वाराणसी में नकली सोना गिरवी रखकर बैंक से लिया 85 लाख लोन, जेल में बन्द अभियुक्त की जमानत याचिका खारिज

वाराणसी में नकली सोना गिरवी रखकर बैंक से लिया 85 लाख लोन, जेल में बन्द अभियुक्त की जमानत याचिका खारीज

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया / सुनील मिश्रा वाराणसी यूपी

वाराणसी में नकली सोना गिरवी रखकर बैंक से 85 लाख
वाराणसी / नकली सोना गिरवी रखकर बैंक से 85 लाख रुपया लोन लेने के मामले में बुधवार को जेल में बंद एक और आरोपित अंकुर अग्रवाल की जमानत अर्जी जिला जज डा.अजय कृष्ण विश्वेश ने खारिज कर दी। जमानत का विरोध जिला शासकीय अधिवक्ता आलोक चंद्र शुक्ल ने किया। इससे पहले अदालत ने रविन्द्र प्रकाश सेठ की जमानत अर्जी निरस्त की थी।

अभियोजन पक्ष का आरोप था कि स्वर्ण ऋण योजना के तहत सागर कुमार मौर्या समेत नौ आरोपितों ने अर्दली बाजार स्थित केनरा बैंक में लोन के लिए आवेदन किया। इन सबों के साथ साजिश करके आदमपुर थानांतर्गत प्रहलाद घाट के भारद्वाजी टोला निवासी मूल्यांकनकर्ता रविंद्र प्रकाश सेठ ने उन सबों द्वारा जमा किए गए नकली स्वर्ण को असली बताया और इसके समर्थन में स्वर्ण की प्रामाणिकता का प्रमाणपत्र भी दे दिया।बाद में बैंक ने आवेदन करने वाले इन सबों को लगभग 85 लाख लोन दे दिया।

साइबर ठगी के मामलों में सितंबर माह में साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने भुक्तभोगियों के एक लाख 38 हजार 675 रुपये वापस कराए। गत चार सितंबर को महामनापुरी कालोनी निवासी अजय श्रवण तिवारी ने साइबर थाना पर शिकायती दर्ज कराई थी कि उनका कोरियर से क्रेडिट कार्ड आना था, लेकिन देर होने पर गुगल से नंबर प्राप्त कर फोन किया गया। नंबर फ्राड का निकला और 10 रुपये का टोकन भुगतान करवा कर खाते से 9999 रुपये गायब कर दिए गए थे। इस पर साइबर क्राइम थाना द्वारा इलेक्ट्रानिस सॢवलांस सहित अन्य संसाधनों का प्रयोग व संबंधित वालेट/बैंक से लगातार व प्रभावी पत्राचार/वार्ता किया गया। इसके फलस्वरूप एक घंटा के अंदर धोखाधड़ी की संपूर्ण धनराशि को वादी के खाते में वापस कराया गया।

गत सात सितंबर को पुलिस लाइन ट्रैफिक कालोनी निवासी सिपाही सुजीत कुमार राय ने कोरियर से कुछ सामान मंगाया था, लेकिन सामान होल्ड होने पर गुगल से नंबर प्राप्त कर फोन किया गया। नंबर फ्राड का निकला और पांच रुपये का टोकन भुगतान करवा कर खाते से 72092 रुपये गायब कर दिया गया था। इस पर साइबर क्राइम थाना की पुलिस ने 24 घंटे के अंदर ही धोखाधड़ी की संपूर्ण धनराशि वापस कराई गई। इसी तरह एक अन्य मामले भी धनराशि वापस कराई गई। इस कार्रवाई में साइबर थाना प्रभारी निरीक्षक राहुल शुक्ल और उनकी टीम शामिल थी।

Leave a Reply

error: Content is protected !!