दिया।

देश में ऑक्सीजन उत्पादन की नहीं, बल्कि उसे जरूरतमंदों तक पहुंचाने की चुनौती है। समस्या यह है कि कोरोना के कारण दिल्ली, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र जैसे पश्चिम भारत के राज्यों में ऑक्सीजन की भारी कमी हो गई है, लेकिन ऑक्सीजन उत्पादन की अधिकांश इकाइयां झारखंड, ओडिशा और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में हैं। पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन उपलब्ध होने के बावजूद ज्यादा दूरी के कारण उसे समय पर जरूरतमंदों तक पहुंचना मुश्किल हो रहा है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ऑक्सीजन की बढ़ी मांग के बावजूद उसका उत्पादन अब भी ज्यादा है। प्रतिदिन 7500 मीट्रिक टन के उत्पादन की तुलना में सबसे अधिक संक्रमण वाले 20 राज्यों ने 6785 मीट्रिक टन प्रतिदिन की मांग की है। उत्पादन लगातार बढ़ाया भी जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ बैठक में महाराष्ट्र ने बुधवार को 1500 मीट्रिक टन प्रतिदिन ऑक्सीजन की जरूरत बताई, लेकिन उसे 1661 मीट्रिक टन का आवंटन किया गया। इसी तरह गुजरात की 1000 टन की मांग को देखते हुए 975 टन का आवंटन किया गया। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राज्यों की मांग के अनुरूप कमोवेश ऑक्सीजन का कोटा आवंटित कर दिया गया है। लेकिन राउरकेला, विसाखापट्टनम, जमशेदपुर और बोकारो से महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और पंजाब जैसे राज्यों को समय पर ऑक्सीजन पहुंचाना आसान काम नहीं है।

ऑक्सीजन लाने में लगने वाले समय को घटाने के लिए टैंकर भेजने के लिए ऑक्सीजन एक्सप्रेस जैसी ट्रेन शुरू की गई है। लेकिन यह उपाय भी पर्याप्त साबित नहीं हुआ। कई अस्पतालों से ऑक्सीजन की कमी का अल्टीमेटम जारी होने के बाद खाली टैंकरों को जहाज से पहुंचाने का काम भी शुरू हुआ है। समस्या ऑक्सीजन की उपलब्धता की दूरी की ही नहीं है।

टैंकरों और सिलिंडरों की कमी के कारण नजदीक की उत्पादक इकाइयों से जरूरतमंदों तक ऑक्सीजन पहुंचाना मुश्किल साबित हो रहा है। सरकार एक लाख नए सिलेंडर खरीद रही है, लेकिन उनकी आपूर्ति में समय लगेगा। इसी तरह सरकार ने नाइट्रोजन टैंकरों को ऑक्सीजन के लिए इस्तेमाल करने के साथ ही विदेश से टैंकर आयात करने और नए टैंकर बनाने का आर्डर देने जा रही है। लेकिन इसमें भी समय लगेगा। तब तक सरकार मौजूदा संसाधनों का अधिकतम इस्तेमाल कर सप्लाई सुचारु करने का प्रयास कर रही है।

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